रायगढ़: स्वच्छ भारत मिशन इन दिनों ग्रामीण इलाकों में भ्रष्टाचार का जरिया बन गया है. गांव में शौचालय का निर्माण सिर्फ एक औपचारिकता बनकर रह गया है. गांव के ज्यादातर लोग आज भी खुले में शौच जाने को मजबूर हैं. कहने को तो पूरा राज्य ODF घोषित, लेकिन जमीनी स्तर पर हकीकत कुछ और ही है.
लैलूंगा विकासखंड के ग्राम पंचायत घियारमुड़ा के ग्रामीण लंबे समय से मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. गांव में न तो शौचालय का निर्माण कराया गया है और न ही मनरेगा के तहत लोगों को काम मिल रहा है. ग्रामीणों ने सरपंच-सचिव पर सांठगांठ कर शौचालय के काम में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है. घियारमुड़ा के ग्रामीणों का कहना है कि गांव में करीब 75 प्रतिशत शौचालय का काम अबतक अधूरा पड़ा है. ग्रामीणों का कहना है कि शिकायत के बाद भी इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
आवास निर्माण राशि का गबन
इसके साथ ही ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री आवास योजना के काम में भी गड़बड़ी का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना में पहली किस्त की राशि जमा होने के बाद भी आवास कार्य की शुरुआत नहीं हो पाई है. ग्रामीणों ने सचिव पंचराम पटेल पर आवास निर्माण की राशि गबन करने का आरोप लगाया है.
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शौचालय निर्माण में भ्रष्टाचार
स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिले के हर गांव में शौचालय का निर्माण कराया जाना है, लेकिन निर्माण कार्य में लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं. रायगढ़ ओडीएफ जिला है, जिसका मतलब होता है कि खुले में शौच से मुक्त जिला, लेकिन यहां मात्र 6 से 7 शौचालय बनाए गए हैं. छत्तीसगढ़ में कई ऐसे गांव हैं, जहां आज भी शौचालय का निर्माण नहीं कराया गया है. वहीं कुछ गांव ऐसे भी हैं, जहां शौचालय का निर्माण तो कराया गया है, पर शौचालय की हालत इतनी खराब है कि इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.
छत्तीसगढ़ में शौचालय की समस्या
- 13 अगस्त को बेमेतरा के पारधी समुदाय के लोगों ने संसदीय सचिव के काफिले को रोककर उनसे शौचालय और आवास की मांग की थी.
- कोरबा में शौचालय निर्माण में गड़बड़ी, खुले में शौच जाने को मजबूर हैं ग्रामीण.
- बलौदाबाजार के ओडीएफ गांव में आज भी खुले में शौच जाने को मजबूर हैं ग्रामीण.
- कोरिया के कन्या छात्रावास का शौचालय चढ़ा भ्रष्टाचार की भेंट, पूर्व सरपंच पर अनियमितता बरतने का आरोप.
- रायगढ़ में शौचालय निर्माण में धांधली, सिस्टम नहीं ले रहा सुध.