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रायगढ़: अब डोर-टू-डोर कोरोना टेस्ट, वार्डों में लगेंगे शिविर - डोर-टू-डोर होगा कोरोना टेस्ट

रायगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में अब डोर-टू-डोर जाकर कोरोना की जांच की जाएगी. जिले के कलेक्टर ने यह आदेश दिया है. इससे पहले जिले के शहरी क्षेत्रों के हर वार्ड में शिविर लगाकर कोरोना की जांच की जा रही थी.

door to door corona test
डोर-टू-डोर जाकर होगा कोरोना टेस्ट,
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Published : Oct 12, 2020, 4:52 PM IST

रायगढ़: प्रदेशभर में कोरोना संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है. जिले में भी कुल संक्रमितों की संख्या 9 हजार के पार पहुंच गई है. शहरी क्षेत्रों के हर वार्ड में शिविर लगाकर जांच की जा रही है. इसी के साथ अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी डोर-टू-डोर जाकर कोरोना की जांच की जाएगी. कलेक्टर भीम सिंह ने यह आदेश दिया है.

डोर-टू-डोर कोरोना टेस्ट

रायगढ़ कलेक्टर भीम सिंह के आदेश पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एसएन केसरी ने बताया कि जिले में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए ज्यादा से ज्यादा मरीजों की पहचान और इलाज करना जरूरी हो गया है. इसी के मद्देनजर अब ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासन डोर-टू-डोर जाकर कोरोना की जांच करेगा.

कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन मुस्तैद

डॉक्टर केसरी ने बताया कि 'जिले में rt-pcr, ट्रू-नेट और रैपिड एंटीजन से कोरोना की जांच की जा रही है, जिससे ज्यादा से ज्यादा मरीजों की पहचान हो पा रही है. अब घर-घर जाकर जांच करना इसलिए अनिवार्य हो गया है, क्योंकि कोरोना से 85 लोगों की मौत हो चुकी है. लगभग 2 हजार एक्टिव मामले हैं और 9 हजार से अधिक मरीज मिल चुके हैं. ऐसे में ज्यादा से ज्यादा मरीजों की पहचान और उनका जल्द इलाज ही कोरोना से बचा सकता है. इसलिए नगरीय निकायों के वार्डों में शिविर लगाकर और ग्रामीण क्षेत्रों में डोर-टू-डोर जाकर कोरोना जांच किया जाएगा.'

पढ़ें- SPECIAL: मार्निंग वॉक से भी बढ़ती है इम्युनिटी, कोरोना काल में ऐसे रखें सेहत का ख्याल

आगे CMHO ने बताया कि लोगों में कोरोना को लेकर डर का माहौल बना हुआ है. जिन मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है लेकिन लक्षण नहीं है, ऐसे मरीजों को होम आइसोलेशन में रखकर घर में ही इलाज किया जाएगा. साथ ही लक्षण वाले मरीजों को बेहतर इलाज के लिए जिला मुख्यालय और नगरी निकाय क्षेत्रों में बने कोरोना अस्पताल में रखकर इलाज किया जाएगा.

रायगढ़: प्रदेशभर में कोरोना संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है. जिले में भी कुल संक्रमितों की संख्या 9 हजार के पार पहुंच गई है. शहरी क्षेत्रों के हर वार्ड में शिविर लगाकर जांच की जा रही है. इसी के साथ अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी डोर-टू-डोर जाकर कोरोना की जांच की जाएगी. कलेक्टर भीम सिंह ने यह आदेश दिया है.

डोर-टू-डोर कोरोना टेस्ट

रायगढ़ कलेक्टर भीम सिंह के आदेश पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एसएन केसरी ने बताया कि जिले में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए ज्यादा से ज्यादा मरीजों की पहचान और इलाज करना जरूरी हो गया है. इसी के मद्देनजर अब ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासन डोर-टू-डोर जाकर कोरोना की जांच करेगा.

कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन मुस्तैद

डॉक्टर केसरी ने बताया कि 'जिले में rt-pcr, ट्रू-नेट और रैपिड एंटीजन से कोरोना की जांच की जा रही है, जिससे ज्यादा से ज्यादा मरीजों की पहचान हो पा रही है. अब घर-घर जाकर जांच करना इसलिए अनिवार्य हो गया है, क्योंकि कोरोना से 85 लोगों की मौत हो चुकी है. लगभग 2 हजार एक्टिव मामले हैं और 9 हजार से अधिक मरीज मिल चुके हैं. ऐसे में ज्यादा से ज्यादा मरीजों की पहचान और उनका जल्द इलाज ही कोरोना से बचा सकता है. इसलिए नगरीय निकायों के वार्डों में शिविर लगाकर और ग्रामीण क्षेत्रों में डोर-टू-डोर जाकर कोरोना जांच किया जाएगा.'

पढ़ें- SPECIAL: मार्निंग वॉक से भी बढ़ती है इम्युनिटी, कोरोना काल में ऐसे रखें सेहत का ख्याल

आगे CMHO ने बताया कि लोगों में कोरोना को लेकर डर का माहौल बना हुआ है. जिन मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है लेकिन लक्षण नहीं है, ऐसे मरीजों को होम आइसोलेशन में रखकर घर में ही इलाज किया जाएगा. साथ ही लक्षण वाले मरीजों को बेहतर इलाज के लिए जिला मुख्यालय और नगरी निकाय क्षेत्रों में बने कोरोना अस्पताल में रखकर इलाज किया जाएगा.

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