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रायगढ़: निजी स्कूलों में मनमानी फीस वसूली पर लगेगी लगाम, नियामक समिति का होगा गठन - फीस नियामक समिति का गठन

रायगढ़ में निजी स्कूलों में फीस नियंत्रण के लिए फीस नियामक समिति का गठन किया जाएगा. इस समिति का काम निजी स्कूल की फीस बढ़ोतरी के कारणों का सही आकलन करना होगा.

Committee to control arbitrary fee collection
फीस वसूली के नियंत्रण के लिए गठित होगी कमेटी
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Published : Oct 25, 2020, 6:01 PM IST

रायगढ़: कोरोना संक्रमण काल में शासकीय और निजी स्कूल बीते 7 महीने से बंद है. कई संस्थाएं अपने-अपने स्तर पर पढ़ाई करवाकर अभिभावकों को राहत दिलाने के नाम पर अब मोटी फीस वसूलने लगी है. जिसे लेकर प्रशासन ने स्कूल संचालकों को चेतावनी दी है. जिला प्रशासन ने कहा कि यदि पैरेंट्स से बढ़ी हुई फीस वसूली जाती है तो संस्था के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

निजी स्कूलों पर नकेल की तैयारी

हर साल बढ़ाई जाती है फीस

हर साल निजी स्कूल 20 से 30% फीसदी तक स्कूल की फीस बढ़ाते थे. जिसका बोझ अभिभावकों को उठाना पड़ता था. कोरोना संक्रमण के कारण सभी वर्ग पर आर्थिक बोझ पड़ा है. अब जिले में स्कूल फीस नियंत्रण के लिए फीस नियामक समिति का गठन किया जाएगा. इस समिति का काम निजी स्कूल की फीस बढ़ोतरी के कारणों का सही पता लगाना होगा. समिति में अभिभावक, स्कूल मैनेजमेंट और जिला के नोडल अधिकारी भी होंगे.

पढ़ें-बिलासपुर: निजी स्कूलों की फीस वसूली पर हाईकोर्ट ने शासन से मांगा जवाब

रायगढ़ के एक निजी स्कूल के संचालक का इस मामले में कहा कि राज्य सरकार ने निजी स्कूलों में फीस बढ़ोतरी को लेकर फीस नियामक समिति बनाई है. स्कूल के प्रतिनिधि, अभिभावक और सरकार के प्रतिनिधि भी इसमें शामिल है. लेकिन जैसा स्कूल का स्तर और इंफ्रास्ट्रक्चर है उस हिसाब से फीस रखी जाए. फीस बढ़ोतरी कमेटी की सहमति से ही होगी. जिस स्कूल का स्तर अच्छा होगा, वही फीस बढ़ोतरी कर पाएंगे. लेकिन फीस की बढ़ोतरी उतनी ही होनी चाहिए जिससे अभिभावकों को परेशानी ना हो और स्कूल का संचालन भी अच्छे से हो सके. स्कूल मनमाने तरीके से फीस बढ़ोतरी करते हैं. यह कोरोना संक्रमण के दौरान उचित नहीं है.

फीस बढ़ोतरी पर कमेटी लेगी फैसला

जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि शासन से निर्देश मिला है कि प्रत्येक निजी स्कूल में एक व्याख्याता स्तर के नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे. साथ ही कमेटी का भी गठन किया जाएगा. इस कमेटी में कानून के जानकार, ट्रेजरी के अधिकारी, शिक्षाविद रहेंगे. फीस बढ़ोतरी के लिए बैठक में फैसला लिया जाएगा. अभिभावक, स्कूल के प्रतिनिधि, नोडल अधिकारी की सहमति और अनुमोदन के बाद ही फीस की बढ़ोतरी की जा सकेगी. किसी तरह की शिकायतें प्राप्त होने पर उनका समाधान इसी कमेटी के माध्यम से किया जाएगा. सभी निजी विद्यालयों को नियमों के अनुसार फीस निर्धारण करना होगा. अनावश्यक फीस बढ़ोतरी करने वाले स्कूल संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

रायगढ़: कोरोना संक्रमण काल में शासकीय और निजी स्कूल बीते 7 महीने से बंद है. कई संस्थाएं अपने-अपने स्तर पर पढ़ाई करवाकर अभिभावकों को राहत दिलाने के नाम पर अब मोटी फीस वसूलने लगी है. जिसे लेकर प्रशासन ने स्कूल संचालकों को चेतावनी दी है. जिला प्रशासन ने कहा कि यदि पैरेंट्स से बढ़ी हुई फीस वसूली जाती है तो संस्था के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

निजी स्कूलों पर नकेल की तैयारी

हर साल बढ़ाई जाती है फीस

हर साल निजी स्कूल 20 से 30% फीसदी तक स्कूल की फीस बढ़ाते थे. जिसका बोझ अभिभावकों को उठाना पड़ता था. कोरोना संक्रमण के कारण सभी वर्ग पर आर्थिक बोझ पड़ा है. अब जिले में स्कूल फीस नियंत्रण के लिए फीस नियामक समिति का गठन किया जाएगा. इस समिति का काम निजी स्कूल की फीस बढ़ोतरी के कारणों का सही पता लगाना होगा. समिति में अभिभावक, स्कूल मैनेजमेंट और जिला के नोडल अधिकारी भी होंगे.

पढ़ें-बिलासपुर: निजी स्कूलों की फीस वसूली पर हाईकोर्ट ने शासन से मांगा जवाब

रायगढ़ के एक निजी स्कूल के संचालक का इस मामले में कहा कि राज्य सरकार ने निजी स्कूलों में फीस बढ़ोतरी को लेकर फीस नियामक समिति बनाई है. स्कूल के प्रतिनिधि, अभिभावक और सरकार के प्रतिनिधि भी इसमें शामिल है. लेकिन जैसा स्कूल का स्तर और इंफ्रास्ट्रक्चर है उस हिसाब से फीस रखी जाए. फीस बढ़ोतरी कमेटी की सहमति से ही होगी. जिस स्कूल का स्तर अच्छा होगा, वही फीस बढ़ोतरी कर पाएंगे. लेकिन फीस की बढ़ोतरी उतनी ही होनी चाहिए जिससे अभिभावकों को परेशानी ना हो और स्कूल का संचालन भी अच्छे से हो सके. स्कूल मनमाने तरीके से फीस बढ़ोतरी करते हैं. यह कोरोना संक्रमण के दौरान उचित नहीं है.

फीस बढ़ोतरी पर कमेटी लेगी फैसला

जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि शासन से निर्देश मिला है कि प्रत्येक निजी स्कूल में एक व्याख्याता स्तर के नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे. साथ ही कमेटी का भी गठन किया जाएगा. इस कमेटी में कानून के जानकार, ट्रेजरी के अधिकारी, शिक्षाविद रहेंगे. फीस बढ़ोतरी के लिए बैठक में फैसला लिया जाएगा. अभिभावक, स्कूल के प्रतिनिधि, नोडल अधिकारी की सहमति और अनुमोदन के बाद ही फीस की बढ़ोतरी की जा सकेगी. किसी तरह की शिकायतें प्राप्त होने पर उनका समाधान इसी कमेटी के माध्यम से किया जाएगा. सभी निजी विद्यालयों को नियमों के अनुसार फीस निर्धारण करना होगा. अनावश्यक फीस बढ़ोतरी करने वाले स्कूल संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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