रायगढ़: जिले में जुलाई-अगस्त के महीने में बरसात की वजह से नाले उफान पर रहते हैं. इस वजह से शहर की बस्तियों में जलभराव की स्थिति बन जाती है और संक्रामक बीमारियों का खतरा बना रहता है. हर साल 48 वार्डों में से दर्जनभर बस्तियों में नाली का गंदा पानी घुस जाता है. लिहाजा इस बार नगर निगम दो महीने पहले ही नालों और नालियों की साफ-सफाई करा रहा है.
हर साल बारिश का मौसम आने से पहले रायगढ़ नगर निगम नाले और नालियों की साफ-सफाई तो जरूर कराता है, लेकिन इसके बावजूद जलभराव की समस्या बन ही जाती है. नगर निगम आयुक्त का कहना है कि शहर में 20 से 22 नाले हैं. ज्यादातर नालें साफ हो चुके हैं. वहीं मोदीनगर में डुबान की स्थिति होती है, इसलिए 50 लाख रूपय प्रस्तावित करके रिटेनिंग वॉल बनाने का प्रस्ताव रखा गया है. रिटेनिंग वॉल बनने के बाद डुबान वाले नाले में जल स्तर बढ़ने पर भी मोहल्ले में गंदा पानी नहीं घुसेगा.
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इस साल दो बार की जाएगी सफाई
बता दे हर साल बारिश के दिनों में नाले के उफान की वजह से मलेरिया और डेंगू के सैकड़ों मरीज सामने आते हैं. हर बार नगर निगम नाले सफाई कराने की बात कहती है और लाखों रुपए व्यय होता है. इस साल दो बार सफाई कराने की बात कहीं जा रही है. वहीं देखने वाली बात होगी की इससे जलभराव की स्थिति वापस बन जाती है या इस व्यवस्था से वार्डवासियों की परेशानी खत्म होगी.