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Chhattisgarh Anganwadi Workers और सहायिका संघ ने वेतन वृद्धि को लेकर किया धरना प्रदर्शन

8 सूत्रीय मांगों (8 point demands) को लेकर छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता (Chhattisgarh Anganwadi Workers )और सहायिका संघ (Helpers Association protest) ने एक दिवसिय धरना प्रदर्शन किया. धरने में वेतन वृद्धि (Protest for salary hike) सहित 8 मांगों को रखा गया.

Chhattisgarh Anganwadi Workers
छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता
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Published : Nov 30, 2021, 2:22 PM IST

Updated : Nov 30, 2021, 2:44 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता (Chhattisgarh Anganwadi Workers )और सहायिका संघ (Helpers Association protest)नेअपनी 8 सूत्रीय मांग (8 point demands) को लेकर संभाग स्तर पर एक दिवसीय प्रदर्शन कर रही हैं. आंगनबाड़ी में काम करने वाले कार्यकर्ता और सहायिकाओं का कहना है कि इतने कम वेतन में अपना और अपने परिवार को चला पाना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में सरकार को आंगनबाड़ी के कार्यकर्ता और सहायिकाओं का मानदेय बढ़ाना चाहिए (Protest for salary hike). अगर सरकार इस प्रदर्शन के बाद भी इनकी मांगों पर सरकार अमल नहीं करती है तो 10 दिसंबर से छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ प्रदेश स्तर पर अनिश्चितकालीन प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है.

सहायिका संघ ने वेतन वृद्धि को लेकर किया धरना प्रदर्शन

Chhattisgarh में पुराने बारदाने में ही होगी धान खरीदी: कृषि मंत्री रविंद्र चौबे

कम राशि में घर चलाना हो रहा मुश्किल

दरअसल, सोमवार को राजधानी के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ ने अपनी 8 सूत्रीय मांग को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. आंगनबाड़ी में काम करने वाले कार्यकर्ता और सहायिकाओं का मानदेय काफी कम है. आंगनबाड़ी में काम करने वाले एक कार्यकर्ता को सरकार की ओर से मानदेय के रूप में 6500 रुपये और एक सहायिका को महज 3500 रुपए मिलते हैं. ऐसे में वो अपना और अपने परिवार का गुजर बसर कम राशि में कैसे करेंगी ये उनके लिए चिंता का विषय है. साथ ही कार्यकर्ता और सहायिका की ड्यूटी पोलियो ड्रॉप, कोरोना, चुनाव ड्यूटी सहित शासन के द्वारा किए जाने वाले दूसरे कामों में भी इनसे मदद ली जाती है. पूरे प्रदेश में लगभग 1 लाख आंगनबाड़ी है, जिसमें कार्यकर्ता और सहायिका की संख्या 2 लाख है.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ की 8 सूत्रीय मांग......

  • शिक्षाकर्मियों की तरह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका को भी शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए, जब तक जीने लायक वेतन कम से कम मध्यप्रदेश में 10 हजार रुपए दिया जा रहा है चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादे को सरकार पूरा करें.
  • मिनी आंगनबाड़ी को पूर्ण आंगनबाड़ी बनाया जाए.
  • सुपरवाइजर के रिक्त पदों को शत प्रतिशत वरिष्ठता के क्रम में कार्यकर्ताओं से शीघ्र भरा जाए.
  • कार्यकर्ता के रिक्त पदों को सहायिकाओ से ही भरा जाए 25% के बंधन को समाप्त किया जाए.
  • मासिक पेंशन ग्रेच्युटी और समूह बीमा का लाभ दिया जाए.
  • मोबाइल नेट चार्ज और मोबाइल भत्ता दिया जाए इस दौरान मोबाइल से कोई कार्य ना लिया जाए चुनाव में बीएलओ का कार्य भी मोबाइल से ना लिया जाए.
  • आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं से सेवा के दरमियान आकस्मिक मृत्यु होने पर परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति दिया जाए और कोविड-19 में कार्य करने वाले को प्रोत्साहन राशि प्रदान किया जाए.
  • विभिन्न कारणों से सेवा मुक्त किए गए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका को निशर्त सेवा में पुनः बहाल किया जाए.

रायपुर: छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता (Chhattisgarh Anganwadi Workers )और सहायिका संघ (Helpers Association protest)नेअपनी 8 सूत्रीय मांग (8 point demands) को लेकर संभाग स्तर पर एक दिवसीय प्रदर्शन कर रही हैं. आंगनबाड़ी में काम करने वाले कार्यकर्ता और सहायिकाओं का कहना है कि इतने कम वेतन में अपना और अपने परिवार को चला पाना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में सरकार को आंगनबाड़ी के कार्यकर्ता और सहायिकाओं का मानदेय बढ़ाना चाहिए (Protest for salary hike). अगर सरकार इस प्रदर्शन के बाद भी इनकी मांगों पर सरकार अमल नहीं करती है तो 10 दिसंबर से छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ प्रदेश स्तर पर अनिश्चितकालीन प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है.

सहायिका संघ ने वेतन वृद्धि को लेकर किया धरना प्रदर्शन

Chhattisgarh में पुराने बारदाने में ही होगी धान खरीदी: कृषि मंत्री रविंद्र चौबे

कम राशि में घर चलाना हो रहा मुश्किल

दरअसल, सोमवार को राजधानी के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ ने अपनी 8 सूत्रीय मांग को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. आंगनबाड़ी में काम करने वाले कार्यकर्ता और सहायिकाओं का मानदेय काफी कम है. आंगनबाड़ी में काम करने वाले एक कार्यकर्ता को सरकार की ओर से मानदेय के रूप में 6500 रुपये और एक सहायिका को महज 3500 रुपए मिलते हैं. ऐसे में वो अपना और अपने परिवार का गुजर बसर कम राशि में कैसे करेंगी ये उनके लिए चिंता का विषय है. साथ ही कार्यकर्ता और सहायिका की ड्यूटी पोलियो ड्रॉप, कोरोना, चुनाव ड्यूटी सहित शासन के द्वारा किए जाने वाले दूसरे कामों में भी इनसे मदद ली जाती है. पूरे प्रदेश में लगभग 1 लाख आंगनबाड़ी है, जिसमें कार्यकर्ता और सहायिका की संख्या 2 लाख है.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ की 8 सूत्रीय मांग......

  • शिक्षाकर्मियों की तरह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका को भी शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए, जब तक जीने लायक वेतन कम से कम मध्यप्रदेश में 10 हजार रुपए दिया जा रहा है चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादे को सरकार पूरा करें.
  • मिनी आंगनबाड़ी को पूर्ण आंगनबाड़ी बनाया जाए.
  • सुपरवाइजर के रिक्त पदों को शत प्रतिशत वरिष्ठता के क्रम में कार्यकर्ताओं से शीघ्र भरा जाए.
  • कार्यकर्ता के रिक्त पदों को सहायिकाओ से ही भरा जाए 25% के बंधन को समाप्त किया जाए.
  • मासिक पेंशन ग्रेच्युटी और समूह बीमा का लाभ दिया जाए.
  • मोबाइल नेट चार्ज और मोबाइल भत्ता दिया जाए इस दौरान मोबाइल से कोई कार्य ना लिया जाए चुनाव में बीएलओ का कार्य भी मोबाइल से ना लिया जाए.
  • आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं से सेवा के दरमियान आकस्मिक मृत्यु होने पर परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति दिया जाए और कोविड-19 में कार्य करने वाले को प्रोत्साहन राशि प्रदान किया जाए.
  • विभिन्न कारणों से सेवा मुक्त किए गए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका को निशर्त सेवा में पुनः बहाल किया जाए.
Last Updated : Nov 30, 2021, 2:44 PM IST
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