रायगढ़: प्रदेश में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी चल रही है. खरीदी के दौरान पारदर्शिता का ध्यान नहीं रखा जा रहा है. झिकीपाली उपार्जन केंद्र में खरीदी की जा चुकी धान को उपार्जन केंद्र में दोबारा बेचने का गंभीर मामला सामने आया है. श्री हनुमान राइस प्रोडक्ट पर खरीदी किए गए धान को मिलींग करने के लिए राइस मिल लाने के बजाय दोबारा किसान के घर पर रखने के आरोप हैं.
श्री हनुमान राइस प्रोडक्ट के नाम से डीओ कटा था. 240 बोरा सरना धान का डीओ 21 दिसंबर को जारी हुआ था. झिकीपाली उपार्जन केंद्र से श्री हनुमान राइस प्रोडक्ट (राइस मिल ) तक धान परिवहन अधिकृत किया गया. वाहन मालिक मनोज अग्रवाल को डीओ जारी हुआ. मिलर्स का पुराना बारदाना 120 और पीडीएस का 120 कुल मिला कर 240 बोरा (96 क़्विंटल) को ड्राइवर लोड करा कर निकला था. लेकिन वाहन को राइस मिल न ले जाकर पुरैनपाली में एक किसान के घर ले जाया गया.
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गड़बड़ी का पता न चले इसके लिए सरकारी बारदानों से धान की बोरी काट दी गई. ताकि फिर से उसे फटे पुराने बारदानों में भरकर मंडी में खापाया जा सके. सारे खेल में मिलर्स, परिवहनकर्ता ही शामिल नहीं है. कुछ सफेदपोश चेहरे भी है. सरकारी अधिकारियों के काम पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
सरकार के दावे फेल
धान खरीदी व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के सरकारी दावों की पोल झिकीपाली उपार्जन केंद्र ने खोल कर रख दी है. ऑनलाइन व्यवस्था के बाद भी गड़बड़ी करने वाले सामने आ रहे हैं. किसानों को नियम कायदे का धौंस दिखाकर उनके बेचे हुए धान पर अपना हक जाता रहे हैं. बिचौलियों को लेकर सरकार के सारे दावे फेल नजर आ रहे हैं.