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खट्टी-मीठी इमली कैंडी का चटखारा जल्द ले सकेंगे आप, लड्डू भी घोलेंगे मिठास

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Published : Apr 30, 2020, 11:01 AM IST

Updated : Apr 30, 2020, 4:03 PM IST

नारायणपुर के गढ़बेंगाल गांव की महिलाएं बेसन के लड्डू, चावल के लड्डू, इमली की कैंडी और अचार बना रही हैं. विभिन्न स्वसहायता समूह की महिलाएं लॉकडाउन के बीच तरह-तरह की चीजें खाने के लिए बना रही हैं और इससे उन्हें रोजगार भी मिल रहा है.

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बेसन के लडडू बना रही महिलाएं

नारायणपुर: कोरोना वायरस ने हर किसी की कमर तोड़कर रख दी है. इससे अर्थव्यवस्था भी लुढ़कती हुई दिख रही है. लॉकडाउन के कारण ग्रामीण इलाकों में भी रोजी-रोटी की चिंता लोगों को सताने लगी है, लेकिन ऐसे समय में भी महिला स्वसहायता समूह की महिलाएं खुद रोजगार ढूंढकर अपना जीवनयापन कर रही हैं. इतना ही नहीं वे अपने साथ-साथ दूसरों को भी रोजगार मुहैया करा रही हैं.

इमली की कैंडी बना रही महिलाएं

नारायणपुर के गढ़बेंगाल गांव की महिलाएं बेसन के लड्डू, चावल के लड्डू, इमली का अचार बना रही हैं. वहीं 'मां गायत्री समूह' की महिलाएं इमली कैंडी बना रही हैं. इनकी बनाई गई सभी चीजें 'अबूझमाड़ बिहान मार्ट' में उपलब्ध कराई जाएंगी, जहां से लोग इन्हें खरीद सकेंगे. ये महिलाएं पिछले कई सालों से इस काम को कर रही हैं, जिससे इनका गुजर-बसर होता है.

Members of Bihan women's group are making pickles in narayanpur
इमली का अचार बना रही महिलाएं

लॉकडाउन की वजह से खरीदारी में कमी

बिहान महिला समूह की सदस्य बताती हैं कि राज्य के कई जिलों के साथ ही स्थानीय स्तर पर इन सभी चीजों की अच्छी-खासी मांग रहती है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से इनकी बिक्री पर अभी ब्रेक लग गया है, जिसे देखते हुए स्थानीय जिला पंचायत विशेषकर आर्थिक तौर पर काफी मदद कर रहा है. ये महिलाएं ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार लाने में काफी मददगार साबित हो रही हैं. ये अपने साथ-साथ दूसरों को भी रोजगार मुहैया करा रही हैं.

Members of Bihan women's group are making pickles in narayanpur
बेसन के लडडू बना रही महिलाएं

पात्रता के हिसाब से दिया जाता है प्रशिक्षण

बिहान महिला समूह की सदस्य ने बताया कि नारायणपुर में विभिन्न विभागों की योजनाओं में पात्रता के हिसाब से इन्हें प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें. इसमें सिलाई-कढ़ाई से लेकर अचार-पापड़ तक बनाना सिखाया जाता है, जिससे इन्हें रोजगार मिल रहा है.

नारायणपुर: कोरोना वायरस ने हर किसी की कमर तोड़कर रख दी है. इससे अर्थव्यवस्था भी लुढ़कती हुई दिख रही है. लॉकडाउन के कारण ग्रामीण इलाकों में भी रोजी-रोटी की चिंता लोगों को सताने लगी है, लेकिन ऐसे समय में भी महिला स्वसहायता समूह की महिलाएं खुद रोजगार ढूंढकर अपना जीवनयापन कर रही हैं. इतना ही नहीं वे अपने साथ-साथ दूसरों को भी रोजगार मुहैया करा रही हैं.

इमली की कैंडी बना रही महिलाएं

नारायणपुर के गढ़बेंगाल गांव की महिलाएं बेसन के लड्डू, चावल के लड्डू, इमली का अचार बना रही हैं. वहीं 'मां गायत्री समूह' की महिलाएं इमली कैंडी बना रही हैं. इनकी बनाई गई सभी चीजें 'अबूझमाड़ बिहान मार्ट' में उपलब्ध कराई जाएंगी, जहां से लोग इन्हें खरीद सकेंगे. ये महिलाएं पिछले कई सालों से इस काम को कर रही हैं, जिससे इनका गुजर-बसर होता है.

Members of Bihan women's group are making pickles in narayanpur
इमली का अचार बना रही महिलाएं

लॉकडाउन की वजह से खरीदारी में कमी

बिहान महिला समूह की सदस्य बताती हैं कि राज्य के कई जिलों के साथ ही स्थानीय स्तर पर इन सभी चीजों की अच्छी-खासी मांग रहती है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से इनकी बिक्री पर अभी ब्रेक लग गया है, जिसे देखते हुए स्थानीय जिला पंचायत विशेषकर आर्थिक तौर पर काफी मदद कर रहा है. ये महिलाएं ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार लाने में काफी मददगार साबित हो रही हैं. ये अपने साथ-साथ दूसरों को भी रोजगार मुहैया करा रही हैं.

Members of Bihan women's group are making pickles in narayanpur
बेसन के लडडू बना रही महिलाएं

पात्रता के हिसाब से दिया जाता है प्रशिक्षण

बिहान महिला समूह की सदस्य ने बताया कि नारायणपुर में विभिन्न विभागों की योजनाओं में पात्रता के हिसाब से इन्हें प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें. इसमें सिलाई-कढ़ाई से लेकर अचार-पापड़ तक बनाना सिखाया जाता है, जिससे इन्हें रोजगार मिल रहा है.

Last Updated : Apr 30, 2020, 4:03 PM IST
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