नारायणपुरः नारायणपुर ओरछा मार्ग को ग्रामीणों ने सोमवार को जाम कर दिया. वह यहां सड़क, कैंप आदि 11 सूत्रीय मांगों को लेकर लामबद्ध थे. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगाया.
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सड़क पर आवागमन ठप
जिले के ओरछा मुख्य मार्ग पर बटुम से मण्डली तक हजारों की संख्या में लोग धरने पर बैठ गए. नारायणपुर ओरछा मार्ग पर आवागमन पूरी तरह से बंद कर दिया. धरना-प्रदर्शन कर रहे लोग अपने पारंपरिक हथियारों में तीर-धनुष आदि के साथ मुस्तैद थे. उन्होंने दोटूक कहा कि मांगें पूरी नहीं होने तक धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा.
ओरछा मार्ग पूरी तरह बाधित
ग्रामीणों द्वारा किये जा रहे धरने के कारण ओरछा मार्ग अब पूरी तरह बाधित हो गया है. जिसके कारण स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है. पारम्परिक हथियारों के साथ हजारों ग्रामीणों में बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं. कई नाबालिक बच्चे और बूढ़े भी तीर धनुष, टंगिया लेकर धरना देने पहुंचे हैं. नारायणपुर जिले का अबूझमाड़ का इलाका घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र माना जाता है. दूसरी ओर नक्सलवाद के खात्मे के लिए अंदरूनी इलाकों में पुलिस कैम्प भी खोले जा रहे हैं और नक्सलियो का सफाया किया जा रहा है, जिसके विरोध में आज ग्रामीण एक बार फिर लामबंद होते नजर आ रहे है. वहीं ग्रामीणों द्वारा किये जा रहे धरना प्रदर्शन को लेकर जिला प्रशासन का कोई भी नुमाइंदा ग्रामीणों से बात करने नहीं पहुचा है.
पेशा कानून को लेकर हजारों ग्रामीण हुए लामबंद
छोटेडोंगर में नारायणपुर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, बस्तर, जगदलपुर जिले के हजारों ग्रामीण अपने पारंपरिक हथियार तीर धनुष कुल्हाड़ी लेकर छोटे डोंगर नए खेल मैदान में आंदोलन पर बैठ गए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि बस्तर में आदिवासियों के लिए शासन ने पेशा कानून तो लागू किया है, लेकिन इसका सही ढंग से पालन नहीं हो रहा है, जिस कारण हम आदिवासियों को हमारा जल, जंगल, जमीन का अधिकार नहीं मिल रहा है.