नारायणपुर : भारत सरकार ने 25 दिसंबर 2000 को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की शुरुआत की थी. इस योजना का प्रमुख उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में 500 या इससे अधिक आबादी वाले सड़क-संपर्क से वंचित गांवों को बारहमासी सड़कों से जोड़ना है. अब इस योजना की आड़ में नारायणपुर जिले में भ्रष्टाचार अपने पैर पसार रहा है. इस योजना के तहत जिले के अधिकांश क्षेत्रों में जमकर भ्रष्टाचार और गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य किया जा रहा है.
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत नारायणपुर जनपद के ग्राम ब्रहबेड़ा से मेटाडोंगरी तक लगभग चार किलोमीटर की सड़क बनाई जा रही है. जिसकी लागत 181.78 लाख रुपये है. निर्माण का काम 2018 में शुरू किया गया था. निर्माण की अवधि 1 साल बताई जा रही है. ग्रामीणों की माने तो ठेकेदार आधा-अधूरा काम छोड़कर वहां से चले गए हैं. ये सड़क मैसर्स लेखराम साहू बना रहे थे, जिसका क्रियान्वयन पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग बताया जा रहा है.
![Villagers accused contractor of corruption in road construction in narayanpur](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-npr-02-prime-road-avb-cgc10106_02042021063226_0204f_1617325346_175.jpg)
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ग्रामीणों ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप
ब्रहबेड़ा के आश्रित ग्राम सरगीपाल के ग्रामीणों ने ठेकेदार और अधिकारियों पर मिलीभगत कर लाखों रुपये का भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है. ग्रामीणों का कहना है कि ये सड़क अब परेशानी बन गया है. ठेकेदार गिट्टी बिछाकर चले गए हैं इस वजह से यहां से गुजरने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. गुणवत्ताविहीन सड़क निर्माण का आलम यह है कि पूरी सड़क में गिट्टी फैल गई है जिसकी शिकायत पंचायत स्तर पर कई बार की गई, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई.
अधिकारी-कर्मचारी पर मिलीभगत का आरोप
ग्रामीणों ने इस भ्रष्टाचार में अधिकारी-कर्मचारियों के शामिल होने का आरोप लगाया है.ग्रामीणों ने बताया कि अभियंता से लेकर आला अधिकारी तक इस भ्रष्टाचार में शामिल हैं. ग्रामीण तीन साल से इस सड़क की शिकायत कर रहे हैं, लेकिन न तो विभाग और न ही जनप्रतिनिधि कोई कार्रवाई कर रहे हैं.
केंद्र की टीम करती है जांच
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क कार्यपालन अभियंता ने बताया कि बहुत लंबा काम था इसलिए समय लगा. कोरोना काल में कम बंद होने की वजह से समय ज्यादा लग रहा है. आने वाले एक महीने में काम चालू होगा और जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा. ग्रामीणों के लगाए आरोप पर उन्होंने कहा कि इस तरह का आरोप लगाना गलत है अभी तक किसी ने भी कार्यालय आकर इसकी शिकायत नहीं की है. गुणवत्ताहीन निर्माण के लिए उन्होंने कहा कि इसके लिए केंद्र से जांच की टीम आती है जो सड़क की गुणवत्ता की पूरी जांच करती है.