ETV Bharat / state

Narayanpur News : बिहान योजना के वाहन ने महिलाओं को बनाया कर्जदार, अफसर पर लगा बड़ा आरोप - कबीर पंथ स्व सहायता समूह

नारायणपुर के दंडवन में महिला स्व सहायता समूह को बिहान योजना के तहत वाहन उपलब्ध कराया गया था.लेकिन महिलाओं को धोखे में रखकर वाहन को किसी और जगह चलवाया गया. इस दौरान ना तो वाहन की किस्त जमा हुई और ना ही वाहन का किराया महिला समूहों को दिया गया.अब बीपीएम पर महिलाओं के साथ धोखा करने के आरोप लग रहे हैं.

Narayanpur News
बिहान योजना के वाहन ने महिलाओं को बनाया कर्जदार
author img

By

Published : Jun 23, 2023, 2:13 PM IST

Updated : Jun 23, 2023, 6:27 PM IST

बिहान योजना के वाहन ने महिलाओं को बनाया कर्जदार

नारायणपुर : दंडवन के कबीर पंथ स्व सहायता समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने बिहान योजना के तहत मदद की गई. जिसके तहत डीएमएफ मद से लगभग 5 लाख रुपए की चार पहिया मैजिक वाहन अनुदान में 2.40 लाख लोन से जिला पंचायत नारायणपुर में पांच वर्ष पहले दिया गया.कुछ दिनों बाद वाहन को दूसरे ने चलाया.लेकिन महिलाओं को एग्रीमेंट के अनुसार भुगतान नहीं होने से लोन की राशि बैंक में जमा नहीं हो पाई.इसी वजह से महिला समूह डिफाल्टर हो गया और महिलाएं कर्जदार हो गईं. अब महिलाएं अधिकारी और जिला पंचायत के चक्कर लगाने को मजबूर हैं.

महिलाओं को लोन पर दिलवाया वाहन : पूरा मामला ग्राम दंडवन में कबीर पंथ स्व सहायता समूह की महिलाओं से जुड़ा है. जहां डीएमएफ मद से लगभग 5 लाख रुपए की चार पहिया वाहन आधे अनुदान में समूह की महिलाओं को दिया गया था. इसके बाद गांव में समूह की महिलाओं ने वाहन को अपने हिसाब से संचालित कर रही थी. एक माह बाद जनपद पंचायत के अधिकारी जाकर स्व सहायता समूह की महिलाओं से मैजिक वाहन के बीमा करवाने के नाम से 60 हजार रुपए की मांग की. समूह की महिलाओं ने बीमा राशि नहीं दी तो अधिकारी वाहन लेकर नारायणपुर पहुंचे.इस बीच 3 महीने तक अधिकारियों ने वाहन को अपने पास रखा.

अफसर ने महिलाओं को कार्रवाई का दिखाया डर : इसके बाद समूह की महिलाओं को बैंक का लोन चुकाने का दबाव बनाया गया.अफसर ने महिलाओं को गाड़ी बेचने के लिए मजबूर किया.कार्रवाई की डर से महिलाओं ने अफसर ने जैसा कहा वैसा ही महिलाओं ने किया. जिसके बाद जनपद पंचायत नारायणपुर बिहान का अधिकारी बीपीएम ने एक निजी लव डब स्कूल के संचालक के साथ 8 हजार महीना देने की शर्त पर घर से स्कूल तक लाने और वापस घर छोड़ने का कार्य में लगा दिया.स्कूल संचालक टाटा मैजिक वाहन का उपयोग 2 साल तक अपने स्कूल में बच्चों को लाने और छोड़ने का कार्य किया करता था.

स्कूल संचालक ने गाड़ी का इस्तेमाल करने के बाद झाड़ा पल्ला : इस बीच स्व सहायता समूह की महिलाओं को 2 साल तक लव डब स्कूल के संचालक ने कोई किराया नहीं दिया. महिलाओं ने स्कूल संचालक से बात की तो स्कूल संचालक का जवाब आया मैं तो गाड़ी में बहुत खर्च करवाया हूं ड्राइवर को पैसा दिया हूं डीजल का पैसा दिया, मेरे पास पैसा नहीं बचा है. ऐसा कहते हुए स्कूल संचालक ने अपना पल्ला झाड़ लिया.स्कूल संचालक के इस जवाब को सुनकर समूह की महिलाएं दुखी हुई और वापस फिर बीपीएम अधिकारी से मिलने पहुंची.

फिर से महिलाओं के साथ धोखा : बीपीएम अधिकारी ने इसके बाद दूसरे व्यक्ति इसाक बड़गुजार से संपर्क करके गाड़ी किराए पर लगवा दी. इसाक ने भी गाड़ी एक साल तक चलाई लेकिन महिलाओं को एक भी पैसा नहीं दिया. जिसके बाद महिलाओं ने कलेक्टर से शिकायत करने की बात कही.जिस पर महिलाओं को इसाक ने दस हजार देकर मामला शांत कराया.लेकिन बाद में इसाक ने भी पैसा नहीं दिया. लिहाजा महिलाओं ने जिला पंचायत सीईओ से शिकायत करनी चाही.लेकिन अफसर के नहीं मिलने के कारण मीडिया को जानकारी दी.

अमृतकाल में बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं ग्रामीण
अबूझमाड़ में मोबाइल कनेक्टिविटी मिलने से ग्रामीण और बच्चों को मिलेगा लाभ
हर्राकोठी में मवेशी तस्करी के कारण विवाद, ग्रामीणों ने की शिकायत

महिलाओं का सता रहा कार्रवाई का डर :आपको बता दें कि समूह की महिलाओं को दिए गए वाहन की लोन किस्त पांच साल में पूरी करनी थी. लेकिन लोन की किस्तें जमा नहीं हुई.अब महिलाओं को डर है कि उन्हें बैंक से डिफाल्टर घोषित ना कर दिया जाए. इस मामले पर आम आदमी पार्टी ने महिलाओं को परेशान करने का आरोप लगाया है.वहीं बीजेपी ने अफसरों की मिलीभगत का आरोप लगाते हुए जांच कराने की मांग की है. इस मामले में बीपीएम आशुतोष ने समूह की सभी आरोपों को नकारा है, वहीं जिला पंचायत सीईओ देवेश कुमार ध्रुव ने जांच करने की बात की है.

बिहान योजना के वाहन ने महिलाओं को बनाया कर्जदार

नारायणपुर : दंडवन के कबीर पंथ स्व सहायता समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने बिहान योजना के तहत मदद की गई. जिसके तहत डीएमएफ मद से लगभग 5 लाख रुपए की चार पहिया मैजिक वाहन अनुदान में 2.40 लाख लोन से जिला पंचायत नारायणपुर में पांच वर्ष पहले दिया गया.कुछ दिनों बाद वाहन को दूसरे ने चलाया.लेकिन महिलाओं को एग्रीमेंट के अनुसार भुगतान नहीं होने से लोन की राशि बैंक में जमा नहीं हो पाई.इसी वजह से महिला समूह डिफाल्टर हो गया और महिलाएं कर्जदार हो गईं. अब महिलाएं अधिकारी और जिला पंचायत के चक्कर लगाने को मजबूर हैं.

महिलाओं को लोन पर दिलवाया वाहन : पूरा मामला ग्राम दंडवन में कबीर पंथ स्व सहायता समूह की महिलाओं से जुड़ा है. जहां डीएमएफ मद से लगभग 5 लाख रुपए की चार पहिया वाहन आधे अनुदान में समूह की महिलाओं को दिया गया था. इसके बाद गांव में समूह की महिलाओं ने वाहन को अपने हिसाब से संचालित कर रही थी. एक माह बाद जनपद पंचायत के अधिकारी जाकर स्व सहायता समूह की महिलाओं से मैजिक वाहन के बीमा करवाने के नाम से 60 हजार रुपए की मांग की. समूह की महिलाओं ने बीमा राशि नहीं दी तो अधिकारी वाहन लेकर नारायणपुर पहुंचे.इस बीच 3 महीने तक अधिकारियों ने वाहन को अपने पास रखा.

अफसर ने महिलाओं को कार्रवाई का दिखाया डर : इसके बाद समूह की महिलाओं को बैंक का लोन चुकाने का दबाव बनाया गया.अफसर ने महिलाओं को गाड़ी बेचने के लिए मजबूर किया.कार्रवाई की डर से महिलाओं ने अफसर ने जैसा कहा वैसा ही महिलाओं ने किया. जिसके बाद जनपद पंचायत नारायणपुर बिहान का अधिकारी बीपीएम ने एक निजी लव डब स्कूल के संचालक के साथ 8 हजार महीना देने की शर्त पर घर से स्कूल तक लाने और वापस घर छोड़ने का कार्य में लगा दिया.स्कूल संचालक टाटा मैजिक वाहन का उपयोग 2 साल तक अपने स्कूल में बच्चों को लाने और छोड़ने का कार्य किया करता था.

स्कूल संचालक ने गाड़ी का इस्तेमाल करने के बाद झाड़ा पल्ला : इस बीच स्व सहायता समूह की महिलाओं को 2 साल तक लव डब स्कूल के संचालक ने कोई किराया नहीं दिया. महिलाओं ने स्कूल संचालक से बात की तो स्कूल संचालक का जवाब आया मैं तो गाड़ी में बहुत खर्च करवाया हूं ड्राइवर को पैसा दिया हूं डीजल का पैसा दिया, मेरे पास पैसा नहीं बचा है. ऐसा कहते हुए स्कूल संचालक ने अपना पल्ला झाड़ लिया.स्कूल संचालक के इस जवाब को सुनकर समूह की महिलाएं दुखी हुई और वापस फिर बीपीएम अधिकारी से मिलने पहुंची.

फिर से महिलाओं के साथ धोखा : बीपीएम अधिकारी ने इसके बाद दूसरे व्यक्ति इसाक बड़गुजार से संपर्क करके गाड़ी किराए पर लगवा दी. इसाक ने भी गाड़ी एक साल तक चलाई लेकिन महिलाओं को एक भी पैसा नहीं दिया. जिसके बाद महिलाओं ने कलेक्टर से शिकायत करने की बात कही.जिस पर महिलाओं को इसाक ने दस हजार देकर मामला शांत कराया.लेकिन बाद में इसाक ने भी पैसा नहीं दिया. लिहाजा महिलाओं ने जिला पंचायत सीईओ से शिकायत करनी चाही.लेकिन अफसर के नहीं मिलने के कारण मीडिया को जानकारी दी.

अमृतकाल में बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं ग्रामीण
अबूझमाड़ में मोबाइल कनेक्टिविटी मिलने से ग्रामीण और बच्चों को मिलेगा लाभ
हर्राकोठी में मवेशी तस्करी के कारण विवाद, ग्रामीणों ने की शिकायत

महिलाओं का सता रहा कार्रवाई का डर :आपको बता दें कि समूह की महिलाओं को दिए गए वाहन की लोन किस्त पांच साल में पूरी करनी थी. लेकिन लोन की किस्तें जमा नहीं हुई.अब महिलाओं को डर है कि उन्हें बैंक से डिफाल्टर घोषित ना कर दिया जाए. इस मामले पर आम आदमी पार्टी ने महिलाओं को परेशान करने का आरोप लगाया है.वहीं बीजेपी ने अफसरों की मिलीभगत का आरोप लगाते हुए जांच कराने की मांग की है. इस मामले में बीपीएम आशुतोष ने समूह की सभी आरोपों को नकारा है, वहीं जिला पंचायत सीईओ देवेश कुमार ध्रुव ने जांच करने की बात की है.

Last Updated : Jun 23, 2023, 6:27 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.