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Unique protest of Anganwadi workers नारायणपुर में निकली आंगनबाड़ी वर्कर्स की दांडी यात्रा - दांडी यात्रा निकालकर विरोध प्रदर्शन

नारायणपुर जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका बीते 33 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं.अपनी मांगों को लेकर सरकार की वादाखिलाफी बताकर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. जिसमें महिलाओं ने महात्मा गांधी की सत्याग्रह की तर्ज पर नगर में दांडी यात्रा निकालकर विरोध प्रदर्शन किया.

Unique protest of Anganwadi workers
नारायणपुर में निकली आंगनबाड़ी वर्कर्स की दांडी यात्रा
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Published : Feb 25, 2023, 6:44 PM IST

Updated : Feb 25, 2023, 7:58 PM IST

नारायणपुर : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की दांडी यात्रा के तर्ज पर शनिवार को जिले के सैकड़ों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने पैदल मार्च निकाला.सामने महात्मा गांधी के वेश में एक लाठी लिए हुए तो पीछे महात्मा गांधी के चित्र को लेकर एक कतार से धरना स्थल बखरूपारा से सैकड़ों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं निकले. राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए नगर के मुख्य मांगों से दांडी यात्रा निकाली और जमकर राज्य सरकार के वादाखिलाफी पर नारे बाजी की गई .आंदोलन में शामिल सभी महिलाएं हाथों में लाठी लिए दिखीं.



गांधीजी की तर्ज पर आंदोलन : आंगनबाड़ी कार्यकर्ता जिला अध्यक्ष देशंतरी भद्र ने बताया कि " जिस तरह से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने दांडी यात्रा सत्याग्रह नमक के लिए निकाली थी. उसी प्रकार जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं ने नमक के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की वादाखिलाफी को लेकर बखरूपारा से नगर के मुख्य मार्ग में दांडी यात्रा निकालकर हल्ला बोला है".

सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप : कार्यकर्ताओं ने बताया कि '' 33 दिनों से हम हड़ताल पर हैं .छत्तीसगढ़ की सोई हुई सरकार को जगाने का प्रयास किया जा रहा है. 4 साल बीतने के बाद भी वादा पूरा नहीं किया गया. जिसके कारण सभी आंगनबाड़ी केंद्र में ताले लगे हैं. मुख्यमंत्री का सुपोषण अभियान भी जिले फेल हुआ है, जितने कुपोषण जिले में थे. अब आंगनबाड़ी बंद होने के कारण इसकी संख्या बढ़ गई है. 33 दिनों से आंगनबाड़ी बंद है. गर्भवती माताओं को गर्म भोजन नहीं मिल पा रहा. गर्भवती माताओं का समय में टीकाकरण नहीं हो रहा. 10 फरवरी को कृमि नाशक मुक्त दिवस था. बच्चों को खिलाया नहीं गया. बच्चे घरों में आकर बता रहे हम गोली नहीं खाए हैं. एक दिन कोई काम करके दिखाएं. हम आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका कितना काम करते हैं हमें काम के बदले दाम नहीं दिया जा रहा.''

ये भी पढ़ें- नारायणपुर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का सड़क पर संग्राम

काम ज्यादा लेकिन मेहनताना कम का आरोप : सियाबति हुपेंडी आंगनबाड़ी सहायिका ने बताया कि '' सुबह से लेकर शाम तक हमारा काम सिर्फ आंगनबाड़ी के काम में ही बीत जाता है. आंगनबाड़ी खोलने के बाद बच्चों को घरों में लाने जाते हैं .उसके बाद छोड़ते हैं.पांच प्रकार का भोजन बनता है. जिसमें रोटी ,अंडा, दाल, सब्जी, चावल शामिल है.आंगनबाड़ी बंद होने से गर्भवती महिलाओं को प्रभाव पड़ा है, बच्चों को प्रभाव पड़ा है,बच्चे इधर उधर भटक रहे हैं, रेडी टू ईट गोदाम में पड़ा है वितरण नहीं किया गया है.अब तो बच्चे भी पूछे लगे हैं कि दीदी आंगनबाड़ी कब खुलेगा.''

नारायणपुर : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की दांडी यात्रा के तर्ज पर शनिवार को जिले के सैकड़ों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने पैदल मार्च निकाला.सामने महात्मा गांधी के वेश में एक लाठी लिए हुए तो पीछे महात्मा गांधी के चित्र को लेकर एक कतार से धरना स्थल बखरूपारा से सैकड़ों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं निकले. राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए नगर के मुख्य मांगों से दांडी यात्रा निकाली और जमकर राज्य सरकार के वादाखिलाफी पर नारे बाजी की गई .आंदोलन में शामिल सभी महिलाएं हाथों में लाठी लिए दिखीं.



गांधीजी की तर्ज पर आंदोलन : आंगनबाड़ी कार्यकर्ता जिला अध्यक्ष देशंतरी भद्र ने बताया कि " जिस तरह से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने दांडी यात्रा सत्याग्रह नमक के लिए निकाली थी. उसी प्रकार जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं ने नमक के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की वादाखिलाफी को लेकर बखरूपारा से नगर के मुख्य मार्ग में दांडी यात्रा निकालकर हल्ला बोला है".

सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप : कार्यकर्ताओं ने बताया कि '' 33 दिनों से हम हड़ताल पर हैं .छत्तीसगढ़ की सोई हुई सरकार को जगाने का प्रयास किया जा रहा है. 4 साल बीतने के बाद भी वादा पूरा नहीं किया गया. जिसके कारण सभी आंगनबाड़ी केंद्र में ताले लगे हैं. मुख्यमंत्री का सुपोषण अभियान भी जिले फेल हुआ है, जितने कुपोषण जिले में थे. अब आंगनबाड़ी बंद होने के कारण इसकी संख्या बढ़ गई है. 33 दिनों से आंगनबाड़ी बंद है. गर्भवती माताओं को गर्म भोजन नहीं मिल पा रहा. गर्भवती माताओं का समय में टीकाकरण नहीं हो रहा. 10 फरवरी को कृमि नाशक मुक्त दिवस था. बच्चों को खिलाया नहीं गया. बच्चे घरों में आकर बता रहे हम गोली नहीं खाए हैं. एक दिन कोई काम करके दिखाएं. हम आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका कितना काम करते हैं हमें काम के बदले दाम नहीं दिया जा रहा.''

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काम ज्यादा लेकिन मेहनताना कम का आरोप : सियाबति हुपेंडी आंगनबाड़ी सहायिका ने बताया कि '' सुबह से लेकर शाम तक हमारा काम सिर्फ आंगनबाड़ी के काम में ही बीत जाता है. आंगनबाड़ी खोलने के बाद बच्चों को घरों में लाने जाते हैं .उसके बाद छोड़ते हैं.पांच प्रकार का भोजन बनता है. जिसमें रोटी ,अंडा, दाल, सब्जी, चावल शामिल है.आंगनबाड़ी बंद होने से गर्भवती महिलाओं को प्रभाव पड़ा है, बच्चों को प्रभाव पड़ा है,बच्चे इधर उधर भटक रहे हैं, रेडी टू ईट गोदाम में पड़ा है वितरण नहीं किया गया है.अब तो बच्चे भी पूछे लगे हैं कि दीदी आंगनबाड़ी कब खुलेगा.''

Last Updated : Feb 25, 2023, 7:58 PM IST
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