नारायणपुर: जनजाति सुरक्षा मंच ने धर्मांतरण वाले जनजाति समाज के व्यक्तियों का आरक्षण समाप्त करने के लिए महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है. साथ ही क्षेत्र में पेसा एक्ट लागू करने की मांग की है. जनजाति सुरक्षा मंच का कहना है कि धर्मांतरण के बाद धर्मांतरित व्यक्ति दोहरा लाभ ले रहे हैं. इससे जनजाति समाज के अधिकारों का हनन हो रहा है. स्वर्गीय कार्तिक उरांव के जन्म जयंती पर जनजाति सुरक्षा मंच के बैनर तले कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया.
जनजाति सुरक्षा मंच के जिला संयोजक ने कहा कि धर्मांतरण के ठेकेदार भोले-भाले जनजाति समाज के लोगों को लालच के माध्यम से धर्मान्तरित करा रहे हैं. धर्मान्तरित करके उनका दुरुपयोग कर रहे हैं, जिससे जनजाति समाज के रीति-नीति और संस्कृति पर खतरा मंडराने लगा है. इस धर्मांतरण के खेल को तत्काल प्रभाव से बंद करने की आवश्यकता है.
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धर्मांतरण के खिलाफ कठोर कानून बनना चाहिए
ग्रामीण क्षेत्रों में कम पढ़े लिखे आदिवासियों के बीच जाकर धर्मांतरण के खेल करने वालों ने देवी-देवताओं के आस्था पर चोट किया है, जिससे आदिवासी संस्कृति समाप्ति की ओर बढ़ रही है. धर्मांतरण के खिलाफ कठोर कानून लेकर आना चाहिए.
समाज के कई वरिष्ठ रहे मौजूद
इस अवसर पर रूपसाय सलाम, नारायण मरकाम, मंगाउ कावड़े, प्रेमनाथ उसेंडी, सिंगलु राम दुग्गा, सोमाराम दुग्गा, लच्छन कांगे, राजमन मंडावी, राजू राम दुग्गा, रैनु सलाम, बुधराम वड्डे, श्यामलाल पोटाई, लखन नुरेटी सहित अन्य लोग उपस्थित थे.