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नारायणपुर में तीन नाबालिग नक्सलियों ने SP के सामने किया सरेंडर - नक्सलियों का सरेंडर

शहीदी सप्ताह के दूसरे दिन नारायणपुर जिले में गुरुवार को नक्सलियों से तंग आग तीन नाबालिग नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया. नाबालिग ने बताया कि उनके साथ क्रूरता की जा रही थी. उनको प्रताड़िता किया जा रहा था और जबरन उनको नक्सली बनाया गया.

नाबलिग
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Published : Jul 29, 2021, 10:26 PM IST

नारायणपुर: नक्सलियों के शहीदी सप्ताह के दूसरे दिन नारायणपुर जिले में गुरुवार को तीन नाबालिग नक्सली महिला ने आत्मसमर्पण की है. जिला बल, डीआरजी छत्तीसगढ़, आइटीबीपी और बीएसएफ द्वारा लगातार नक्सल विरोधी अभियान संचालित किया जा रहा है. नक्सलियों की गलत नीतियों से असंतुष्ट होकर 3 नाबालिग नक्सली युवतियों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में SP के सामने आत्मसमर्पण किया हैं.

नाबालिग लड़कियों से नक्सली जबरन कराते थे काम

नारायणपुर, बस्तर के कई इलाकों में लाल आतंक का कहर जारी है. नक्सलियों की क्रूरता से हर कोई वाकिफ है. इस बीच नक्सलियों की एक और पोल खुल गई है. नक्सली नाबालिग लड़कियों को ट्रेनिंग देकर रेकी और जासूसी कराते थे. जिसका अब पर्दाफाश हो गया है. नक्सलियों की प्रताड़ना का शिकार हो रही नाबालिग लड़कियों ने लाल आंतक से तौबा कर लिया है. नक्सलियों की खोखली विचारधारा से तंग आकर गुरुवार को पुलिस अधीक्षक के समक्ष सरेंडर कर दिया है. 2018 से आलबेड़ा मिलिशिया सदस्य के रूप में संगठन में तीनों नक्सली सक्रिय थी. गुरुवार को महिला सदस्यों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय नारायणपुर उदय किरण के सामने आत्मसमर्पण किये.

लाल आतंक का कहर जारी

घोर नक्सल प्रभावित अबूझमाड़ में लगातार नक्सलियों का खौफनाक चेहरा सामने आ रहा है. नक्सली अपना दबदबा बनाने के लिए हर प्रकार से हथकंडा अपना रहे हैं. अबूझमाड़ के सभी वर्ग बूढ़े, जवान, नाबालिग बच्चों पर कहर ढा रहे हैं. नक्सलियों की करतूत जानकर हर कोई परेशान है.

नक्सलियों अपने मंसूबे को साधने के लिए अब नाबालिगों को अपने बारूदों से भरे जाल में फंसा रहे हैं. तीन मासूम नाबालिग लड़कियों को ट्रेनिंग देकर जासूसी का काम करा रहे थे. ग्रामीण इलाकों में पुलिस की खबर बताने के लिए बाजारों में जाकर पता लगाने के लिए लड़कियों को रखा गया था. कहीं पुलिस के जवान बाजार में तो नहीं आए हैं. बाजार से नक्सलियों के लिए सामान लेकर जाना, खोजबीन का कार्य करवाने काम करवाया जाता था.

बात तब सामने आई जब एक नाबालिग लड़की को पूरे 1 दिन हाथ-पांव बांधकर बिठा दिया गया था. पूरे दिन परेशान किया गया था. इस डर से बच्ची दो सहेलियों के साथ भागकर पुलिस के पास आई और आत्मसमर्पण किया है. नाबालिगों ने कहा कि उनके साथ क्रूरता किया जा रहा था. उनको प्रताड़िता किया जा रहा था और जबरन उनको नक्सली बनाया गया.

एसपी उदय किरण ने बताया कि माओवादियों द्वारा बच्चों को सेनानी आपूर्ति दल के सदस्य एवं पर्यवेक्षक के रुप में शामिल किया जाना. बाल अधिकारों का गंभीर उल्लंघन है. इन नाबालिग बालिकाओं का आत्मसमर्पण इस तथ्य की पुष्टि करता है कि माओवादी बाल अधिकारों के उल्लंघन करता है.

उन्होंने बताया कि ओरछा क्षेत्र अंतर्गत जिला नारायणपुर आलबेड़ा पंचायत मिली सदस्य के पिता स्वयं पूर्व आलबेड़ा जनताना सरकार अध्यक्ष रह चुके हैं. इसके बावजूद भी नक्सलियों के दबाव में आकर स्वंय की पुत्री के भविष्य को अंधकारमय करते हुए उन्होंने उसे मलेशिया के रूप में शामिल होने दिया.

एसपी उदय किरण ने बताया कि माओवादियों द्वारा बच्चों को सेनानी आपूर्ति दल के सदस्य एवं पर्यवेक्षक के रुप में शामिल किया जाना है. बाल अधिकारों का गंभीर उल्लंघन है.

नारायणपुर: नक्सलियों के शहीदी सप्ताह के दूसरे दिन नारायणपुर जिले में गुरुवार को तीन नाबालिग नक्सली महिला ने आत्मसमर्पण की है. जिला बल, डीआरजी छत्तीसगढ़, आइटीबीपी और बीएसएफ द्वारा लगातार नक्सल विरोधी अभियान संचालित किया जा रहा है. नक्सलियों की गलत नीतियों से असंतुष्ट होकर 3 नाबालिग नक्सली युवतियों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में SP के सामने आत्मसमर्पण किया हैं.

नाबालिग लड़कियों से नक्सली जबरन कराते थे काम

नारायणपुर, बस्तर के कई इलाकों में लाल आतंक का कहर जारी है. नक्सलियों की क्रूरता से हर कोई वाकिफ है. इस बीच नक्सलियों की एक और पोल खुल गई है. नक्सली नाबालिग लड़कियों को ट्रेनिंग देकर रेकी और जासूसी कराते थे. जिसका अब पर्दाफाश हो गया है. नक्सलियों की प्रताड़ना का शिकार हो रही नाबालिग लड़कियों ने लाल आंतक से तौबा कर लिया है. नक्सलियों की खोखली विचारधारा से तंग आकर गुरुवार को पुलिस अधीक्षक के समक्ष सरेंडर कर दिया है. 2018 से आलबेड़ा मिलिशिया सदस्य के रूप में संगठन में तीनों नक्सली सक्रिय थी. गुरुवार को महिला सदस्यों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय नारायणपुर उदय किरण के सामने आत्मसमर्पण किये.

लाल आतंक का कहर जारी

घोर नक्सल प्रभावित अबूझमाड़ में लगातार नक्सलियों का खौफनाक चेहरा सामने आ रहा है. नक्सली अपना दबदबा बनाने के लिए हर प्रकार से हथकंडा अपना रहे हैं. अबूझमाड़ के सभी वर्ग बूढ़े, जवान, नाबालिग बच्चों पर कहर ढा रहे हैं. नक्सलियों की करतूत जानकर हर कोई परेशान है.

नक्सलियों अपने मंसूबे को साधने के लिए अब नाबालिगों को अपने बारूदों से भरे जाल में फंसा रहे हैं. तीन मासूम नाबालिग लड़कियों को ट्रेनिंग देकर जासूसी का काम करा रहे थे. ग्रामीण इलाकों में पुलिस की खबर बताने के लिए बाजारों में जाकर पता लगाने के लिए लड़कियों को रखा गया था. कहीं पुलिस के जवान बाजार में तो नहीं आए हैं. बाजार से नक्सलियों के लिए सामान लेकर जाना, खोजबीन का कार्य करवाने काम करवाया जाता था.

बात तब सामने आई जब एक नाबालिग लड़की को पूरे 1 दिन हाथ-पांव बांधकर बिठा दिया गया था. पूरे दिन परेशान किया गया था. इस डर से बच्ची दो सहेलियों के साथ भागकर पुलिस के पास आई और आत्मसमर्पण किया है. नाबालिगों ने कहा कि उनके साथ क्रूरता किया जा रहा था. उनको प्रताड़िता किया जा रहा था और जबरन उनको नक्सली बनाया गया.

एसपी उदय किरण ने बताया कि माओवादियों द्वारा बच्चों को सेनानी आपूर्ति दल के सदस्य एवं पर्यवेक्षक के रुप में शामिल किया जाना. बाल अधिकारों का गंभीर उल्लंघन है. इन नाबालिग बालिकाओं का आत्मसमर्पण इस तथ्य की पुष्टि करता है कि माओवादी बाल अधिकारों के उल्लंघन करता है.

उन्होंने बताया कि ओरछा क्षेत्र अंतर्गत जिला नारायणपुर आलबेड़ा पंचायत मिली सदस्य के पिता स्वयं पूर्व आलबेड़ा जनताना सरकार अध्यक्ष रह चुके हैं. इसके बावजूद भी नक्सलियों के दबाव में आकर स्वंय की पुत्री के भविष्य को अंधकारमय करते हुए उन्होंने उसे मलेशिया के रूप में शामिल होने दिया.

एसपी उदय किरण ने बताया कि माओवादियों द्वारा बच्चों को सेनानी आपूर्ति दल के सदस्य एवं पर्यवेक्षक के रुप में शामिल किया जाना है. बाल अधिकारों का गंभीर उल्लंघन है.

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