नारायणपुर : बस्तर में लगातार हो रही तेज बारिश के कारण लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. कई ब्लॉक मुख्य मार्ग से कट गए हैं. 48 घंटे से हो रही बारिश ने लापरवाही बरत रही सरकार की पोल खोलकर रख दी है. ये पुल 60 साल पहले अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा था, जो इस तेज बारिश में बह गया है.
दरअसल, नारायणपुर से ओरछा जाने के लिए दो नदियों पर बना पुल पार कर लोगों को जाना पड़ता था, जो अंग्रेंजो के जमाने से चला आ रहा था. इस पुलिया की ऊंचाई काफी कम थी, जिसे ऊंचा करने के लिए सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की गई. बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर थे, जो अपने साथ पुल को भी बहा ले गए. पुल के बहने से आवागमन के सारे रास्ते बंद हो गए हैं. वहीं कई गांव मुख्य मार्ग से कट गए हैं.
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8 फीट ऊपर बह रहा पानी
छोटे डोंगर के पास बड़गांव माडीन नदी का पानी नदी से लगभग 8 फीट ऊपर बह रहा है. वहीं राजपुर और धनोरा के बीच बहने वाली दूसरी नदी तेज बारिश के चपेट में है, जिसके कारण पूरा जनजीवन प्रभावित हो गया है. बता दें कि नारायणपुर और अबूझमाड़ जंगल और पहाड़ों से घिरा हुआ है. यहां तेज बारिश होने पर पहाड़ों से निकलने वाली सारी नदी आपस में मिलकर बड़ी नदी में तब्दील हो जाती हैं.
ओरछा जाना ग्रामीणों के लिए चुनौती
पुल के बहने के बाद से रेस्क्यू टीम के लगभग 25 सदस्य नदी पार कराने में लोगों की मदद कर रहे हैं. फिलहाल नारायणपुर से ओरछा जाना ग्रामीणों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है, जिसे पार कर ग्रामीण रोज अपनी जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं. वहीं इन तमाम समस्याओं का जायजा लेने न तो कोई अधिकारी पहुंचे न विधायक और न ही मंत्री. फिर भी लोगों ने हिम्मत नहीं हारी. वे बीते दो दिनों से अपनी जरूरतों के लिए जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं.