नारायणपुर: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए देश के सभी स्कूल और कॉलेज को बंद करने का फैसला लिया गया था. राज्य में भी मार्च से सभी स्कूल और कॉलेजों को बंद करने का आदेश जारी किया गया था. राज्य सरकार के आदेश के बाद से ही सभी शिक्षक और छात्र घर पर हैं. ऐसे में सरकार ने सभी शिक्षकों को वेतन दिए जाने का निर्देश दिया था. ऐसे में तारागांव के एक शिक्षक ने विकासखंड शिक्षा अधिकारी पर पिछले 5 महीने का वेतन रोके जाने का आरोप लगाया था. शिक्षक ने जनप्रतिनिधियों से मिलकर बीईओ से वेतन दिलवाने की गुहार लगाई है.
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नारायणपुर विकासखंड के अंतर्गत प्राथमिक शाला तारागांव के शिक्षक कल्यानंद बेग ने बताया कि उनका ट्रांसफर दूसरे स्कूल में हो गया था. इसके बाद वे ट्रांसफर स्टे लेकर ग्रामीणों के कहने पर तारागांव के ही प्राथमिक शाला में ड्यूटी कर रहे थे, लेकिन उन्हें इस दौरान वेतन नहीं दिया गया है. उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में कई बार विकासखंड अधिकारी से निवेदन कर चुके हैं. वेतन नहीं मिलने से उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. इस मामले में बीईओ ने कहा कि तत्कालीन कलेक्टर एल्मा ने ग्रामीणों की शिकायत पर उक्त शिक्षक का दूसरे स्कूल में ट्रांसफर कर दिया था. वहां ड्यूटी नहीं करने की वजह से उसका वेतन नहीं बना है. ग्राम पंचायत सरपंच,उपसरपंच, वार्ड पंच,जनपद क्षेत्र सदस्य,सभी जनप्रतिनिधि का कहना है कि शिक्षक कल्यानंद बैग तारागांव प्राथमिक शाला स्कूल में रेगुलर ड्यूटी कर रहे थे.
ऑफलाइन क्लास से हो रही पढ़ाई
छत्तीसगढ़ शासन ने ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए पढ़ई तुंहर दुआर पोर्टल की शुरूआत की है. नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले के शिक्षा विभाग के अधिकारी-कर्मचारी ने ऑनलाइन तो कर लिया है, लेकिन नेटवर्क की सुविधा नहीं होने की वजह से ऑफलाइन क्लास लेकर बच्चों को पढ़ाने का काम कर रहे हैं.