नारायणपुर: रावघाट माइनिंग एरिया स्थित बीएसपी गोद ग्राम के क्षेत्रवासियों की अनदेखी से ग्रामीणों में आक्रोश है. प्रभावित क्षेत्र के लोगों का कहना है कि रावघाट माइंस चालू होने से पहले, इस क्षेत्र के लोगों की मांगों को पूरा किया जाए. साथ ही इस क्षेत्र के लोगों की ओर से बनाई गई संघर्ष समिति के दिशा-निर्देश के अनुरूप काम हो. ताकि बैलाडीला जैसी समस्या, पर्यावरण की समस्या, देव स्थल या अन्य समस्याएं न हो.
20 सूत्रीय मांगों को लेकर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
- 20 सूत्रीय मांगों को लेकर संघर्ष समिति ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. क्षेत्रवासियों की मांग है कि-
- प्रभावित क्षेत्र के बेरोजगार लोगों को योग्यता के हिसाब से नौकरी में पहले प्राथमिकता और आरक्षण का प्रावधान हो.
- देवी-देवता वाले स्थलों को स्थानान्तरण न किया जाए.
- पर्यावरण संरक्षण और वृक्षों की कटाई से पहले उनके बदले दूसरे पेड़ लगाने की व्यवस्था की जाए.
- नदी-नालियों को दूषित न किया जाए.
- आउटसोर्सिंग पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाया जाए.
- प्रभावित क्षेत्र में चिकित्सा के लिए सुपर स्पेशिलिस्ट चिकित्सालय, डॉक्टर और अच्छे इलाज के लिए पूरी व्यवस्था की जाए.
- शिक्षा के लिए डीएवी विद्यालय का प्रभावित गांवों में निर्माण हो.
- आईटीआई (ITI) जैसे संस्थानों में इस क्षेत्र के लोगों की भर्ती सुनिश्चित की जाए.
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- माइनिंग क्षेत्र से बाईपास रोड और अंतागढ़ से नारायणपुर तक मेन रोड का चैड़ीकरण किया जाए.
- प्रभावित गांवों को आदर्श गांवों को विकसित करने के लिए उचित कार्य किया जाए.
- क्षेत्र के शिक्षित बेरोजगारों के लिए योग्यता अनुसार उच्च तकनीकि शिक्षा का प्रावधान.
- रेलवे लाईन में प्रभावित किसानों को उनके जमीन का मुआवजा और नौकरी का तत्काल प्रावधान किया जाए.
- विद्युत लाइन में प्रभावित किसानों को उनके जमीन का मुआवजा और नौकरी का तत्काल प्रावधान किया जाए.
- गोद ग्राम पंचायत पालकी, निबरा, कोहका, कंगाली, मड़पा, वर्चे, सरगीपाल, करलखा, हरायनार, मरदेल, छिंदपरस, शामिल किया जाए.
- रावघाट माइंस क्षेत्र का कोई भी कार्य शुरू करने से पहले क्षेत्र के लोगों और ग्रामीणों को अवगत कराया जाए.
- ग्रामसभा में प्रस्ताव पारित करने के बाद ही काम शुरू किया जाए.
- माइनिंग क्षेत्र में ही टाउनशिप खोला जाए. माइनिंग क्षेत्र में काम के दौरान दुर्घटना होने पर स्थानीय मजदूरों को इलाज और मुआवजा का प्रावधान बनाया जाए.
- माइनिंग क्षेत्र के अन्तर्गत जंगल में स्थित गांव को राजस्व में शामिल किया जाए.
- सीएसआर मद से मूलभूत सुविधा के काम के साथ प्रभावित क्षेत्र में विकास का काम किया जाए.