नारायणपुर: रावघाट-दल्लीराजहरा रेल लाइन परियोजना में प्रभावित किसानों के अधिग्रहण भूमि, कृषि भूमि का मुआवजा संतोषजनक नहीं होने पर सैकड़ों किसानों ने सर्वसहमति से संघर्ष समिति का गठन किया है. समिति ने सही मुआवजा सहित बाकी मांगों को लेकर जल्द ही आंदोलन करने पर चर्चा की.
प्रभावित किसानों ने बताया कि 'विशेष रेल लाइन परियोजना के लिए समाचार पत्र में दावा पत्र भी जारी किया गया है इसमें ग्राम बेनूर, भुरवाल, वीरगांव, गुलुमकोड़ो, कोटगांव, चन्दगांव, सिवनी आदि ने आपत्ति की है.
काबिज भूमि का भी किसानों को मिले मुआवजा
अधिग्रहण भूमि, कृषि भूमि का मुआवजा संतोषजनक नहीं है असिंचित और सिंचित जमीन का मुआवजा बहुत ही कम है. किसानों का कहना है कि 'रेलवे की ओर से दिए जाने वाली सुविधा का कोई उल्लेख नहीं है, क्योंकि अगर हमारी भूमि रेलवे में गई तो हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए जीवन का कोई आधार नहीं बचेगा'. पीड़ित किसानों के प्रति परिवार के एक सदस्य को योग्यता के आधार पर नौकरी दी जाए. कृषक की थोड़ी जमीन बच रही है तो रेलवे उसे अपने आधीन लेकर उसका मुआवजा देने के साथ ही वन अधिकार वन भूमि और वर्षों से काबिज भूमि का भी किसानों को मुआवजा दिया जाए.
ये हैं समिति के सदस्य
नारायण मरकाम बेनूर, गस्सूराम मानकर करलखा उपाध्यक्ष , संजय नंदी नारायणपुर सचिव ,हेमंत बघेल बेनूर सहसचिव, चैनु राम करंगा कोषाध्यक्ष और सदस्य रामलाल सोरी रानू कोठारी निलेश आदि कार्यकारणी गठन किया गया.
मांग नहीं हुई पूरी, तो करेंगे उग्र आंदोलन
वहीं समिति अध्यक्ष नारायण मरकाम ने कहा कि 'हम सभी अपनी हक की लड़ाई मिलकर लड़ेंगे, शासन मुआवजा में उचित बढ़ोतरी नहीं करेगी, तो जल्द ही हमारी मांगों को लेकर उग्र आंदोलन कर विरोध प्रदर्शन करेंगे'.