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नारायणपुर में ग्रामीणों का हंगामा, वनोपज के संग्रहण मूल्य को बढ़ाने की मांग

नारायणपुर में बारह ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों ने वनोपज की खरीदी समर्थन मूल्य को लेकर रैली निकाली. ग्रामीणों की मांग है कि सरकार वनोपज का समर्थन मूल्य बढ़ाए.

villagers of Narayanpur
नारायणपुर के ग्रामीणों का प्रदर्शन
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Published : Apr 22, 2022, 9:00 PM IST

नारायणपुर: नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ से सटे 12 ग्राम पंचायतों के सैकड़ो ग्रामीणों ने वनोपज की खरीदी समर्थन मूल्य पर करने की मांग की है. गांव वालों ने तेंदुपत्ता की कीमत प्रति सैंकड़ा 600 रुपये करने की मांग की है. इस मांग को गांव वालों ने शुक्रवार को रैली निकाली. बोरंड से शुक्रवार को जम्हरी साफ्ताहिक बाजार तक रैली निकाली गई. इस रैली में काफी संख्या में महिलाएं और पुरुष शामिल थे.

वनोपज के संग्रहण मूल्य को बढाने की मांग

खरीदी बंद होने से बढ़ी दिक्कतें: इस विषय में ग्रामीणों का कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने शासकीय मूल्य पर वनोपज की खरीदी की थी. लेकिन खरीदी बंद होने से ग्रामीणों को साप्ताहिक बाजारों में कम दामों पर व्यापारियों को वनोपज बेचना पड़ रहा है. साप्ताहिक बाजारों में भी शासकीय दर पर खरीदी होनी चाहिए. कम दामों पर बेचने पर ग्रामीणों का मेहनताना नहीं मिल पाता है. ग्रामीणों का कहना है कि, उनका जीविकोपार्जन वनों से होने वाली उपज जैसे तेंदुपत्ता, महुआ, हर्रा, चार, चिरौंजी, आंवला फसल पर ही निर्भर है. ग्रामीण जंगलों में सुबह से अपने परिवार के साथ जाकर कड़ी मेहनत कर वनोपज एकत्र कर घर लाकर उसे सुखाकर बाजार में बेचने ले जाते हैं. तो उन्हें कम दाम मिलता है.

ग्रामीणों ने निकाली रैली: नारायणपुर जिले के करमरी, बावड़ी, नेडनार, कलमानार, खड़कागांव, बोरंड, जमहरी, कोड़ोली, नरिया, गुमियाबेड़ा, गुमियापाल सहित 30 गांवों के सैकड़ों ग्रामीणों ने वनोपज का समर्थन मूल्य बढ़ाने और शासकीय दर पर साप्ताहिक बाजार में खरीदी की मांग की है. इसे लेकर बोरंड से बड़े जमरी साप्ताहिक बाजार तक गांव वालों ने पैदल रैली निकाली. करीब घंटे के बाद प्रशासन की टीम जम्हरी पहुंची, जिसके बाद ग्रामीणों ने कलेक्टर के नाम नारायणपुर तहसीलदार सुनील सोनपीपरे को मांगों का ज्ञापन सौंपा.

यह भी पढ़ें: बस्तर की इमली से होगी ग्रामीणों की अर्थव्यवस्था मजबूत, इमली को मिला जिला उत्पाद का दर्जा

इस बार नहीं हुई खरीदी: ग्रामीणों का कहना है कि, छत्तीसगढ़ सरकार ने शासकीय दर तय कर शासकीय खरीदी शुरू की थी. इस बार खरीदी नहीं होने पर ग्रामीणों को अपनी वनोपज कम दामों पर व्यापारियों को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. सरकार को शासकीय दर पर साप्ताहिक बाजारों में व्यापारियों द्वारा भी वनोपज की खरीदी करने की छूट मिलनी चाहिए. साथ ही तेंदूपत्ता प्रति सैकड़ा 600 रुपए करने की मांग की गई है.

नारायणपुर: नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ से सटे 12 ग्राम पंचायतों के सैकड़ो ग्रामीणों ने वनोपज की खरीदी समर्थन मूल्य पर करने की मांग की है. गांव वालों ने तेंदुपत्ता की कीमत प्रति सैंकड़ा 600 रुपये करने की मांग की है. इस मांग को गांव वालों ने शुक्रवार को रैली निकाली. बोरंड से शुक्रवार को जम्हरी साफ्ताहिक बाजार तक रैली निकाली गई. इस रैली में काफी संख्या में महिलाएं और पुरुष शामिल थे.

वनोपज के संग्रहण मूल्य को बढाने की मांग

खरीदी बंद होने से बढ़ी दिक्कतें: इस विषय में ग्रामीणों का कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने शासकीय मूल्य पर वनोपज की खरीदी की थी. लेकिन खरीदी बंद होने से ग्रामीणों को साप्ताहिक बाजारों में कम दामों पर व्यापारियों को वनोपज बेचना पड़ रहा है. साप्ताहिक बाजारों में भी शासकीय दर पर खरीदी होनी चाहिए. कम दामों पर बेचने पर ग्रामीणों का मेहनताना नहीं मिल पाता है. ग्रामीणों का कहना है कि, उनका जीविकोपार्जन वनों से होने वाली उपज जैसे तेंदुपत्ता, महुआ, हर्रा, चार, चिरौंजी, आंवला फसल पर ही निर्भर है. ग्रामीण जंगलों में सुबह से अपने परिवार के साथ जाकर कड़ी मेहनत कर वनोपज एकत्र कर घर लाकर उसे सुखाकर बाजार में बेचने ले जाते हैं. तो उन्हें कम दाम मिलता है.

ग्रामीणों ने निकाली रैली: नारायणपुर जिले के करमरी, बावड़ी, नेडनार, कलमानार, खड़कागांव, बोरंड, जमहरी, कोड़ोली, नरिया, गुमियाबेड़ा, गुमियापाल सहित 30 गांवों के सैकड़ों ग्रामीणों ने वनोपज का समर्थन मूल्य बढ़ाने और शासकीय दर पर साप्ताहिक बाजार में खरीदी की मांग की है. इसे लेकर बोरंड से बड़े जमरी साप्ताहिक बाजार तक गांव वालों ने पैदल रैली निकाली. करीब घंटे के बाद प्रशासन की टीम जम्हरी पहुंची, जिसके बाद ग्रामीणों ने कलेक्टर के नाम नारायणपुर तहसीलदार सुनील सोनपीपरे को मांगों का ज्ञापन सौंपा.

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इस बार नहीं हुई खरीदी: ग्रामीणों का कहना है कि, छत्तीसगढ़ सरकार ने शासकीय दर तय कर शासकीय खरीदी शुरू की थी. इस बार खरीदी नहीं होने पर ग्रामीणों को अपनी वनोपज कम दामों पर व्यापारियों को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. सरकार को शासकीय दर पर साप्ताहिक बाजारों में व्यापारियों द्वारा भी वनोपज की खरीदी करने की छूट मिलनी चाहिए. साथ ही तेंदूपत्ता प्रति सैकड़ा 600 रुपए करने की मांग की गई है.

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