ETV Bharat / state

नारायणपुर: दाने-दाने को तरस रहा लोहार परिवार, सरकारी योजनाओं का भी लाभ नहीं - Blacksmith family upset

लॉकडाउन ने गरीबों का जीना मुहाल कर दिया है. रोजी-रोटी के संकट ने नारायणपुर के लोहार परिवार के सामने भी जिंदगी जीने की बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है. काम ठप है और पैसे आ नहीं रहे. ऐसे में उनके घर चूल्हा जले भी तो कैसे, सरकारी योजनाओं को लाभ भी इन्हें नहीं मिल पा रहा है.

Blacksmith family of Narayanpur upset
नरायणपुर का लोहार परिवार परेशान
author img

By

Published : May 20, 2020, 1:02 AM IST

नारायणपुर: ग्राम पंचायत बिंजली के आश्रित गांव तेलसी में रहने वाला लोहार परिवार दो जून की रोटी के लिए परेशान है. लॉकडाउन की वजह से सभी काम ठप हैं. लोग घरों में कैद हैं. कुछ दिनों में जून का महीना शुरू होने वाला है. किसान जून के महीने में कृषि संबंधित यंत्रों को ठीक कराने के लिए लोहार के यहां लाते हैं, जिससे उनकी आजीविका चलती है. लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण के डर से इस बार किसान नहीं आए और इनकी आय नहीं हुई.

लोहार परिवार लॉकडाउन में परेशान

लोहार पंचम पोयम की पत्नी ललिता ने बताया कि वे कोंडागांव से मजदूरी करने पांच साल पहले नारायणपुर आए थे. इस गांव में लोहार नहीं थे, तो वे अपने पूरे परिवार के साथ यहां काम करके जिंदगी गुजार रहे थे. पति और पत्नी दोनों यही काम करते थे, जिससे खाने-पीने का इंतजाम हो जाता था.

सरकार की किसी योजना नहीं मिला लाभ

छत्तीसगढ़ शासन की योजनाओं का लाभ भी इन्हें नहीं मिल रहा है. न इनके पास राशन कार्ड है, न आधार कार्ड. प्रधानमंत्री आवास, सिंगल बत्ती बिजली कनेक्शन किसी भी तरह की सरकारी योजनाओं का लाभ आज तक इन्हें नहीं मिला है. राशन कार्ड होता तो शायद इनका पेट भर जाता लेकिन कार्ड न होने की वजह से ये भी संभव नहीं है. इस परिवार के सिर पर पक्की छत तक नहीं है और न लाइट. ये रात में अंधेरे में रहने को मजबूर हैं.

कौन होते हैं लोहार

छत्तीसगढ़ में लोहे का काम करने वाले समुदाय को लोहार कहते हैं. लोहार समुदाय के बहुत से परिवार बस्तर के क्षेत्र में रहते हैं. यह समुदाय लोहे से कृषि उपकरण और दैनिक जीवन में काम आने वाली अनेक वस्तुएं बनाता है. बस्तर के लोहारों में बिना आधुनिक संसाधनों के लोहे से किसानों के कृषि उपकरण से लेकर कलात्मक कलाकृतियां बनाने की दक्षता है.

पढ़ें: LOCKDOWN : रायपुर में गुलजार हुए बाजार, करना होगा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन

कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए किए गए लॉकडाउन के दौरान लोहारों को आय के साधन नहीं मिल रहे हैं. अभी भी गांव में लौह कलाकृतियां बनाई जाती हैं. जिनका आदिवासी जीवन से गहरा संबंध है. जिले में गढ़बेंगाल, बिंजली और बोरपाल आदि गांवों में लोहार परिवार प्रमुख हैं.

नारायणपुर: ग्राम पंचायत बिंजली के आश्रित गांव तेलसी में रहने वाला लोहार परिवार दो जून की रोटी के लिए परेशान है. लॉकडाउन की वजह से सभी काम ठप हैं. लोग घरों में कैद हैं. कुछ दिनों में जून का महीना शुरू होने वाला है. किसान जून के महीने में कृषि संबंधित यंत्रों को ठीक कराने के लिए लोहार के यहां लाते हैं, जिससे उनकी आजीविका चलती है. लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण के डर से इस बार किसान नहीं आए और इनकी आय नहीं हुई.

लोहार परिवार लॉकडाउन में परेशान

लोहार पंचम पोयम की पत्नी ललिता ने बताया कि वे कोंडागांव से मजदूरी करने पांच साल पहले नारायणपुर आए थे. इस गांव में लोहार नहीं थे, तो वे अपने पूरे परिवार के साथ यहां काम करके जिंदगी गुजार रहे थे. पति और पत्नी दोनों यही काम करते थे, जिससे खाने-पीने का इंतजाम हो जाता था.

सरकार की किसी योजना नहीं मिला लाभ

छत्तीसगढ़ शासन की योजनाओं का लाभ भी इन्हें नहीं मिल रहा है. न इनके पास राशन कार्ड है, न आधार कार्ड. प्रधानमंत्री आवास, सिंगल बत्ती बिजली कनेक्शन किसी भी तरह की सरकारी योजनाओं का लाभ आज तक इन्हें नहीं मिला है. राशन कार्ड होता तो शायद इनका पेट भर जाता लेकिन कार्ड न होने की वजह से ये भी संभव नहीं है. इस परिवार के सिर पर पक्की छत तक नहीं है और न लाइट. ये रात में अंधेरे में रहने को मजबूर हैं.

कौन होते हैं लोहार

छत्तीसगढ़ में लोहे का काम करने वाले समुदाय को लोहार कहते हैं. लोहार समुदाय के बहुत से परिवार बस्तर के क्षेत्र में रहते हैं. यह समुदाय लोहे से कृषि उपकरण और दैनिक जीवन में काम आने वाली अनेक वस्तुएं बनाता है. बस्तर के लोहारों में बिना आधुनिक संसाधनों के लोहे से किसानों के कृषि उपकरण से लेकर कलात्मक कलाकृतियां बनाने की दक्षता है.

पढ़ें: LOCKDOWN : रायपुर में गुलजार हुए बाजार, करना होगा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन

कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए किए गए लॉकडाउन के दौरान लोहारों को आय के साधन नहीं मिल रहे हैं. अभी भी गांव में लौह कलाकृतियां बनाई जाती हैं. जिनका आदिवासी जीवन से गहरा संबंध है. जिले में गढ़बेंगाल, बिंजली और बोरपाल आदि गांवों में लोहार परिवार प्रमुख हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.