नारायणपुर: जिले की मां दंतेश्वरी स्वसहायता समूह की महिलाओं की नीति आयोग ने ट्वीट कर तारीफ की है. नीति आयोग छत्तीसगढ़ में लोगों के उत्थान के लिए चलाए जा रहे विभिन्न विकासमूलक कार्यक्रमों की सराहना पहले करता रहा है. ऐसे में जिले के नक्सल प्रभावित इलाके की स्वसहायता समूह की महिलाओं के कार्यों को भी सराहा गया.
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Self Help Groups (SHGs) in #AspirationalDistrict Narayanpur are inspiring #women👭 to become financially independent!
— NITI Aayog (@NITIAayog) March 8, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
By producing 𝐊𝐨𝐝𝐨, 𝐊𝐮𝐭𝐤𝐢 & 𝐑𝐚𝐠𝐢, the women of Danteshwari SHG have been able to earn over Rs 4 lakh from processing work.
#IWD2022 | #BreakTheBias pic.twitter.com/Ey02s1rfAq
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— NITI Aayog (@NITIAayog) March 8, 2022
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— NITI Aayog (@NITIAayog) March 8, 2022
By producing 𝐊𝐨𝐝𝐨, 𝐊𝐮𝐭𝐤𝐢 & 𝐑𝐚𝐠𝐢, the women of Danteshwari SHG have been able to earn over Rs 4 lakh from processing work.
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इस बारे नीति आयोग ने ट्वीट कर तारीफ की है. ट्वीट में नीति आयोग ने लिखा है कि नारायणपुर में संचालित मां दंतेश्वरी स्वसहायता समूह की महिलाएं अब तक प्रसंस्करण कार्य से लगभग 4 लाख रुपए कमा चुकी हैं. महिला समूह शासन की योजनाओं का लाभ लेकर कोदो, कुटकी और रागी का उत्पादन कर 15 से 20 हजार रुपए की मासिक आमदनी कर रही हैं. इनसे आर्थिक आत्मनिर्भता सीखना चाहिए.
समूह में कई महिलाएं हैं कार्यरत
नारायणपुर के ग्राम पालकी में मां दंतेश्वरी स्वसहायता समूह की महिलाएं कोदो-कुटकी प्रसंस्करण कार्य से जुड़कर अपनी आमदनी में निरंतर इजाफा कर रही हैं. इस विषय में मीडिया से समूह की महिलाओं ने बताया कि उनके समूह में 10 महिलाएं सक्रिय होकर काम कर रही हैं. समूह में जुड़ने के पहले वे कृषि विज्ञान केंद्र केरलापाल में रोजी मजदूरी का काम करती थीं. इसमें उन्हें 120 रुपए से 150 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी मिलती थी, जो जीवन-यापन के लिए पर्याप्त नहीं था.
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कृषि विज्ञान केंद्र से मिला प्रशिक्षण
समूह की महिलाओं ने बताया कि कोदो, कुटकी, रागी प्रसंस्करण एवं पैकेजिंग इकाई केंद्र शुरू करने का प्रोत्साहन कृषि विज्ञान केंद्र एवं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका योजना से मिला. समूह कृषि विज्ञान केंद्र के माघ्यम से प्राप्त प्रशिक्षण एवं कोदो, कुटकी, रागी प्रसंस्करण एवं पैकेजिंग इकाई प्रदान किया गया. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका योजना बिहान से प्राप्त आर्थिक सहयोग जैसे बैंक लिंकेज 5 लाख रुपए, चक्रिय निधि - 15 हजार रुपए प्राप्त है. इस राशि से कोदो, कुटकी, रागी प्रसंस्करण कार्य प्रारंभ किया.