नारायणपुर : जिला मुख्यालय से 55 किलोमीटर दूर अमदई घाटी में चल रहे सड़क निर्माण कार्य में सुरक्षा दे रहे जवानों पर नक्सलियों ने हमला कर दिया. इस हमले में दो जवान और सड़क निर्माण में लगी कंपनी के दो कर्मचारी घायल हुए हैं, जिसमें एक जवान को इलाज के लिए रायपुर रेफर कर दिया गया है.
जवानों की जवाबी कार्रवाई के बाद नक्सली भाग खड़े हुए. हमले में सड़क निर्माण कार्य में लगे 2 कर्मचारी भी घायल हुए हैं. नारायणपुर के आमदई घाट में निक्को जायसवाल कंपनी की ओर लौह अयस्क निकालने के लिए रास्ता तैयार किया जा रहा है.फोर्स उसी की सुरक्षा में गश्त अभियान पर निकली थी. बता दें कि नक्सलियों द्वारा माइंस खोदने का विरोध किया जा रहा है.
माइंस एरिया को कवर करने के लिए घाटी में कैम्प भी खोला गया है. कैम्प के करीब चार किमी दूर माइंस एरिया में ये मुठभेड़ हुई है.पहले भी नक्सलियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया था.
एसपी ने बताया कि 'छत्तीसगढ़ आर्म फोर्स का प्रधान आरक्षक अनंत भगत,आरक्षक कडती काम्या, हाइवा ड्राइवर संजीत शील और पोकलेन ड्राइवर अरुण कुमार साहू घायल हुए है.प्रधान आरक्षक के दाएं कंधे और सीने में गोली लगी है.वहीं आरक्षक कडती के कलाई में गोली लगी है.जिसे बेहतर इलाज के लिए छोटेडोंगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया है'.
बेहतर इलाज के लिए रायपुर भेजा गया
दोनों वाहन चालक गोलीबारी के दौरान भगदड़ में पत्थरों से टकराकर घायल हुए हैं.प्रधान आरक्षक अनंत भगत जशपुर के रहने वाले हैं.वे छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के 9वीं बटालियन में पदस्थ हैं. घायलों ने बताया कि 'नक्सलियों के की ओर से पहाड़ियों की टेकरी में पोजीशन लेकर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई .प्राथमिक उपचार के बाद प्रधान आरक्षक अनंत भगत को बेहतर इलाज के लिए हेलिकाॅप्टर से रायपुर रवाना किया गया है.
फरार हुए नक्सली
पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने बताया कि 'छत्तीसगढ़ आर्म फोर्स और जिला रिजर्व पुलिस बल पार्टी ऑपरेशन पर निकली थी इसी दौरान घात लगाए नक्सलियों के द्वारा फायरिंग शुरू कर दी गई. करीब 15 मिनट तक चली मुठभेड़ के बाद पुलिस को भारी पड़ता देखकर नक्सली भाग खड़े हुए.