नारायणपुर: देश के अलग अलग हिस्सों में आदिवासियों पर हिंसा और प्रताड़ना का विरोध सर्व आदिवासी समाज नारायणपुर शुरू से करता आया है. अब मणिपुर की घटना को लेकर सोमवार को पूरे बस्तर संभाग में बंद का आह्वान किया गया, जिसका असर नारायणपुर में भी देखने को मिला. आदिवासी समाज के लोगों ने प्रदर्शन करते हुए नगर के व्यापारियों से भी समर्थन मांगा. मणिपुर की घटना के विरोध में व्यापारियों ने भी अपनी अपनी दुकानें बंद रखीं और आदिवासियों को समर्थन दिया.
ऐसी घटना रोकने के लिए सख्त कदम उठाए सरकार: नारायणपुर में सर्व आदिवासी समाज के कंधे से कंधा मिलाते हुए व्यापारियों ने अपनी दुकानें और प्रतिष्ठान बंद रखे. सर्व आदिवासी समाज के लोगो का कहना है कि मणिपुर में आदिवासी महिलाओं के साथ हुई घटना निंदनीय है. इसका विरोध पूरा समाज करता है और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करता है. भविष्य में इस तरह की घटना न हो, इसके लिए सरकार को कड़ा कदम उठाना चाहिए.
सर्व आदिवासी समाज के युवाओं ने निकाली रैली: नगर में बंद के दौरान सर्व आदिवासी समाज के युवाओं ने बाइक रैली निकालकर विरोध जताया. बंद को सफल बनाने के लिए गावों से बड़ी संख्या में सर्व आदिवासी समाज के लोग मौजूद रहे. इस बीच युवा 'आदिवासियों पर अत्याचार नहीं सहेंगे', 'सर्व आदिवासी जिंदाबाद' के नारे लगाते रहे.
मणिपुर की घटना को लेकर और देश के अलग अगल हिस्सों में महिलाओं पर अत्याचार के विरोध में बंद का आह्वान किया गया है. सर्व आदिवासी समाज की मांग है कि मणिपुर की सरकार को बर्खास्त कर वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाए. -मैनुराम कुमेटी, कोषाध्यक्ष, सर्व आदिवासी समाज नारायणपुर
हम केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि इस प्रकार की घटना पर रोक लगे. मणिपुर हिंसा मामले में स्थानीय सरकार की ओर से कोई विशेष पहल नहीं की गई, इसलिए भी हम विरोध कर रहे हैं. -सदाराम ठाकुर, संरक्षक, सर्व आदिवासी समाज नारायणपुर
एहतियात के लिए पुलिस बल का लेना पड़ा सहारा: मणिपुर में दो महीनों से भी ज्यादा समय से जारी हिंसा के विरोध में नारायणपुर जिला सर्व आदिवासी समाज ने नगर बंद कराया. युवाओं ने रैली निकाली तो वहीं स्थानीय दुकानदारों ने भी हिंसा के विरोध में दुकानें बंद ही रखीं. इस बीच शहर में किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए जगह जगह पुलिस बल लगाया गया.