नारायणपुर: छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेल में गांवों से लेकर शहरों तक बूढ़े बच्चों और महिलाएं बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं. खेलों को प्रति दीवानगी के साथ ही लोगों की प्रतिभाएं भी सामने आ रही हैं. लेकिन नारायणपुर जिले में जिम्मेदारों की लापरवाही सारे प्रयासों पर पलीता लगाने के लिए काफी है. क्रीड़ा परिसर मैदान में ब्लाक स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के तीसरे चरण में भाग लेने 18 अगस्त को पहुंचे खिलाड़ियों को समय पर खाना पानी तक नसीब नहीं हुआ.
टेंट तो लगाया गया, लेकिन बैनर का नामों निशान नहीं : भोजन पानी के लिए खिलाड़ी परेशान नजर आए. क्रीड़ा परिसर मैदान में टेंट तो लगाया गया पर ओलंपिक खेल का एक बैनर भी लगाना जिम्मेदार लोगों ने उचित नहीं समझा. कहीं से भी यह देखने में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक नहीं नजर आ रहा था.
दोपहर 2 बजे तक खेल शुरू होने का करना पड़ा इंतजार: राजीव युवा मितान क्लब की ओर से आयोजित छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेल में जिले के कोहकामेटा सहित दूरदराज के गावों से खिलाड़ी पहुंचे थे. इनके लिए पीने के पानी, नाश्ता या भोजन की व्यवस्था समय पर नहीं करने का आरोप है. खिलाड़ी खेल शुरू होने का इंतजार दोपहर 2 तक करते रहे हैं. भूख से बिलखते खिलाड़ी घर वापस जाने की बात भी बताते नजर आए.
अधिकारियों ने बताई अपनी मजबूरी: मौके पर मौजूद पीटीआई शिक्षक ने यहां की व्यवस्था अन्य अधिकारी के नियंत्रण में होने की बात कही. राजीव युवा मितान क्लब के जिला अध्यक्ष उमेश कर्मा ने भी लचर व्यवस्था की बात स्वीकार की. खेल में आए बच्चों को सुविधा नहीं मिलने पर भाजयुमो जिलाध्यक्ष पंकज जैन ने छत्तीसगढ़ ओलंपिक खेल को केवल दिखावा और ढोंग करार देते हुए आयोजन को ढकोसला बताया.