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Nal Jal Yojana: छह महीने पहले 12 गांव में बिछाए कनेक्शन, हर घर में लगाई टोटी, फिर क्यों पानी को तरस रहे गोंगलावासी ?

Nal Jal Yojana केंद्र सरकार ने दूर दराज के इलाकों में भी लोगों तक साफ पानी पहुंचाने के लिए नल जल योजना शुरू की. कागज पर योजना तेजी से दौड़ रही है, लेकिन हकीकत तो कुछ और ही है. ठेकेदारों की लापरवाही और सुस्त माॅनीटरिंग से योजना को पलीता लग रहा है. हालत तो ये है कि पाइप लाइन बिछने और घरों में टोटियां लग जाने के 6 महीने बाद भी घरों तक पानी की एक बूंद तक नहीं पहुंच सकी.

Nal Jal Yojana
पानी को तरस रहे गोंगलावासी
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Published : Aug 9, 2023, 8:05 PM IST

Updated : Aug 9, 2023, 10:25 PM IST

छह महीने पहले 12 गांव में बिछाए कनेक्शन

नारायणपुर: जिला मुख्यालय से महज 25 किमी दूर ग्राम पंचायत बावड़ी के आश्रित ग्राम गोंगला में 50 घर से अधिक घर हैं और कुल 200 लोग यहां रहते हैं. जल जीवन मिशन योजना के तहत 6 महीना पहले ही हर घर तक कनेक्शन पहुंचाया गया और घरों में साफ पानी के लिए टोटियां फिट की गईं. लोगों को यकीन था कि जल्द ही उनके घरों में पानी आएगा और उनकी परेशानियां खत्म हो जाएंगी. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. अब भी गांव के लोग तकरीबन एक किलोमीटर दूर से पीने का पानी लाने को मजबूर हैं.

गोंगला सहित 12 गांव में काम पूरा होने का दावा: नारायणपुर के 233 गांवों में जल जीवन मिशन का काम होना है. पीएचई विभाग के अधिकारी 12 गांवों में काम पूरा होने का दावा कर रहे हैं, जिनमें गोंगला भी शामिल है. विभाग ने 191 गांवों में काम चलने की बात कही. वहीं इस वित्तीय वर्ष में स्वीकृत 30 गांवों के काम शुरू नहीं हो पाने की भी जानकारी दी.

जल जीवन मिशन का काम 233 गांवों में होना है. इनमें अबूझमाड़ ओरछा के 59 और नारायणपुर ब्लाक के 174 गांव हैं. 12 गांवों में कार्य पूर्ण हो गया है, जिसका परीक्षण किया जा रहा है. 191 गांवों में कार्य प्रगति पर है. -संतोष कुमार वर्मा, कार्यपालन अभियंता, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग

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अधिकारी सच बोल रहे या तरस्वीर: पीएचई विभाग ने जो आंकड़े बताए, उसे गांव वाले कागजी बता रहे हैं. काम पूरा होने वाले 12 गांवों में रेमावंड, गोंगला, मूरहापदर, सुफगांव, तेलसी, उडीदगांव, गुलुमकोडो, नयानार, उडीदगांव भी शामिल हैं. यहां नल जल योजना का काम अधिकारी पूरा बता रहे है. जबकि हकीकत ये है कि कई गावों में आज भी आधा अधूरा काम हुआ है. ठेकेदार की लापरवाही और प्रशासनिक उदासीनता के चलते गांव में नलजल का काम को कागजों में पूरा बताया जा रहा है. जबकि हकीकत ये है कि इस गांव की महिलाएं हैंडपंप से पानी भर रही हैं.

नल तो लगा है लेकिन पानी नहीं आ रहा है. कई महीनों से ऐसा ही है. केवल शो पीस है. -रामशीला कचलाम, स्थानीय निवासी

गांव के हर घर में नल लगा है, लेकिन पानी नही आ रहा है. इससे हम महिलाओं को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हम चाहते है कि घर में पानी आए. -मनकी पोटाई, स्थानीय निवासी


अधिकारी दावे तो कर रहे हैं, लेकिन ग्राउंड पर माॅनीटरिंग भी इसी चुस्ती के साथ होती तो गांव वालों को पीने के पानी के लिए आज भटकना नहीं पड़ता. यह किस्सा एक गांव का जरूर है मगर महकमे को आईना दिखाने के लिए काफी है.

छह महीने पहले 12 गांव में बिछाए कनेक्शन

नारायणपुर: जिला मुख्यालय से महज 25 किमी दूर ग्राम पंचायत बावड़ी के आश्रित ग्राम गोंगला में 50 घर से अधिक घर हैं और कुल 200 लोग यहां रहते हैं. जल जीवन मिशन योजना के तहत 6 महीना पहले ही हर घर तक कनेक्शन पहुंचाया गया और घरों में साफ पानी के लिए टोटियां फिट की गईं. लोगों को यकीन था कि जल्द ही उनके घरों में पानी आएगा और उनकी परेशानियां खत्म हो जाएंगी. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. अब भी गांव के लोग तकरीबन एक किलोमीटर दूर से पीने का पानी लाने को मजबूर हैं.

गोंगला सहित 12 गांव में काम पूरा होने का दावा: नारायणपुर के 233 गांवों में जल जीवन मिशन का काम होना है. पीएचई विभाग के अधिकारी 12 गांवों में काम पूरा होने का दावा कर रहे हैं, जिनमें गोंगला भी शामिल है. विभाग ने 191 गांवों में काम चलने की बात कही. वहीं इस वित्तीय वर्ष में स्वीकृत 30 गांवों के काम शुरू नहीं हो पाने की भी जानकारी दी.

जल जीवन मिशन का काम 233 गांवों में होना है. इनमें अबूझमाड़ ओरछा के 59 और नारायणपुर ब्लाक के 174 गांव हैं. 12 गांवों में कार्य पूर्ण हो गया है, जिसका परीक्षण किया जा रहा है. 191 गांवों में कार्य प्रगति पर है. -संतोष कुमार वर्मा, कार्यपालन अभियंता, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग

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अधिकारी सच बोल रहे या तरस्वीर: पीएचई विभाग ने जो आंकड़े बताए, उसे गांव वाले कागजी बता रहे हैं. काम पूरा होने वाले 12 गांवों में रेमावंड, गोंगला, मूरहापदर, सुफगांव, तेलसी, उडीदगांव, गुलुमकोडो, नयानार, उडीदगांव भी शामिल हैं. यहां नल जल योजना का काम अधिकारी पूरा बता रहे है. जबकि हकीकत ये है कि कई गावों में आज भी आधा अधूरा काम हुआ है. ठेकेदार की लापरवाही और प्रशासनिक उदासीनता के चलते गांव में नलजल का काम को कागजों में पूरा बताया जा रहा है. जबकि हकीकत ये है कि इस गांव की महिलाएं हैंडपंप से पानी भर रही हैं.

नल तो लगा है लेकिन पानी नहीं आ रहा है. कई महीनों से ऐसा ही है. केवल शो पीस है. -रामशीला कचलाम, स्थानीय निवासी

गांव के हर घर में नल लगा है, लेकिन पानी नही आ रहा है. इससे हम महिलाओं को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हम चाहते है कि घर में पानी आए. -मनकी पोटाई, स्थानीय निवासी


अधिकारी दावे तो कर रहे हैं, लेकिन ग्राउंड पर माॅनीटरिंग भी इसी चुस्ती के साथ होती तो गांव वालों को पीने के पानी के लिए आज भटकना नहीं पड़ता. यह किस्सा एक गांव का जरूर है मगर महकमे को आईना दिखाने के लिए काफी है.

Last Updated : Aug 9, 2023, 10:25 PM IST
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