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Millets Cafe in Narayanpur : नारायणपुर में खुला मिलेट्स कैफे, कवासी लखमा ने किया शुभारंभ - नारायणपुर में खुला मिलेट्स कैफे

नारायणपुर के रहवासी अब मिलेट्स का स्वाद ले सकेंगे. इसके लिए सरकार ने मिलेट मिशन के तहत मिलेट कैफे का शुभारंभ किया है. मिलेट्स कैफे में मोटे अनाज से बनाए गए उत्पादों की बिक्री महिला स्व सहायता समूह की महिलाएं करेंगी.

Millets Cafe and Gadkaleva open in Narayanpur
कवासी लखमा ने किया शुभारंभ
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Published : Mar 7, 2023, 8:02 PM IST

नारायणपुर : कवासी लखमा ने नारायणपुर जिला कार्यालय जाने वाले मार्ग पर जिला प्रशासन के मिलेट एवं गढ़कलेवा स्वल्पाहार भवन का उद्घाटन किया. इस अवसर पर उन्होने कहा कि ''जिले की मां दंतेश्वरी स्व सहायता समूह का यह कार्य अत्यंत सराहनीय है. बस्तर में उगने वाले मोटे अनाज जैसे रागी, कोदो, कुटकी का बेहतर इस्तेमाल हो सकेगा. इस अवसर महिला स्व सहायता समूह को मिलेट कैफे के संचालन के लिए छत्तीसगढ़ महिला कोष से एक लाख रूपये का ऋण चेक भी दिया गया है.

कौन-कौन था कार्यक्रम में मौजूद : इस दौरान छत्तीसगढ़ हस्त शिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष एवं विधायक चंदन कश्यप, जिला पंचायत अध्यक्ष श्यामबत्ती नेताम, उपाध्यक्ष देवनाथ उसेण्डी, नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती सुनीता मांझी, जनपद पंचायत अध्यक्ष पंडी राम वड्डे समेत अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे.


किन व्यंजनों का होगा इस्तेमाल : गढ़कलेवा में आम खान पान के अतिरिक्त मिलेट्स से बने व्यंजन जैसे रागी के अलावा अन्य मोटे अनाजों से निर्मित मुठिया, चीला, फरा, बड़ा, खुरमी, तिल लड्डू, साबूदाना खिचड़ी, रागी दोसा, लड्डू, पकौड़ा, रागी ईडली, कोदो कुटकी उपमा, खिचड़ी, कुकीज जैसी खाद्य सामग्री भी उपलब्ध रहेगी. इसे कृषि विज्ञान केन्द्र के स्व सहायता महिला समूह संचालित करती है.

ये भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ का पहला मिलेट्स कैफे


मिशन मिलेट के तहत प्रयास :राज्य सरकार ने कोदो, कुटकी और रागी का समर्थन मूल्य तय करने के साथ-साथ राजीव गांधी किसान न्याय योजना के दायरे में इन्हें भी शामिल किया है. मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए गौठानों में विकसित किए जा रहे रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में मिलेट्स प्रोसेसिंग प्लांट लगाए गए हैं. प्रदेश के 14 जिलों को इस मिलेट मिशन के लिए चुना गया है. इसके लिए इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च हैदराबाद से एमओयू हुआ है.

नारायणपुर : कवासी लखमा ने नारायणपुर जिला कार्यालय जाने वाले मार्ग पर जिला प्रशासन के मिलेट एवं गढ़कलेवा स्वल्पाहार भवन का उद्घाटन किया. इस अवसर पर उन्होने कहा कि ''जिले की मां दंतेश्वरी स्व सहायता समूह का यह कार्य अत्यंत सराहनीय है. बस्तर में उगने वाले मोटे अनाज जैसे रागी, कोदो, कुटकी का बेहतर इस्तेमाल हो सकेगा. इस अवसर महिला स्व सहायता समूह को मिलेट कैफे के संचालन के लिए छत्तीसगढ़ महिला कोष से एक लाख रूपये का ऋण चेक भी दिया गया है.

कौन-कौन था कार्यक्रम में मौजूद : इस दौरान छत्तीसगढ़ हस्त शिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष एवं विधायक चंदन कश्यप, जिला पंचायत अध्यक्ष श्यामबत्ती नेताम, उपाध्यक्ष देवनाथ उसेण्डी, नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती सुनीता मांझी, जनपद पंचायत अध्यक्ष पंडी राम वड्डे समेत अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे.


किन व्यंजनों का होगा इस्तेमाल : गढ़कलेवा में आम खान पान के अतिरिक्त मिलेट्स से बने व्यंजन जैसे रागी के अलावा अन्य मोटे अनाजों से निर्मित मुठिया, चीला, फरा, बड़ा, खुरमी, तिल लड्डू, साबूदाना खिचड़ी, रागी दोसा, लड्डू, पकौड़ा, रागी ईडली, कोदो कुटकी उपमा, खिचड़ी, कुकीज जैसी खाद्य सामग्री भी उपलब्ध रहेगी. इसे कृषि विज्ञान केन्द्र के स्व सहायता महिला समूह संचालित करती है.

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मिशन मिलेट के तहत प्रयास :राज्य सरकार ने कोदो, कुटकी और रागी का समर्थन मूल्य तय करने के साथ-साथ राजीव गांधी किसान न्याय योजना के दायरे में इन्हें भी शामिल किया है. मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए गौठानों में विकसित किए जा रहे रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में मिलेट्स प्रोसेसिंग प्लांट लगाए गए हैं. प्रदेश के 14 जिलों को इस मिलेट मिशन के लिए चुना गया है. इसके लिए इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च हैदराबाद से एमओयू हुआ है.

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