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कोरोना के डर से ग्रामीणों ने किया नए पुलिस कैंप का विरोध, कहा- जंगल और शहर सरकार के बीच पिस रहे

सैकड़ों ग्रामीणों ने रैली निकालकर अबूझमाड़ में खुल रहे नए पुलिस कैंप का विरोध किया है. ग्रामीणों ने सुरक्षाबलों को अबूझमाड़ में नक्सल उन्मूलन के नाम पर की जा रही गश्त को बंद करने की मांग की है.

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पुलिस कैंप खोलने के विरोध में उतरे सैंकड़ों ग्रामीण
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Published : Oct 6, 2020, 5:32 PM IST

नारायणपुर: अबूझमाड़ के आकाबेड़ा गांव में कई गांवों के सैकड़ों ग्रामीणों ने रैली निकालकर अबूझमाड़ में खुल रहे नए पुलिस कैंप का विरोध किया है. गांववालों को कहना है कि कई जवान कोरोना वायरस के संक्रमण का शिकार हो चुके हैं. गश्त के दौरान वे खाने-पीने की सामग्री स्थानीय लोगों और बच्चों को देते हैं, जिससे इंफेक्शन फैलने का खतरा है. रैली में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल थे.

ग्रामीणों ने किया नए पुलिस कैंप का विरोध

तोके, कस्तूरमेटा, कुतुल, पदमकोट, नीलांगुर, आकाबेड़ा, घमंडी, नेडनार, कलमानार समेत कई ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों ने पुलिस अफसरों के सामने अपनी बात रखी. एक बुजुर्ग ग्रामीण ने कहा कि 'जंगल और शहर सरकार' के बीच उनका जीवन परेशानियों से घिर गया है. उनसे कहा कि सरकार और नक्सली संगठन की लड़ाई में गांववाले पिस रहे हैं.

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पुलिस कैंप खोलने के विरोध में उतरे सैंकड़ों ग्रामीण

पढ़ें- SPECIAL: कैसे होगी बिन पुस्तक के पढ़ाई, लाखों बच्चों तक किताबें पहुंचाने में नाकाम पाठ्य पुस्तक निगम


अबूझमाड़ के ग्रामीणों ने सरपंचों और सचिवों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है. गांववालों ने कहा कि उन्होंने आज तक सरपंच और सचिव का चेहरा तक नहीं देखा है. पंचायत के कार्यों के लिए उन्हें नारायणपुर जाना पड़ता है. याताात सुविधा न होने की वजह से उन्हें आने-जाने में परेशानी होती है. ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत में निर्माण कार्यों में धांधली कर गांव के विकास के नाम पर लाखों रुपए की बंदरबांट की जा रही है.

नारायणपुर: अबूझमाड़ के आकाबेड़ा गांव में कई गांवों के सैकड़ों ग्रामीणों ने रैली निकालकर अबूझमाड़ में खुल रहे नए पुलिस कैंप का विरोध किया है. गांववालों को कहना है कि कई जवान कोरोना वायरस के संक्रमण का शिकार हो चुके हैं. गश्त के दौरान वे खाने-पीने की सामग्री स्थानीय लोगों और बच्चों को देते हैं, जिससे इंफेक्शन फैलने का खतरा है. रैली में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल थे.

ग्रामीणों ने किया नए पुलिस कैंप का विरोध

तोके, कस्तूरमेटा, कुतुल, पदमकोट, नीलांगुर, आकाबेड़ा, घमंडी, नेडनार, कलमानार समेत कई ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों ने पुलिस अफसरों के सामने अपनी बात रखी. एक बुजुर्ग ग्रामीण ने कहा कि 'जंगल और शहर सरकार' के बीच उनका जीवन परेशानियों से घिर गया है. उनसे कहा कि सरकार और नक्सली संगठन की लड़ाई में गांववाले पिस रहे हैं.

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अबूझमाड़ के ग्रामीणों ने सरपंचों और सचिवों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है. गांववालों ने कहा कि उन्होंने आज तक सरपंच और सचिव का चेहरा तक नहीं देखा है. पंचायत के कार्यों के लिए उन्हें नारायणपुर जाना पड़ता है. याताात सुविधा न होने की वजह से उन्हें आने-जाने में परेशानी होती है. ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत में निर्माण कार्यों में धांधली कर गांव के विकास के नाम पर लाखों रुपए की बंदरबांट की जा रही है.

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