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Narayanpur: नारायणपुर के 27 लोग कोंडागांव में फूड प्वाइजनिंग के शिकार - सीएमएचओ डॉ कुंवर

29 अप्रैल को सगाई समारोह में शामिल होने नारायणपुर से कोंडागांव पहुंचे मेहमानों की तबीयत देर शाम अचानक बिगड़ गई. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फरसगांव जिला कोंडागांव में उल्टी-दस्त पीड़ितों की सूचना दी गई. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर कुवर इमरजेंसी टीम के साथ चिन्हलीबेड़ा गांव पहुंचे और पीड़ितों का इलाज शुरू कराया.

victims of food poisoning
मेहमान बने फूड प्वाइजनिंग के शिकार
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Published : Apr 30, 2023, 9:08 PM IST

मेहमान बने फूड प्वाइजनिंग के शिकार

नारायणपुर: उदाबेड़ा थाना क्षेत्र के चिन्हलीबेड़ा गांव (जिला कोंडागांव) में शनिवार को 45 लोगों का दल सगाई समारोह में शामिल होने पहुंचा. मेहमाननवाजी के दौरान कुछ ऐसा खा लिया कि अचानक दो दर्जन से ज्यादा लोगों की तबीयत बिगड़ गई. उल्टी और दस्त से परेशान मेहमानों की हालत बिगड़ती देख लोगों ने सीएचसी फरसगांव से संपर्क किया. सीएमएचओ डॉक्टर कुवर इमरजेंसी टीम को लेकर चिन्हलीबेड़ा पहुंचे और इलाज शुरू कराया.

मेहमानों को परोसे गए थे कुसुम तेल में तले हुए पकौड़े: चिन्हलीबेड़ा में शनिवार को मेहमाननवाजी के दौरान मेहमानों के साथ ही गांव के लोगों ने कुसुम के तेल से बने पकौड़े खाए. इसके खाने के बाद से उल्टी-दस्त होने लगी. आनन फानन में मेहमानों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया. हालांकि मेहमान नारायणपुर जाने की जिद कर रहे थे. एक साथ इतने लोगों के उल्टी दस्त से बीमार होने पर स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया. सूचना पर स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर कुवर ने खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ केशव साहू, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ दीपेन्द्र, चिकित्सा अधिकारी डॉ कौशि चंद्रा और बीईटीओ मौलेन्द्र राणा ने मोर्चा संभाला. फिर इलाज शुरू किया.

यह भी पढ़ें- food poisoning in Kawardha: कवर्धा में फूड प्वाइजनिंग के शिकार सभी लोग सुरक्षित

9 मरीजों को किया गया रेफर: टीम ने कुल 27 लोगों का उपचार किया और गंभीर 9 मरीजों को आगे के इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बेनूर रेफर किया. वहीं स्वास्थ्य विभाग की एक टीम गांव में ही मरीजों की निगरानी कर रही है. जिला पंचायत सीईओ देवेश कुमार ध्रुव ने बताया कि "रात का समय अंधी तूफान होने के कारण बेनूर, बयानार, मदपाल, हसलनार से आए ग्रामीण छोटे से घर में असुविधा के कारण ज्यादा परेशान हो रहे थे. इलाज वाली जगह ही उल्टी करने को मजबूर थे. उन्हें तुरंत स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाने के लिए सीएमएचओ डॉ कुंवर और बीएमओ से संपर्क किया गया. तत्काल गाड़ी की व्यवस्था कर मेडिकल टीम की मदद और उपचार से अनहोनी को टाला गया."

अब तक भर्ती सभी मरीज खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं. चिन्हलीबेड़ा में मरीजों को अभी भी मेडिकल टीम की निगरानी में रखा गया है.

मेहमान बने फूड प्वाइजनिंग के शिकार

नारायणपुर: उदाबेड़ा थाना क्षेत्र के चिन्हलीबेड़ा गांव (जिला कोंडागांव) में शनिवार को 45 लोगों का दल सगाई समारोह में शामिल होने पहुंचा. मेहमाननवाजी के दौरान कुछ ऐसा खा लिया कि अचानक दो दर्जन से ज्यादा लोगों की तबीयत बिगड़ गई. उल्टी और दस्त से परेशान मेहमानों की हालत बिगड़ती देख लोगों ने सीएचसी फरसगांव से संपर्क किया. सीएमएचओ डॉक्टर कुवर इमरजेंसी टीम को लेकर चिन्हलीबेड़ा पहुंचे और इलाज शुरू कराया.

मेहमानों को परोसे गए थे कुसुम तेल में तले हुए पकौड़े: चिन्हलीबेड़ा में शनिवार को मेहमाननवाजी के दौरान मेहमानों के साथ ही गांव के लोगों ने कुसुम के तेल से बने पकौड़े खाए. इसके खाने के बाद से उल्टी-दस्त होने लगी. आनन फानन में मेहमानों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया. हालांकि मेहमान नारायणपुर जाने की जिद कर रहे थे. एक साथ इतने लोगों के उल्टी दस्त से बीमार होने पर स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया. सूचना पर स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर कुवर ने खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ केशव साहू, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ दीपेन्द्र, चिकित्सा अधिकारी डॉ कौशि चंद्रा और बीईटीओ मौलेन्द्र राणा ने मोर्चा संभाला. फिर इलाज शुरू किया.

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9 मरीजों को किया गया रेफर: टीम ने कुल 27 लोगों का उपचार किया और गंभीर 9 मरीजों को आगे के इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बेनूर रेफर किया. वहीं स्वास्थ्य विभाग की एक टीम गांव में ही मरीजों की निगरानी कर रही है. जिला पंचायत सीईओ देवेश कुमार ध्रुव ने बताया कि "रात का समय अंधी तूफान होने के कारण बेनूर, बयानार, मदपाल, हसलनार से आए ग्रामीण छोटे से घर में असुविधा के कारण ज्यादा परेशान हो रहे थे. इलाज वाली जगह ही उल्टी करने को मजबूर थे. उन्हें तुरंत स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाने के लिए सीएमएचओ डॉ कुंवर और बीएमओ से संपर्क किया गया. तत्काल गाड़ी की व्यवस्था कर मेडिकल टीम की मदद और उपचार से अनहोनी को टाला गया."

अब तक भर्ती सभी मरीज खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं. चिन्हलीबेड़ा में मरीजों को अभी भी मेडिकल टीम की निगरानी में रखा गया है.

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