नारायणपुर: जिले में एक आदिवासी महिला लाखों रुपये की धोखाधड़ी का शिकार हो गई. ग्रामीण आदिवासी महिला का फर्जी हस्ताक्षर कर बैंक से 6 लाख 50 हजार रुपये निकाल लिए गए. मामले में पंजाब नेशनल बैंक शाखा नारायणपुर के कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगा है. मामला मीडिया में आने के बाद बैंक ने महिला के खाते में रुपये ट्रांसफर किए.
आदिवासी महिला के खाते से गायब हुए लाखों रुपये: पूरा मामला जिला मुख्यालय से महज 8 किलोमीटर दूर ग्राम कोचवाही के किसान परिवार की महिला 43 वर्षीय जैनी बाई का है. महिला ने अपनी कमाई पूंजी पंजाब नेशनल बैंक शाखा नारायणपुर में जमा की थी. खाताधारक जैनी बाई को जब रकम की जरूरत पड़ी तो बैंक पहुंची. तब बैंक से जानकारी मिली कि उसके खाते में उतनी राशि नहीं है. जितना वो आहरण करना चाहती है. यह सुनकर महिला के पैरों तले जमीन खिसक गई.
अलग अलग तारीखों में निकाले गए साढ़े 6 लाख रुपये: पीड़ित महिला अपने शिक्षित पुत्र के साथ बैंक पहुंची और स्टेटमेंट निकलवाया. तब उसे पता चला उसके ग्राम के ही एक व्यक्ति निलेश कुमार पट्टाबी ने उसके खाते से फर्जी तरीके से पैसे निकाल लिए हैं. महिला ने बैंक कर्मियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए मीडिया को बताया उसके परिचित के एक व्यक्ति और बैंक कर्मी की मिलीभगत कर फर्जी तरीके से 29.04.2022 को दो लाख रु, 28.09.2022 को दो लाख रु, 04.10.2022 को एक लाख रु व 13.10.2022 को एक लाख पचास हजार रु इस तरह कुल ₹650000 खाते से निकाल कर धोखाधड़ी किया गया.
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हस्ताक्षकर करना नहीं जानती है महिला: मामला को तूल पकड़ता देख बैंक कर्मी खुद स्टांप खरीद कर पीड़ित महिला के घर जाकर दबाव पूर्ण शपथ पत्र बनवाया. जिसमें बैंक कर्मी ने खुद को निर्दोष साबित करने का प्रयास करते हुए पूरा आरोप महिला के परिचित और उसके बेटे पर लगा दिया. महिला ने बताया कि उसे हस्ताक्षर करना नहीं आता सभी दस्तावेजों में वो अंगूठा लगाती है बीते 1 हफ्ते से वो हस्ताक्षर करना सीख रही है. अंगूठा लगाने वाले ग्राहक को बैंक चेक जारी नहीं करता है ऐसी स्थिति में बैंक के द्वारा महीनों पहले चेक कैसे जारी कर दिया गया ?
बैंक ने वापस किए पूरे रुपये: इस पूरे मामले पर शाखा प्रबंधक रितेश कुमार ने कहा "महिला अपने परिचित निलेश पोटाई के साथ बैंक में आई. चेक बुक जारी करवाकर निलेश पोटाई को दे दी. जिसके बाद नीलेश पोटाई लगातार उसके खाते से पैसा निकालता रहा. जब महिला के पुत्र को इस बात की जानकारी हुई तब महिला ने बैंक में शिकायत की. बैंक ने निलेश पोटाई के खाते को फ्रीज कर पूरी राशि महिला के खाते में डाल दिया गया है. महिला को किसी तरह की शिकायत नहीं है. "