नारायणपुर: सुरक्षा बलों को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. जिला बल, छसबल, एसटीएफ, आईटीबीपी, बीएसएफ लगातार नक्सल विरोधी अभियान चला रहे हैं. पुलिस की ओर से चलाये जा रहे नक्सल विरोधी अभियान से नक्सल घटनाओं में कमी आई है. हालाकि नक्सली लगातार उत्पात मचाने की कोशिश करते रहते हैं. पुलिस लगातार नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित कर रही है. जिसका परिणाम भी मिल रहा है. एक महिला नक्सली सहित 4 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है.
नक्सलियों पर बढ़ते दबाव और शासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर नक्सलियों ने संगठन का साथ छोड़ मुख्यधारा से जुड़ने का फैसला किया है. गुरुवार को एक महिला नक्सली सहित चार नक्सलियों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एसपी मोहित गर्ग के सामने आत्म समर्पण किया है.
नक्सलियों के लिए करते थे काम
चारों आत्मसर्पित नक्सली पहले नक्सली संगठन में कार्य करते थे. इस दौरान नक्सलियों के लिए भोजन की व्यवस्था करना इनकी जिम्मेदारी थी. गांव में अंजान व्यक्तियों के आने पर उनसे पूछताछ और उनकी निगरानी करने का काम भी इन्हें दिया गया था. नक्सली साहित्य और पोस्टर पाम्पलेट चिपकाने का काम भी करते थे.
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इन कार्यों को देते थे अंजाम
- ग्रामीणों को नक्सली मीटिंग में उपस्थित होने की सूचना देना.
- बाजारों से दैनिक उपयोग की सामग्री खरीद कर नक्सलियों तक पहुंचाना.
- नक्सलियोें के गांव में आने पर उनको सुरक्षा देना.
- क्षेत्र में पुलिस आने की सूचना देना.
- पुलिस पार्टी की रेकी करना.
- नक्सलियों के अस्थायी कैंप में संतरी ड्यूटी करना.
- गांव के चारों ओर दिन के समय पेट्रोलिंग करना.
सभी नक्सलियों की गलत नीतियों से असंतुष्ट होकर समाज की मुख्यधारा में जुड़कर सामान्य जीवन जीने के लिए आत्मसमर्पण किए हैं. सभी को मुख्यधारा में वापस लौटने पर प्रोत्साहन राशि के रूप में एसपी ने दस-दस हजार की राशि प्रदान की है. आत्मसर्पित नक्सलियों में कमलू ध्रुवा, मालू ध्रुवा, राकेश उसेण्डी, हिड़मे कवाची शामिल हैं.