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पटवारियों के हड़ताल पर जाने से बढ़ी किसानों की चिंता, चक्कर काटने को मजबूर अन्नदाता

प्रदेश में इन दिनों धान खरीदी की जा रही है. ऐसे में पटवारियों का हड़ताल पर जाना किसानों के लिए मुसीबत का सबब बन गया है. किसान अपने धान को बेचने समेत जरूरी अन्य कामों के लिए चक्कर काटने को मजबूर हैं.

farmers facing problem due to protest of patwari assosiation
हड़ताल से किसान परेशान
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Published : Dec 24, 2020, 12:36 AM IST

Updated : Dec 24, 2020, 10:30 AM IST

नारायणपुर: वर्तमान में प्रदेश में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी से संबंधित गिरदावरी सुधार कार्य, खरीफ फसल कटाई प्रयोग, लघु सिंचाई संगणना, कृषि संगणना, खरीफ फसल का पूर्वानुमान और भू-अभिलेख से संबंधित कार्य किए जा रहे हैं. ऐसे समय में पटवारियों का हड़ताल पर जाना किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. छत्तीसगढ़ राजस्व पटवारी संघ के आह्वान पर जिला नारायणपुर के पटवारी भी अपनी मांगों के समर्थन में अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे हैं. पटवारियों के हड़ताल पर जाने से आम किसान ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं.

हड़ताल से किसान परेशान

वर्तमान में धान खरीदी में रकबा संशोधन नहीं होने से किसान खासे परेशान हैं. इसके अलावा स्कूली बच्चों की आय, जाति, निवास, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र का प्रतिवेदन और जमीन खरीदी के लिए नकल प्राप्त करने में लोगों को खासी दिक्कत हो रही है.

वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति की मांग

जिला पटवारी संघ अध्यक्ष सुशीला ध्रुव ने बताया कि हमारी कुछ मांगें हैं, जो हम चाहते हैं कि सरकार इसे पूरा करे. हमारी मांगों में भुइयां एप की समस्या दूर करते हुए संसाधन करना, वरिष्ठता के आधार पर पटवारियों को राजस्व निरीक्षक पद पर सीधे पदोन्नत करना, राजस्व निरीक्षकों के कुल पदों के 50% पद पर वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नत करना, जब तक विभागीय जांच पूरी न हो तब तक किसी भी पटवारी पर प्रारंभिक एफआईआर दर्ज न करना, महंगाई को देखते हुए फिक्स टीए प्रति महीने 1 हजार करने के साथ स्टेशनरी भत्ता एक हजार रुपए किए जाने की मांग शामिल है.

farmers facing problem due to protest of patwari assosiation
हड़ताल पर बैठे पटवारी

पढ़ें: VIDEO: पटवारियों की हड़ताल ने बढ़ाई किसानों की टेंशन

नक्सल भत्ता देने की मांग

सुशीला ने बताया कि पटवारियों को अपने कार्यालय के लिए किराए का भुगतान करने, नक्सल प्रभावित जिलों में पटवारियों को भी नक्सल भत्ता प्रदान करने, मुख्यालय निवास की बाध्यता खत्म करने, अतिरिक्त हलके के प्रभार के लिए पटवारियों के मूल वेतन का 50% राशि बढ़ाने, वेतन विसंगति दूर करने आदि मांगों को लेकर जिले के पटवारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हुए हैं.

चक्कर काट रहे किसान

पटवारियों की हड़ताल से किसानों और ग्रामीणों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. सबसे ज्यादा परेशानियां किसानों को सोसायटी में धान बेचने में आ रही है. सोसायटी में धान बेचने के लिए टोकन मिला हुआ है, लेकिन उनका रकबा घटाकर बताया जा रहा है. वे पटवारियों से संपर्क कर रहे हैं, लेकिन हड़ताल के चलते उनकी समस्या का निराकरण नहीं हो रहा है.

farmers facing problem due to protest of patwari assosiation
ज्ञापन सौंपने पहुंचे किसान

कलेक्टर और तहसीलदार के पास पहुंचे किसान

समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए छोटेडोंगर और गौवरदंड गांव के किसानों के रकबे को शामिल करने को लेकर किसानों ने कलेक्टर और तहसीलदार के नाम ज्ञापन सौंपा है. छोटेडोंगर और गोवरदंड गांव के किसानों की ओर से खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी करने के लिए पंजीयन कराया गया था, लेकिन कुछ किसानों का पहले पंजीकृत रकबे से कम रकबा और कुछ किसानों का रकबा सॉफ्टवेयर में निरंक प्रदर्शित हो रहा है.

नारायणपुर: वर्तमान में प्रदेश में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी से संबंधित गिरदावरी सुधार कार्य, खरीफ फसल कटाई प्रयोग, लघु सिंचाई संगणना, कृषि संगणना, खरीफ फसल का पूर्वानुमान और भू-अभिलेख से संबंधित कार्य किए जा रहे हैं. ऐसे समय में पटवारियों का हड़ताल पर जाना किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. छत्तीसगढ़ राजस्व पटवारी संघ के आह्वान पर जिला नारायणपुर के पटवारी भी अपनी मांगों के समर्थन में अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे हैं. पटवारियों के हड़ताल पर जाने से आम किसान ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं.

हड़ताल से किसान परेशान

वर्तमान में धान खरीदी में रकबा संशोधन नहीं होने से किसान खासे परेशान हैं. इसके अलावा स्कूली बच्चों की आय, जाति, निवास, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र का प्रतिवेदन और जमीन खरीदी के लिए नकल प्राप्त करने में लोगों को खासी दिक्कत हो रही है.

वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति की मांग

जिला पटवारी संघ अध्यक्ष सुशीला ध्रुव ने बताया कि हमारी कुछ मांगें हैं, जो हम चाहते हैं कि सरकार इसे पूरा करे. हमारी मांगों में भुइयां एप की समस्या दूर करते हुए संसाधन करना, वरिष्ठता के आधार पर पटवारियों को राजस्व निरीक्षक पद पर सीधे पदोन्नत करना, राजस्व निरीक्षकों के कुल पदों के 50% पद पर वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नत करना, जब तक विभागीय जांच पूरी न हो तब तक किसी भी पटवारी पर प्रारंभिक एफआईआर दर्ज न करना, महंगाई को देखते हुए फिक्स टीए प्रति महीने 1 हजार करने के साथ स्टेशनरी भत्ता एक हजार रुपए किए जाने की मांग शामिल है.

farmers facing problem due to protest of patwari assosiation
हड़ताल पर बैठे पटवारी

पढ़ें: VIDEO: पटवारियों की हड़ताल ने बढ़ाई किसानों की टेंशन

नक्सल भत्ता देने की मांग

सुशीला ने बताया कि पटवारियों को अपने कार्यालय के लिए किराए का भुगतान करने, नक्सल प्रभावित जिलों में पटवारियों को भी नक्सल भत्ता प्रदान करने, मुख्यालय निवास की बाध्यता खत्म करने, अतिरिक्त हलके के प्रभार के लिए पटवारियों के मूल वेतन का 50% राशि बढ़ाने, वेतन विसंगति दूर करने आदि मांगों को लेकर जिले के पटवारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हुए हैं.

चक्कर काट रहे किसान

पटवारियों की हड़ताल से किसानों और ग्रामीणों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. सबसे ज्यादा परेशानियां किसानों को सोसायटी में धान बेचने में आ रही है. सोसायटी में धान बेचने के लिए टोकन मिला हुआ है, लेकिन उनका रकबा घटाकर बताया जा रहा है. वे पटवारियों से संपर्क कर रहे हैं, लेकिन हड़ताल के चलते उनकी समस्या का निराकरण नहीं हो रहा है.

farmers facing problem due to protest of patwari assosiation
ज्ञापन सौंपने पहुंचे किसान

कलेक्टर और तहसीलदार के पास पहुंचे किसान

समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए छोटेडोंगर और गौवरदंड गांव के किसानों के रकबे को शामिल करने को लेकर किसानों ने कलेक्टर और तहसीलदार के नाम ज्ञापन सौंपा है. छोटेडोंगर और गोवरदंड गांव के किसानों की ओर से खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी करने के लिए पंजीयन कराया गया था, लेकिन कुछ किसानों का पहले पंजीकृत रकबे से कम रकबा और कुछ किसानों का रकबा सॉफ्टवेयर में निरंक प्रदर्शित हो रहा है.

Last Updated : Dec 24, 2020, 10:30 AM IST
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