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घने जंगलों के बीच मौजूद है खूबसूरत हांदावाड़ा जलप्रपात, यहां होनी थी बाहुबली-2 की शूटिंग - हांदावाड़ा जलप्रपात में बाहुबली-2 की शूटिंग

नारायणपुर का हांदावाड़ा जलप्रपात जितना खूबसूरत है, यहां पहुंचना उतना ही कठिन है, खास बात ये है कि इस जलप्रपात को फिल्म बाहुबली-2 की शूटिंग के लिया चुना गया था.

खूबसूरत हांदावाड़ा जलप्रपात
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Published : Oct 8, 2019, 12:29 PM IST

नारायणपुर: अबूझमाड़ में छुपे कई मनमोहक जलप्रपात हैं, इनमें से हांदावाड़ा जलप्रपात को सबसे बड़े झरने के तौर पर जाना जाता है. घने जंगल के अंदर करीब 500 फीट की ऊंचाई से गिरते इस वाटरफॉल के नजदीक अब तक बेहद कम लोग पहुंच पाए हैं. बता दें कि फिल्म बाहुबली-2 की शूटिंग के लिए इस जगह का चयन किया गया था, लेकिन नक्सल प्रभावित इलाका होने की वजह से प्रोड्यूसर को यहां शूटिंग की इजाजत नहीं मिली थी.

पैकेज.
  • रायपुर से 300 किलोमीटर की दूरी पर है नारायणपुर, वहां से 60 किलोमीटर दूर घने जंगलों से घिरा है हांडापुड़ा गांव.
  • यहां से 6 किलोमीटर पैदल चलने पर दूर से ही नजर आने वाले खूबसूरत और विशाल हांदावाड़ा वाटरफॉल का दिलकश नजारा यहां आने वाले पर्यटकों का मन मोह लेता है.
  • 500 फीट की ऊंचाई से गिरता पानी बारिश के दिनों में अपने पूरे शबाब पर होता है. इसकी तेज आवाज करीब 4 किमी दूर तक सुनाई देती है.

फिल्म बाहुबली-2 की होनी थी शूटिंग
डायरेक्टर एसएस राजामौली और प्रोड्यूसर अमित मासुरकर अपनी फिल्म बाहुबली-2 में झरने के सीन के लिए हांदावाड़ा वाटरफॉल को चुना था.

  • बताया जाता है कि इसे देखने के लिए डायरेक्टर ने अपनी एक टीम भी बस्तर भेजी थी. टीम ने हांदावाड़ा जाकर इसकी तस्वीरें खींची और वीडियो रिकॉर्डिंग भी की.
  • बॉलीवुड की नजरों में हांदावाड़ा के वाटरफॉल की खूबसूरती का जादू छा गया था, लेकिन पुलिस और एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से सुरक्षा और परमिशन न मिलने की वजह से यहां शूटिंग कैंसल करनी पड़ी.
  • दरअसल, यह वाटरफॉल घोर नक्सली इलाके में है. इस जगह पर नक्सलियों का ऐसा आतंक है कि यह खूबसूरत जगह दुनिया की नजरों से दूर है.
  • ये झरना जितना हसीन है, वहां तक पहुंचना उतना ही कठिन है.

यहां तक पहुंचना है कठिन
यह नदी साल में 6 महीने लबालब रहती है. बारिश में इसे पार करना नामुमकिन का है. अक्टूबर-नवंबर में नदी को नाव से पार करना पड़ता है. हांदावाड़ा वाटरफॉल तक पहुंचने के लिए कोई पक्की सड़क नहीं है. कच्चे रास्तों से टू-व्हीलर के सहारे ही पहुंचा जा सकता है और दंतेवाड़ा जिले के बारसूर होकर, इंद्रावती नदी पार कर यहां पहुंचा जा सकता है. नदी पार करने के लिए पुल बना हुआ है.

अगर यहां टूरिस्ट को आने-जाने की सहूलियत मिल जाए तो यह खूबसूरत झरना देश के खास टूरिस्ट स्पॉट में शामिल हो सकता है.

नारायणपुर: अबूझमाड़ में छुपे कई मनमोहक जलप्रपात हैं, इनमें से हांदावाड़ा जलप्रपात को सबसे बड़े झरने के तौर पर जाना जाता है. घने जंगल के अंदर करीब 500 फीट की ऊंचाई से गिरते इस वाटरफॉल के नजदीक अब तक बेहद कम लोग पहुंच पाए हैं. बता दें कि फिल्म बाहुबली-2 की शूटिंग के लिए इस जगह का चयन किया गया था, लेकिन नक्सल प्रभावित इलाका होने की वजह से प्रोड्यूसर को यहां शूटिंग की इजाजत नहीं मिली थी.

पैकेज.
  • रायपुर से 300 किलोमीटर की दूरी पर है नारायणपुर, वहां से 60 किलोमीटर दूर घने जंगलों से घिरा है हांडापुड़ा गांव.
  • यहां से 6 किलोमीटर पैदल चलने पर दूर से ही नजर आने वाले खूबसूरत और विशाल हांदावाड़ा वाटरफॉल का दिलकश नजारा यहां आने वाले पर्यटकों का मन मोह लेता है.
  • 500 फीट की ऊंचाई से गिरता पानी बारिश के दिनों में अपने पूरे शबाब पर होता है. इसकी तेज आवाज करीब 4 किमी दूर तक सुनाई देती है.

फिल्म बाहुबली-2 की होनी थी शूटिंग
डायरेक्टर एसएस राजामौली और प्रोड्यूसर अमित मासुरकर अपनी फिल्म बाहुबली-2 में झरने के सीन के लिए हांदावाड़ा वाटरफॉल को चुना था.

  • बताया जाता है कि इसे देखने के लिए डायरेक्टर ने अपनी एक टीम भी बस्तर भेजी थी. टीम ने हांदावाड़ा जाकर इसकी तस्वीरें खींची और वीडियो रिकॉर्डिंग भी की.
  • बॉलीवुड की नजरों में हांदावाड़ा के वाटरफॉल की खूबसूरती का जादू छा गया था, लेकिन पुलिस और एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से सुरक्षा और परमिशन न मिलने की वजह से यहां शूटिंग कैंसल करनी पड़ी.
  • दरअसल, यह वाटरफॉल घोर नक्सली इलाके में है. इस जगह पर नक्सलियों का ऐसा आतंक है कि यह खूबसूरत जगह दुनिया की नजरों से दूर है.
  • ये झरना जितना हसीन है, वहां तक पहुंचना उतना ही कठिन है.

यहां तक पहुंचना है कठिन
यह नदी साल में 6 महीने लबालब रहती है. बारिश में इसे पार करना नामुमकिन का है. अक्टूबर-नवंबर में नदी को नाव से पार करना पड़ता है. हांदावाड़ा वाटरफॉल तक पहुंचने के लिए कोई पक्की सड़क नहीं है. कच्चे रास्तों से टू-व्हीलर के सहारे ही पहुंचा जा सकता है और दंतेवाड़ा जिले के बारसूर होकर, इंद्रावती नदी पार कर यहां पहुंचा जा सकता है. नदी पार करने के लिए पुल बना हुआ है.

अगर यहां टूरिस्ट को आने-जाने की सहूलियत मिल जाए तो यह खूबसूरत झरना देश के खास टूरिस्ट स्पॉट में शामिल हो सकता है.

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एंकर नारायणपुर अबूझमाड़ में छुपे हुए कई मनमोहक जलप्रपात हैं जिसमें सबसे बड़ा जलप्रपात है हंदवाड़ा का जलप्रपात नारायणपुर का हांदावाड़ा वाटरफॉल। दावा है कि यह न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि देश के सबसे बड़े अाैर खूबसूरत वाटरफॉल में से एक है। घने जंगलों के अंदर करीब 500 फीट की ऊंचाई से गिरते इस वाटरफॉल के नजदीक अब तक बेहद कम लोग पहुंच पाए हैं। बता दें कि बाहुबली- 2 की शूटिंग के लिए इस जगह को सिलेक्ट किया गया था। लेकिन शूटिंग की परमिशन नहीं मिली। जानें किस खौफ के चलते नहीं मिली परमिशन...

- रायपुर से 300 किमी की दूरी पर है नारायणपुर, वहां से 60 किलोमीटर दूर घने जंगलों से घिरा है हांडापुड़ा गांव।
- यहां से 6 किमी पैदल चलने पर नजर आता है बेहद खूबसूरत और विशाल हांदावाड़ा वाटरफॉल का दिलकश नजारा।
- 500 फीट की ऊंचाई से गिरता पानी बारिश के दिनों में अपने पूरे शबाब पर होता है। इसकी तेज आवाज करीब 4 किमी दूर तक सुनाई देती है।

फिल्म बाहुबली- 2 की होनी थी शूटिंग

- डायरेक्टर एसएस राजामौली और प्रोड्यूसर अमित मासुरकर अपनी फिल्म बाहुबली-2 में झरने के सीन के लिए हांदावाड़ा वाटरफॉल काे चुना था।
- बताया जाता है कि इसको देखने के लिए डायरेक्टर ने अपनी एक टीम भी बस्तर भेजी थी। टीम ने हांदावाड़ा जाकर इसकी तस्वीरें खींची और वीडियो रिकॉर्डिंग भी की।
- बॉलीवुड की नजरों में हांदावाड़ा के वाटरफॉल की खूबसूरती का जादू छा गया था, लेकिन पुलिस और एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा सिक्युरिटी न दे पाने और परमिशन न मिलने के कारण यहां शूटिंग कैंसल करनी पड़ी ।
- दरअसल, यह वाटरफॉल हार्डकोर नक्सली इलाके में है। इस जगह पर नक्सलियों का ऐसा आतंक है कि यह ख़ूबसूरत जगह दुनिया की नजरों से दूर है।

यहां पहुंचना बेहद मुश्किल

- ये झरना जितना हसीन है, वहां तक पहुंचना उतना ही कठिन है। सबसे पहले मीलों तक हार्डकोर नक्सल इलाका है ,
- यह नदी साल में 6 महीने लबालब रहती है। बारिश में इसे पार करना मुमकिन नहीं है। अक्टूबर-नवंबर में नदी को डोंगी से पार करना पड़ता है।
- हांदावाड़ा वाटरफॉल तक पहुंचने के लिए कोई पक्की सड़क नहीं है। कच्चे रास्तों में टू-व्हीलर के सहारे ही पहुंचा जा सकता है।
- यहां तक पहुंचने के दो रास्ते हैं। पहला रास्ता दंतेवाड़ा जिले के बारसूर होकर है, इंद्रावती नदी पार करने यहां पुल बना हुआ है।
- अगर यहां टूरिस्ट को आने-जाने की सहूलियत मिल जाए तो यह देश के खास टूरिस्ट स्पॉट में शामिल हो सकता है।
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