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नारायणपुर में जवानों पर गंभीर आरोप, ग्रामीणों का चक्काजाम - नारायणपुर एसडीओपी लोकेश बंसल

रावघाट माइंस प्रभावित क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीणों ने भरांडा थाना के सामने चक्कजाम किया है. ग्रामीणों ने डीआरजी जवानों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. गांव वालों का कहना है कि जवान मारपीट करते हैं. जिससे वह परेशान हैं. जबकि पुलिस का कहना है कि वह नक्सल केस में एक ग्रामीण से पूछताछ कर रहे हैं. गांव वाले के आरोपों को उन्होंने बेबुनियाद बताया.

ग्रामीणों का चक्काजाम
ग्रामीणों का चक्काजाम
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Published : Jun 1, 2022, 1:55 PM IST

Updated : Jun 1, 2022, 7:12 PM IST

नारायणपुर: रावघाट माइंस प्रभावित ग्रामीण उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं. ग्रामीणों ने नारायणपुर के भरांडा थाना के सामने चक्काजाम कर दिया. ग्रामीण भरांडा थाना में एफआईआर दर्ज नहीं होने से नाराज हैं. दरअसल अंजरेल निवासी ग्रामीण सोमनाथ दुग्गा और उनके परिवार के सदस्यों ने डीआरजी जवानों पर मारपीट का आरोप लगाया है. ग्रामीणों के चक्काजाम की वजह से नारायणपुर-अंतागढ़ मुख्य मार्ग बंद हो गया है.

घंटों जाम रहा मार्ग: पुलिस पर जबरन ग्रामीणों से मारपीट का आरोप ग्रामीणों ने लगाया है. पीड़ित व्यक्ति सोमारू की हालत नाजुक है, जिसे जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है. मारपीट से नाराज ग्रामीणों ने भरण्डा थाने में एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है. हालांकि थाने में एफआईआर दर्ज नहीं करने पर ग्रामीणों ने मुख्य मार्ग को बंद किया है. इस जाम में सैकड़ों वाहन फंसे हैं. नारायणपुर रावघाट लोहा माइंस प्रभावित क्षेत्र में पुलिस के जवानों पर आरोप लगा है कि बीते रात पुलिस ने सोमनाथ दुग्गा और उसके परिवार के 7 सदस्यों के साथ जमकर मारपीट की है. जिसमें महिला और छोटे बच्चे भी शामिल हैं. जिसके बाद गुस्साए ग्रामीणों ने विरोध जताते हुए भरंडा थाना के सामने मेन रोड को जाम कर दिया है.

नारायणपुर में जवानों पर गंभीर आरोप

पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ का आरोप: इस मामले में नारायणपुर एसडीओपी लोकेश बंसल ने मीडिया को बताया, "उक्त ग्रामीण पहले नक्सली संगठन में होने की वजह से जेल जा चुका है. नक्सलियों के साथ उसकी मीटिंग की जानकारी हमें मिली थी. जिसकी वजह से हमारे जवान पूछताछ के लिए उसे थाने लेकर आए थे. जवानों के द्वारा किसी के साथ मारपीट नहीं किया गया है." वहीं, इस विषय में ग्रामीण लखन नुरेटी ने बताया, "पुलिस लगातार क्षेत्र के ग्रामीणों के साथ आए दिन कभी फर्जी मुठभेड़, तो कभी ग्रामीणों से मारपीट करते रहते हैं."

यह भी पढ़ें; नारायणपुर मुठभेड़ में मारा गया ग्रामीण नहीं था नक्सली : छत्तीसगढ़ पुलिस

3 घंटे तक आवागमन बाधित: नारायणपुर अंतागढ़ मुख्य मार्ग तकरीबन 3 घंटे तक बाधित रही. जिससे आवागमन काफी देर तक प्रभावित रहा. वाहनों की लंबी कतारें लग गई. भीषण गर्मी में यहां से गुजरने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

मानू नरेटी फर्जी मुठभेड़ से जुड़ा है पूरा मामला: नरायणपुर जिले के भरांडा थाना क्षेत्र में 23-24 जनवरी की रात हुई पुलिस और नक्सली मुठभेड़ में ग्रामीण मानूराम नरेटी की मौत हो गई थी. परिजनों ने मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए नक्सल पीड़ित युवक को पुलिस द्वारा मारने का आरोप लगाया है. परिजनों का कहना है कि मृतक युवक नक्सली बस्तर फाइटर में भर्ती होने की तैयारी कर रहा था. तो वो नक्सली कैसे हो सकता हैं? पीड़ित परिवार को अब तक न्याय नहीं मिल पाया है.

नारायणपुर: रावघाट माइंस प्रभावित ग्रामीण उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं. ग्रामीणों ने नारायणपुर के भरांडा थाना के सामने चक्काजाम कर दिया. ग्रामीण भरांडा थाना में एफआईआर दर्ज नहीं होने से नाराज हैं. दरअसल अंजरेल निवासी ग्रामीण सोमनाथ दुग्गा और उनके परिवार के सदस्यों ने डीआरजी जवानों पर मारपीट का आरोप लगाया है. ग्रामीणों के चक्काजाम की वजह से नारायणपुर-अंतागढ़ मुख्य मार्ग बंद हो गया है.

घंटों जाम रहा मार्ग: पुलिस पर जबरन ग्रामीणों से मारपीट का आरोप ग्रामीणों ने लगाया है. पीड़ित व्यक्ति सोमारू की हालत नाजुक है, जिसे जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है. मारपीट से नाराज ग्रामीणों ने भरण्डा थाने में एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है. हालांकि थाने में एफआईआर दर्ज नहीं करने पर ग्रामीणों ने मुख्य मार्ग को बंद किया है. इस जाम में सैकड़ों वाहन फंसे हैं. नारायणपुर रावघाट लोहा माइंस प्रभावित क्षेत्र में पुलिस के जवानों पर आरोप लगा है कि बीते रात पुलिस ने सोमनाथ दुग्गा और उसके परिवार के 7 सदस्यों के साथ जमकर मारपीट की है. जिसमें महिला और छोटे बच्चे भी शामिल हैं. जिसके बाद गुस्साए ग्रामीणों ने विरोध जताते हुए भरंडा थाना के सामने मेन रोड को जाम कर दिया है.

नारायणपुर में जवानों पर गंभीर आरोप

पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ का आरोप: इस मामले में नारायणपुर एसडीओपी लोकेश बंसल ने मीडिया को बताया, "उक्त ग्रामीण पहले नक्सली संगठन में होने की वजह से जेल जा चुका है. नक्सलियों के साथ उसकी मीटिंग की जानकारी हमें मिली थी. जिसकी वजह से हमारे जवान पूछताछ के लिए उसे थाने लेकर आए थे. जवानों के द्वारा किसी के साथ मारपीट नहीं किया गया है." वहीं, इस विषय में ग्रामीण लखन नुरेटी ने बताया, "पुलिस लगातार क्षेत्र के ग्रामीणों के साथ आए दिन कभी फर्जी मुठभेड़, तो कभी ग्रामीणों से मारपीट करते रहते हैं."

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3 घंटे तक आवागमन बाधित: नारायणपुर अंतागढ़ मुख्य मार्ग तकरीबन 3 घंटे तक बाधित रही. जिससे आवागमन काफी देर तक प्रभावित रहा. वाहनों की लंबी कतारें लग गई. भीषण गर्मी में यहां से गुजरने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

मानू नरेटी फर्जी मुठभेड़ से जुड़ा है पूरा मामला: नरायणपुर जिले के भरांडा थाना क्षेत्र में 23-24 जनवरी की रात हुई पुलिस और नक्सली मुठभेड़ में ग्रामीण मानूराम नरेटी की मौत हो गई थी. परिजनों ने मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए नक्सल पीड़ित युवक को पुलिस द्वारा मारने का आरोप लगाया है. परिजनों का कहना है कि मृतक युवक नक्सली बस्तर फाइटर में भर्ती होने की तैयारी कर रहा था. तो वो नक्सली कैसे हो सकता हैं? पीड़ित परिवार को अब तक न्याय नहीं मिल पाया है.

Last Updated : Jun 1, 2022, 7:12 PM IST
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