नारायणपुर: रावघाट परियोजना के तहत प्रभावित गांव की समस्या सुनने के लिए जिला प्रशासन और भिलाई स्टील प्लांट (बीसपी) प्रबंधन के प्रतिनिधि शनिवार को खोड़गांव पहुंचे. खोडगांव में रावघाट परियोजना के तहत प्रभावित 10 पंचायत के 22 गांवों के ग्रामीणों ने अपनी मांग अधिकारियों के सामने रखी. इस दौरान एसडीएम, सीजीएम बीएसपी, एसडीओ फॉरेस्ट, कार्यपालन अभियंता PMGSY, तहसीलदार के अलावा जनप्रतिनिधि और ग्रामीण मौजूद रहे.
ग्रामीणों की मांगें
- प्रमुख रूप से क्षेत्र के प्रभावित बेरोजगारों को उनकी योग्यता के मुताबिक नौकरी में प्राथमिकता और आरक्षण मिले
- देवी-देवताओं के मंदिरों के संरक्षण की मांग
- पर्यावरण संरक्षण और पेड़ों की कटाई से पहले उसके बदले पेड़ लगाने की पहल
- जल प्रदूषण पर रोक लगाने की मांग
- आउटसोर्सिंग पर प्रतिबंध लगाने की मांग
- सुपर स्पेशिलिस्ट हॉस्पिटल और डाक्टर समेत बेहतर इलाज के लिए दूसरे अस्पताल रेफर करने के लिए सुविधा
- डीएवी विद्यालय बनाए जाने की मांग
- प्रभावित गांवों में आईटीआई जैसे संस्थानों में क्षेत्र के लोगों की भर्ती के लिए समुचित व्यवस्था करने की मांग
- माइनिंग क्षेत्र से बाईपास रोड और अंतागढ़ से नारायणपुर तक मेनरोड चौड़ीकरण की मांग
- क्षेत्र के शिक्षित बेरोजगारों के लिए योग्यतानुसार उच्च तकनीकी शिक्षा का प्रावधान किए जाने की मांग
बालको परियोजना विस्तार के विरोध में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन
- रेलवे लाइन से प्रभावित किसानों के जमीन का मुआवजा और तत्काल नौकरी देने की मांग
- विद्युत लाइन में प्रभावित किसानों के जमीन का मुआवजा
- गोदग्राम पंचायत में पालकी, निबरा, कोहका, कंगाली, मड़पा, वर्चे, सरगीपाल, करलखा, हरायनार, मरदेल, छिदपरस को शामिल करने की मांग
- बीएसपी की गोद ग्रामों में ही टाउनशिप खोलने की मांग
- कोई भी काम शुरू करने के पहले क्षेत्र के लोगों और पूरे ग्रामवासियों को सूचित किया जाए
- ग्रामसभा में प्रस्ताव पारित कर काम शुरू करने का प्रावधान किया जाए
- माइनिंग क्षेत्र में काम के दौरान दुर्घटना होने पर स्थानीय मजदूरों को इलाज और मुआवजा मिले
- माइनिंग क्षेत्र के अंतर्गत वनग्रामों को राजस्व में शामिल किया जाए
रावघाट परियोजना का काम नहीं होने दिया जाएगा: ग्रामीण
जन सुनवाई के दौरान ग्रामीणों ने प्रशासन और बीएसपी प्रबंधन को चेतावनी भरे शब्दों में कहा कि, पहले प्रशासन और बीएसपी प्रबंधन लोगों को सुविधाएं मुहैया करने की बात कर चुका है. लेकिन प्रबंधन अब हाथ पीछे खींच रहा है. जिससे ग्रामीणों में काफी गुस्सा है. ग्रामीणों का कहना है कि अब आश्वासन से काम नहीं चलेगा. जब तक मांग पूरी नहीं होती तब तक रावघाट परियोजना का काम शुरू नहीं होने दिया जाएगा.