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बेमौसम बरसात बनी मुसीबत, फसल नुकसान का बढ़ा खतरा - बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी

मुंगेली के लोरमी इलाके में तेज आंधी-तूफान के बाद बेमौसम बारिश शुरू हो गई. इससे उन किसानों के सिर पर खतरा मंडरा रहा है जिनकी रबी की फसल तैयार है. तापमान में आई गिरावट से कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ गया है.

Unseasonal rain
बेमौसम बारिश
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Published : Apr 4, 2020, 4:22 PM IST

Updated : Apr 5, 2020, 7:13 AM IST

मुंगेली: अचानक मौसम बदलने के बाद जिले के लोरमी इलाके में तेज आंधी-तूफान के बाद जमकर बारिश हो रही है. अप्रैल महीने के पहले सप्ताह में आज मौसम में अचानक बदलाव हुआ. इसके बाद इलाके में जमकर बारिश शुरू हो गयी है.

जिले के लोरमी इलाके में दोपहर होते ही आसमान पर काले बादल छा गए. इसके बाद अचानक ही पूरे इलाके में तेज आंधी-तूफान चलने लगी. आंधी-तूफान के कारण धूल भरे गुब्बार सड़कों पर उड़ने लगे. कुछ समय बाद बादल की तेज गर्जनाओं के साथ बारिश शुरू हो गई.

फसल नुकसान का खतरा

बेमौसम बरसात से सबसे ज्यादा उन किसानों को नुकसान का खतरा है, जिनके रबी फसल खेत में पककर तैयार खड़े हैं. बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान गेहूं और तिलहन की फसल को है. बीते महीनेभर के अंदर इलाके में कई बार बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि होने से किसान पहले ही परेशान हैं. ऐसे में एक बार फिर से अप्रैल के महीने में हो रही बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है.

कोरोना का खतरा

इस संबंध में जानकारों का कहना है कि कोरोना वायरस का प्रभाव तापमान अधिक होने से ज्यादा नहीं पड़ता. यही वजह है कि दूसरे देशों की तुलना में भारत में इसका संक्रमण तेजी से नहीं फैल पा रहा है. लेकिन बेमौसम बरसात के कारण तापमान में गिरावट आई है, जिससे वायरस के संक्रमण की संभावना बढ़ सकती है.

मुंगेली: अचानक मौसम बदलने के बाद जिले के लोरमी इलाके में तेज आंधी-तूफान के बाद जमकर बारिश हो रही है. अप्रैल महीने के पहले सप्ताह में आज मौसम में अचानक बदलाव हुआ. इसके बाद इलाके में जमकर बारिश शुरू हो गयी है.

जिले के लोरमी इलाके में दोपहर होते ही आसमान पर काले बादल छा गए. इसके बाद अचानक ही पूरे इलाके में तेज आंधी-तूफान चलने लगी. आंधी-तूफान के कारण धूल भरे गुब्बार सड़कों पर उड़ने लगे. कुछ समय बाद बादल की तेज गर्जनाओं के साथ बारिश शुरू हो गई.

फसल नुकसान का खतरा

बेमौसम बरसात से सबसे ज्यादा उन किसानों को नुकसान का खतरा है, जिनके रबी फसल खेत में पककर तैयार खड़े हैं. बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान गेहूं और तिलहन की फसल को है. बीते महीनेभर के अंदर इलाके में कई बार बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि होने से किसान पहले ही परेशान हैं. ऐसे में एक बार फिर से अप्रैल के महीने में हो रही बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है.

कोरोना का खतरा

इस संबंध में जानकारों का कहना है कि कोरोना वायरस का प्रभाव तापमान अधिक होने से ज्यादा नहीं पड़ता. यही वजह है कि दूसरे देशों की तुलना में भारत में इसका संक्रमण तेजी से नहीं फैल पा रहा है. लेकिन बेमौसम बरसात के कारण तापमान में गिरावट आई है, जिससे वायरस के संक्रमण की संभावना बढ़ सकती है.

Last Updated : Apr 5, 2020, 7:13 AM IST
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