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ऋचा जोगी के जाति प्रमाण पर आपत्ति, मुंगेली कलेक्टर ने सुनवाई के लिए जारी किया आदेश

मरवाही उपचुनाव से पहले प्रदेश की राजनीति गरमायी हुई है. जाति को लेकर विवादों में रहने वाले जोगी परिवार का जाति मामला सुर्खियों में आ गया है. अमित जोगी की पत्नी ऋचा जोगी के जाति प्रमाण पत्र को लेकर आपत्ति दर्ज की गई है. मुंगेली कलेक्टर ने सुनवाई के लिए आदेश जारी किया है.

richa jogi
ऋचा जोगी
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Published : Oct 6, 2020, 2:25 PM IST

Updated : Oct 6, 2020, 9:27 PM IST

मुंगेली: मरवाही उपचुनाव को लेकर छत्तीसगढ़ की सियासत में नया उबाल आ गया है. जाति को लेकर हमेशा से विवादों में रहे जोगी परिवार का जाति मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. इस बार जाति को लेकर ऋचा जोगी सवालों के घेरे में हैं. ऋचा जोगी के जाति प्रमाण पत्र को निरस्त करने की मांग की जा रही है. इस मामले को संज्ञान में लेकर कलेक्टर ने नोटिस भी जारी किया है.

मुंगेली कलेक्टर का बयान

पढ़ें- रायपुर: 9 अक्टूबर को कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक, पीएल पुनिया भी होंगे शामिल

जेसीसीजे के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी की पत्नी ऋचा जोगी के चुनाव लड़ने की खबरों के बीच जाति प्रमाण पत्र को लेकर संत कुमार नेताम ने मुंगेली कलेक्टर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. नेताम ने ऋचा जोगी की जाति को लेकर आपत्ति जताई है.उन्होंने बताया कि ऋचा जोगी 15 जुलाई को जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन दिया था, जिसके बाद 48 घंटे के भीतर ही एसडीएम ने 17 जुलाई को गोंड आदिवासी जाति प्रमाण पत्र जारी किया था.

Mungeli Collectorate
मुंगेली कलेक्ट्रेट

कलेक्टर ने लिया संज्ञान

ऋचा जोगी के जाति को लेकर संतकुमार नेताम के आपत्ति जताने के बाद कलेक्टर ने इस मामले को संज्ञान में लिया है. मुंगेली कलेक्टर ने 8 अक्टूबर को मामले की सुनवाई के आदेश दिए हैं.

जाति को लेकर विवाद जारी

छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से अब तक लगभग 20 वर्षों से मरवाही विधानसभा में जोगी परिवार का ही दबदबा रहा है. अब पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव होना है. उपचुनाव को लेकर एक ओर जहां सत्ताधारी दल कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी है, तो वहीं दूसरी ओर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ भी बाजी हाथ से बाहर नहीं जाने देना चाह रही है. अमित जोगी लगातार विपक्षी दलों पर हमला बोल रहे हैं. छत्तीसगढ़ के इस मात्र एक सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए 3 नवंबर को वोट डाले जाएंगे और 10 नवंबर को वोटों की गिनती होगी.

जाति विवाद से जोगी का नाता

  • 1986 में जोगी के राज्यसभा सांसद बनने के बाद मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में एक याचिका दाखिल हुई. मनोहर दलाल नाम के शख्स ने यह याचिका लगाई थी. हालांकि ये याचिका एक साल के अंदर ही खारिज कर दी गई थी.
  • 2001 में भाजपा नेता संत कुमार नेताम ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग से जोगी की जाति को लेकर शिकायत की थी. नेताम ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. इसी दौरान वरिष्ठ भाजपा नेता नंद कुमार साय ने न्यायालय में परिवार दायर किया था.
  • 2013 चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रही समीरा पैकरा ने अमित जोगी पर गलत जन्म स्थान की जानकारी देने का आरोप लगाया था. समीरा का आरोप है कि अमित जोगी का जन्म स्थान टेक्सस, अमेरिका में है, जबकि उन्होंने वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव के दौरान अपने शपथपत्र में जन्म स्थान गौरेला क्षेत्र का सारबहरा गांव बताया था, जो कि गलत तरीके से प्राप्त किया गया है. इस मामले में अमित की गिरफ्तारी भी हुई थी.
  • अमित जोगी के ऊपर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण दस्तावेज से जालसाजी) 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से फर्जीवाड़ा) और 471 (किसी फर्जी दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को वास्तविक के बतौर पेश करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
  • इसके बाद संत राम नेताम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई. 13 अक्टूबर, 2011 को सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार को निर्देश दिया कि मामले की जांच उच्च-स्तरीय कमिटी से करवाई जाए. रमन सरकार ने IAS रीना बाबा साहेब कंगाले की अध्यक्षता में कमिटी गठित की. इस कमिटी ने जून, 2017 में अपनी रिपोर्ट सौंपी.
  • रिपोर्ट में कहा गया कि जोगी के आदिवासी होने के पर्याप्त सबूत नहीं मिले. इस कमिटी ने जोगी को आदिवासी मानने से इनकार कर दिया.
  • अजीत जोगी ने आरोप लगाया कि 7 सदस्यीय कमिटी के चार पदों पर रीना बाबासाहेब कंगाले ही थीं. कहा कि कमिटी निष्पक्ष नहीं थी. जोगी ने इस रिपोर्ट को हाईकोर्ट में चुनौती दी.
  • 21 फरवरी, 2018 को हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नई कमिटी बनाने के निर्देश दिए. डीडी सिंह के नेतृत्व में नई कमिटी बनाई गई. इस कमिटी ने 21 अगस्त को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. इस रिपोर्ट में भी यही लिखा है कि जोगी खुद को आदिवासी साबित करने में असफल हुए हैं.

मुंगेली: मरवाही उपचुनाव को लेकर छत्तीसगढ़ की सियासत में नया उबाल आ गया है. जाति को लेकर हमेशा से विवादों में रहे जोगी परिवार का जाति मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. इस बार जाति को लेकर ऋचा जोगी सवालों के घेरे में हैं. ऋचा जोगी के जाति प्रमाण पत्र को निरस्त करने की मांग की जा रही है. इस मामले को संज्ञान में लेकर कलेक्टर ने नोटिस भी जारी किया है.

मुंगेली कलेक्टर का बयान

पढ़ें- रायपुर: 9 अक्टूबर को कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक, पीएल पुनिया भी होंगे शामिल

जेसीसीजे के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी की पत्नी ऋचा जोगी के चुनाव लड़ने की खबरों के बीच जाति प्रमाण पत्र को लेकर संत कुमार नेताम ने मुंगेली कलेक्टर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. नेताम ने ऋचा जोगी की जाति को लेकर आपत्ति जताई है.उन्होंने बताया कि ऋचा जोगी 15 जुलाई को जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन दिया था, जिसके बाद 48 घंटे के भीतर ही एसडीएम ने 17 जुलाई को गोंड आदिवासी जाति प्रमाण पत्र जारी किया था.

Mungeli Collectorate
मुंगेली कलेक्ट्रेट

कलेक्टर ने लिया संज्ञान

ऋचा जोगी के जाति को लेकर संतकुमार नेताम के आपत्ति जताने के बाद कलेक्टर ने इस मामले को संज्ञान में लिया है. मुंगेली कलेक्टर ने 8 अक्टूबर को मामले की सुनवाई के आदेश दिए हैं.

जाति को लेकर विवाद जारी

छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से अब तक लगभग 20 वर्षों से मरवाही विधानसभा में जोगी परिवार का ही दबदबा रहा है. अब पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव होना है. उपचुनाव को लेकर एक ओर जहां सत्ताधारी दल कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी है, तो वहीं दूसरी ओर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ भी बाजी हाथ से बाहर नहीं जाने देना चाह रही है. अमित जोगी लगातार विपक्षी दलों पर हमला बोल रहे हैं. छत्तीसगढ़ के इस मात्र एक सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए 3 नवंबर को वोट डाले जाएंगे और 10 नवंबर को वोटों की गिनती होगी.

जाति विवाद से जोगी का नाता

  • 1986 में जोगी के राज्यसभा सांसद बनने के बाद मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में एक याचिका दाखिल हुई. मनोहर दलाल नाम के शख्स ने यह याचिका लगाई थी. हालांकि ये याचिका एक साल के अंदर ही खारिज कर दी गई थी.
  • 2001 में भाजपा नेता संत कुमार नेताम ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग से जोगी की जाति को लेकर शिकायत की थी. नेताम ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. इसी दौरान वरिष्ठ भाजपा नेता नंद कुमार साय ने न्यायालय में परिवार दायर किया था.
  • 2013 चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रही समीरा पैकरा ने अमित जोगी पर गलत जन्म स्थान की जानकारी देने का आरोप लगाया था. समीरा का आरोप है कि अमित जोगी का जन्म स्थान टेक्सस, अमेरिका में है, जबकि उन्होंने वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव के दौरान अपने शपथपत्र में जन्म स्थान गौरेला क्षेत्र का सारबहरा गांव बताया था, जो कि गलत तरीके से प्राप्त किया गया है. इस मामले में अमित की गिरफ्तारी भी हुई थी.
  • अमित जोगी के ऊपर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण दस्तावेज से जालसाजी) 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से फर्जीवाड़ा) और 471 (किसी फर्जी दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को वास्तविक के बतौर पेश करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
  • इसके बाद संत राम नेताम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई. 13 अक्टूबर, 2011 को सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार को निर्देश दिया कि मामले की जांच उच्च-स्तरीय कमिटी से करवाई जाए. रमन सरकार ने IAS रीना बाबा साहेब कंगाले की अध्यक्षता में कमिटी गठित की. इस कमिटी ने जून, 2017 में अपनी रिपोर्ट सौंपी.
  • रिपोर्ट में कहा गया कि जोगी के आदिवासी होने के पर्याप्त सबूत नहीं मिले. इस कमिटी ने जोगी को आदिवासी मानने से इनकार कर दिया.
  • अजीत जोगी ने आरोप लगाया कि 7 सदस्यीय कमिटी के चार पदों पर रीना बाबासाहेब कंगाले ही थीं. कहा कि कमिटी निष्पक्ष नहीं थी. जोगी ने इस रिपोर्ट को हाईकोर्ट में चुनौती दी.
  • 21 फरवरी, 2018 को हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नई कमिटी बनाने के निर्देश दिए. डीडी सिंह के नेतृत्व में नई कमिटी बनाई गई. इस कमिटी ने 21 अगस्त को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. इस रिपोर्ट में भी यही लिखा है कि जोगी खुद को आदिवासी साबित करने में असफल हुए हैं.
Last Updated : Oct 6, 2020, 9:27 PM IST
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