मुंगेली: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों ने मांग पूरी नहीं होने पर मुख्य जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को सामूहिक इस्तीफा दे दिया. इस दौरान आंदोलनकारियों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगों पर उदारतापूर्वक विचार नहीं किया गया या मांगे पूरी नहीं हुई, तो आंदोलन आगे भी जारी रहेगा. 212 में से 190 संविदा कर्मचारियों ने इस्तीफा दिया है.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों ने बताया कि चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में नियमितीकरण किए जाने को लेकर सभी स्वास्थ्यकर्मियों को लुभाया था. लेकिन कांग्रेस को सत्ता में आए डेढ़ साल से ज्यादा का समय बीत चुका है और अबतक सरकार ने अपने घोषणा पत्र में किए गए वादे पर विचार नहीं किया. स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि सरकार उनका नियमितीकरण करने की जगह उनके आंदोलन करने पर उन्हें नौकरी से निकालने की चेतावनी दे रही है.
सामूहिक इस्तीफा सौंपकर विरोध प्रदर्शन
स्वास्थ्यकर्मियों के मुताबिक कुछ जिलों में NHM संघ के सदस्यों पर दंडात्मक कार्रवाई भी की गई है. इसे लेकर मुंगेली जिले के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सभी कर्मचारियों ने 25 सितंबर को अपना सामूहिक इस्तीफा सौंपकर विरोध प्रदर्शन किया है.
आंदोलनकारी संविदा कर्मियों का कहना है कि 2006 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की स्थापना के बाद आज 14 वर्षों से हर विपरीत परिस्थितियों में वे लगातार काम कर रहे हैं. वर्तमान समय में कोरोना महामारी के दौर में भी एनएचएम स्वास्थ्यकर्मी फ्रंट लाइन वर्कर्स बनकर अपना दायित्व निभा रहे हैं.
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कोरोना संक्रमणकाल में संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर मचे इस कोहराम पर कब तक विराम लगता है ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा. लेकिन जिस तरह से संविदा कर्मचारी अपने हक को लेकर आर या पार की लड़ाई के मूड में नजर आ रहे हैं, उससे एक बात तो साफ है कि स्वास्थ्यकर्मियों के इस आंदोलन से राज्य सरकार पर दबाव जरूर बना है.