मुंगेली : विधानसभा चुनाव से पहले लोरमी में शिवसेना को बड़ा झटका लगा है.लोरमी के 300 से ज्यादा शिवसैनिकों ने अपनी पार्टी से इस्तीफा दे दिया. शिवसैनिकों ने एक कार्यक्रम के दौरान जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी पार्टी का दामन थामा. शिवसेना छोड़कर जेसीसीजे में शामिल होने वालों में मुख्य रूप से शिवसेना के जिला उपाध्यक्ष त्रिभुवन यादव, लोरमी के ब्लॉक अध्यक्ष कैलाश श्रीवास सहित कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता हैं. कार्यकर्ता जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी के विधानसभा प्रभारी मनीष त्रिपाठी की उपस्थिति में दल में शामिल हुए.
शिवसैनिकों का जनता कांग्रेस में स्वागत :इस दौरान जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी के विधानसभा प्रभारी मनीष त्रिपाठी ने शिवसेना के कार्यकर्ताओं का पार्टी के अंदर स्वागत किया.मनीष त्रिपाठी ने सभी कार्यकर्ताओं को पार्टी का गमछा पहनाकर पार्टी में मिलाया.
लोरमी ही नहीं पूरे छत्तीसगढ़ में जितने भी हमारे छत्तीसगढ़ माटी के लाल हैं. वह हमारी पार्टी से जुड़ रहे हैं. अमित जोगी के निर्देश पर जिस तरह से हमारी पार्टी कार्य कर रही है. उससे आकर्षित होकर शिवसेना के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में हमारी पार्टी में जुड़ रहे हैं. यह तो अभी शुरुआत है, आने वाले समय में पूरे छत्तीसगढ़ में हजारों कार्यकर्ता हमारी पार्टी से जुड़ेंगे. -मनीष त्रिपाठी, विधानसभा प्रभारी, जेसीसीजे
क्यों शिवसैनिकों ने छोड़ी पार्टी : वहीं इस मामले में शिवसेना के ब्लॉक अध्यक्ष कैलाश श्रीवास ने कहा कि जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी के संस्थापक स्वर्गीय अजीत जोगी के पार्टी की रीति नीति एवं उनके कार्य से प्रेरित होकर उन्होंने पार्टी ज्वाइन की है.
जितने भी राष्ट्रीय पार्टी हैं, उनके द्वारा किसी न किसी माध्यम से अपने क्षेत्र विशेष का पैसा किसी अन्य जगह लगाते हैं. चाहे वह कोई भी पार्टी हो. लेकिन जो क्षेत्रीय पार्टियां रहती हैं. वो क्षेत्र का पैसा क्षेत्र के विकास के लिए ही लगाती हैं. इसके कारण हमने जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी पार्टी को ज्वाइन किया है. -कैलाश श्रीवास, सदस्य जनता कांग्रेस
नंदकुमार साय ने बीजेपी छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन करने का बताया कारण |
अरविंद नेताम का बड़ा बयान,इस्तीफे के बाद नहीं लड़ेंगे चुनाव |
रमन सरकार में आदिवासियों को लेकर दीपक बैज का बड़ा खुलासा |
आपको बता दें कि मुंगेली जिले में जनता कांग्रेस जोगी का बड़ा जनाधार है. पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी ने पांच सीटें जीतकर बड़े राजनीतिक दलों को चुनौती दी थी.लेकिन अजीत जोगी के निधन के बाद से पार्टी में लगातार टूट होती रही.ऐसे में चुनाव से पहले नए सदस्यों का पार्टी में जुड़ना कहीं ना कहीं पार्टी को मजबूती देगा.लेकिन आने वाले समय में जेसीसीजे चुनाव में पिछली बार की तरह चुनौती पेश कर पाएगी ये एक बड़ा सवाल है.