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गांव लौटे मजदूर क्वॉरेंटाइन सेंटर में कर रहे पौधरोपण, कहा- 'यहां आसरा मिला, यहीं का काम करेंगे'

मुंगेली के बांकी गांव के क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखे गए मजदूरों ने लोगों के लिए मिसाल पेश की है. यहां रहने वाले मजदूर क्वॉरेंटाइन सेंटर में पौधरोपण कर रहे हैं, साथ ही यहां उगे खरपतवारों की सफाई भी कर रहे हैं. उनका कहना है कि यहां आने के बाद उनको आसरा मिला इसलिए वह सहयोग कर रहे हैं.

plantation in quarantine center of mungeli
मुंगेली के क्वॉरेंटाइन सेंटर में मजदूर उगा रहे पौधे
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Published : Jun 3, 2020, 6:52 PM IST

Updated : Jun 3, 2020, 7:53 PM IST

मुंगेली: कोरोना संकट ने पूरी दुनिया के माथे पर बल डाल दिए हैं. संक्रमण को रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन में सबसे ज्यादा परेशानी मजदूरों के हिस्से में आई, जो अपने गांव, अपने घर लौटने के लिए मजबूर हो गए. उनकी रोजी-रोटी छीन गई और उन्हें दो वक्त के निवाले के लिए दर-दर भटकना पड़ा. छत्तीसगढ़ के लाखों मजदूरों को स्पेशल श्रमिक ट्रेन की मदद से दूसरे राज्यों से वापस लाया गया. इन मजदूरों को इनके शहर और गांव के संबंधित क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया. इस बीच मुंगेली के बांकी गांव के क्वॉरेंटाइन सेंटर में कुछ ऐसा नजारा देखने को मिला, जो सभी को प्रेरित करती है.

गांव लौटे मजदूर क्वॉरेंटाइन सेंटर में कर रहे पौधरोपण

बांकी गांव के क्वॉरेंटाइन सेंटर में रहने वाले मजदूर वहां पौधरोपण कर रहे हैं. गांव के सरपंच और होल्हाबाग समिति के प्रेरित करने पर स्कूल में लगाए गए पौधों की देखभाल में लगे हैं. सभी मजदूर रोज परिसर के खरपतवार की सफाई, पौधों में खाद और नियामित रूप से पानी देने का कार्य कर रहे हैं. इतना ही नहीं पंचायत ने मजदूरों को पौधे उपलब्ध करा दिए हैं, जिससे लगातार पौधरोपण किया जा रहा है.

बच्चे, बूढ़े और जवान सभी दे रहे सेवा

इस क्वॉरेंटाइन सेंटर में बुजुर्ग, महिलाएं, बच्चे हर कोई सफाई कर रहा है. कोई खाद डाल रहा है, तो कोई पौधों में पानी डाल रहा है. मजदूरों का कहना है कि उन्होंने इतने सालों से दूसरे राज्यों में काम किया, लेकिन कुछ काम न आया. जब गांव लौटे तो यहीं आसरा मिला इसलिए वह यहां सहयोग करते हुए अपनी सेवा दे रहे हैं. इसके पीछे गांव की संस्था होल्हाबाग के संरक्षक ने बताया कि इन्हें समय बिताने के लिए इस काम को कहा गया, जिसे ये लोग अच्छे से करने लगे और इन लोगों ने इसे रोज की आदत बना ली है.


सर्वाधिक कोरोना प्रभावित जिला
पूरे प्रदेश में अभी तक मुंगेली जिले से सर्वाधिक कोरोना पॉजिटिव मरीज निकले हैं. जिले में अभी तक 83 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पहचान की जा चुकी है, जिसमें से 5 मरीज इलाज के बाद स्वस्थ्य होकर सकुशल घर लौट चुके हैं. जबकि अभी भी 78 मरीजों का इलाज जारी है.

मुंगेली: कोरोना संकट ने पूरी दुनिया के माथे पर बल डाल दिए हैं. संक्रमण को रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन में सबसे ज्यादा परेशानी मजदूरों के हिस्से में आई, जो अपने गांव, अपने घर लौटने के लिए मजबूर हो गए. उनकी रोजी-रोटी छीन गई और उन्हें दो वक्त के निवाले के लिए दर-दर भटकना पड़ा. छत्तीसगढ़ के लाखों मजदूरों को स्पेशल श्रमिक ट्रेन की मदद से दूसरे राज्यों से वापस लाया गया. इन मजदूरों को इनके शहर और गांव के संबंधित क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया. इस बीच मुंगेली के बांकी गांव के क्वॉरेंटाइन सेंटर में कुछ ऐसा नजारा देखने को मिला, जो सभी को प्रेरित करती है.

गांव लौटे मजदूर क्वॉरेंटाइन सेंटर में कर रहे पौधरोपण

बांकी गांव के क्वॉरेंटाइन सेंटर में रहने वाले मजदूर वहां पौधरोपण कर रहे हैं. गांव के सरपंच और होल्हाबाग समिति के प्रेरित करने पर स्कूल में लगाए गए पौधों की देखभाल में लगे हैं. सभी मजदूर रोज परिसर के खरपतवार की सफाई, पौधों में खाद और नियामित रूप से पानी देने का कार्य कर रहे हैं. इतना ही नहीं पंचायत ने मजदूरों को पौधे उपलब्ध करा दिए हैं, जिससे लगातार पौधरोपण किया जा रहा है.

बच्चे, बूढ़े और जवान सभी दे रहे सेवा

इस क्वॉरेंटाइन सेंटर में बुजुर्ग, महिलाएं, बच्चे हर कोई सफाई कर रहा है. कोई खाद डाल रहा है, तो कोई पौधों में पानी डाल रहा है. मजदूरों का कहना है कि उन्होंने इतने सालों से दूसरे राज्यों में काम किया, लेकिन कुछ काम न आया. जब गांव लौटे तो यहीं आसरा मिला इसलिए वह यहां सहयोग करते हुए अपनी सेवा दे रहे हैं. इसके पीछे गांव की संस्था होल्हाबाग के संरक्षक ने बताया कि इन्हें समय बिताने के लिए इस काम को कहा गया, जिसे ये लोग अच्छे से करने लगे और इन लोगों ने इसे रोज की आदत बना ली है.


सर्वाधिक कोरोना प्रभावित जिला
पूरे प्रदेश में अभी तक मुंगेली जिले से सर्वाधिक कोरोना पॉजिटिव मरीज निकले हैं. जिले में अभी तक 83 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पहचान की जा चुकी है, जिसमें से 5 मरीज इलाज के बाद स्वस्थ्य होकर सकुशल घर लौट चुके हैं. जबकि अभी भी 78 मरीजों का इलाज जारी है.

Last Updated : Jun 3, 2020, 7:53 PM IST
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