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FSSAI की ओर से खाद्य व्यापारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम - FSSAI

खाद्य विभाग और फूड सेफ्टी स्टैण्डर्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने मुंगेली जिले के लोरमी में लाइसेंसी खाद्य दुकान संचालकों के लिए ट्रेनिंग आयोजित की है. इसका उद्देश्य दुकानदारों को खाद्य सामाग्री के प्रति जागरुक करना है.

training program
प्रशिक्षण कार्यक्रम
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Published : Jan 15, 2020, 1:42 PM IST

मुंगेली: जिले के लोरमी इलाके में खाद्य विभाग और फुड सेफ्टी स्टैण्डर्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) की ओर से दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में इलाके के सभी खाद्य व्यापारियों को खाद्य सामाग्री के निर्माण में बरती जानी वाली सावधानियों से लेकर उसके रख रखाव तक की जानकारी दी जा रही है. कार्यक्रम के जरिए दूषित खाद्य सामाग्रीयों से होने वाली बीमारियों और संक्रमण के बारे में भी जानकारी दी जा रही है.

दिया जा रहा प्रशिक्षण
लोरमी के सीता पैलेस में चल रहे इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को नागपुर की फॉस्टेक (FOSTAC) संस्था आयोजित कर रही है. जिसमें फुड सेफ्टी स्टैण्डर्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के प्रशिक्षक रविप्रकाश श्रीवास्तव ट्रेनिंग दे रहे है. इसमें सभी लाइसेंसी वेंडर, होटल संचालक, किराना व्यापारियों समेत खाद्य पदार्थ से जुड़े सभी दुकानदारों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जिन्हे आनें वाले समय में एफएसएसएआई (FSSAI) के द्वारा सर्टिफिकेट भी दिया जायेगा.

खाद्य सामाग्री के प्रति जागरुक
अधिकारियों के मुताबिक केंद्र सरकार की इस तरह के प्रशिक्षण के पीछे उद्देश्य दुकानदारों को खाद्य सामाग्री के प्रति जागरुक करना है. ताकि वो अपनें ग्राहकों को अच्छा खाद्य पदार्थ उपलब्ध करा सकें. बता दें कि जिले में लगभग 25 सौ लाइसेंसी खाद्य दुकान संचालक है, जिन्हें इस तरह की ट्रेनिंग दी जा रही है.

पढ़े:डायल 112 ने किया बेहतर काम, मिली सराहना

ट्रेनिंग का महत्व
वहीं इस तरह की ट्रेनिंग का महत्व तब और अधिक बढ़ जाता है, जब प्रदेश में एनिमिया पीड़ित महिलाओं और कुपोषित बच्चों के आंकड़े चौंकाने वाले हैं. गौरतलब है कि प्रदेश में लगभग 41.50 प्रतिशत महिलाएं एनिमिया से जबकि लगभग 37 फीसदी बच्चे कुपोषण से ग्रसित हैं.

मुंगेली: जिले के लोरमी इलाके में खाद्य विभाग और फुड सेफ्टी स्टैण्डर्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) की ओर से दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में इलाके के सभी खाद्य व्यापारियों को खाद्य सामाग्री के निर्माण में बरती जानी वाली सावधानियों से लेकर उसके रख रखाव तक की जानकारी दी जा रही है. कार्यक्रम के जरिए दूषित खाद्य सामाग्रीयों से होने वाली बीमारियों और संक्रमण के बारे में भी जानकारी दी जा रही है.

दिया जा रहा प्रशिक्षण
लोरमी के सीता पैलेस में चल रहे इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को नागपुर की फॉस्टेक (FOSTAC) संस्था आयोजित कर रही है. जिसमें फुड सेफ्टी स्टैण्डर्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के प्रशिक्षक रविप्रकाश श्रीवास्तव ट्रेनिंग दे रहे है. इसमें सभी लाइसेंसी वेंडर, होटल संचालक, किराना व्यापारियों समेत खाद्य पदार्थ से जुड़े सभी दुकानदारों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जिन्हे आनें वाले समय में एफएसएसएआई (FSSAI) के द्वारा सर्टिफिकेट भी दिया जायेगा.

खाद्य सामाग्री के प्रति जागरुक
अधिकारियों के मुताबिक केंद्र सरकार की इस तरह के प्रशिक्षण के पीछे उद्देश्य दुकानदारों को खाद्य सामाग्री के प्रति जागरुक करना है. ताकि वो अपनें ग्राहकों को अच्छा खाद्य पदार्थ उपलब्ध करा सकें. बता दें कि जिले में लगभग 25 सौ लाइसेंसी खाद्य दुकान संचालक है, जिन्हें इस तरह की ट्रेनिंग दी जा रही है.

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ट्रेनिंग का महत्व
वहीं इस तरह की ट्रेनिंग का महत्व तब और अधिक बढ़ जाता है, जब प्रदेश में एनिमिया पीड़ित महिलाओं और कुपोषित बच्चों के आंकड़े चौंकाने वाले हैं. गौरतलब है कि प्रदेश में लगभग 41.50 प्रतिशत महिलाएं एनिमिया से जबकि लगभग 37 फीसदी बच्चे कुपोषण से ग्रसित हैं.

Intro:मुंगेली- जिले के लोरमी इलाके में खाद्य विभाग और फुड सेफ्टी स्टैण्डर्स अथारिटी आफ इंडिया (FSSAI) की ओर से दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। Body:इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में इलाके के सभी खाद्य व्यापारियों को खाद्य सामाग्री के निर्माण में बरती जानी वाली सावधानियों से लेकर उसके रखरखाव तक की जानकारी दी जा रही है। कार्यक्रम के जरिये दूषित खाद्य सामाग्रीयों से होनें वाली बीमारियों और संक्रमण के बारे में भी जानकारी दी जा रही है। लोरमी के सीता पैलेस में चल रहे इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को नागपुर की फास्टेक (FOSTAC) संस्था के द्वारा किया जा रहा है। जिसमें फुड सेफ्टी स्टैण्डर्स अथारिटी आफ इंडिया के प्रशिक्षक रविप्रकाश श्रीवास्तव के द्वारा ट्रेनिंग दी जा रही है। इसमें सभी लाइसेंसी वेंडर,होटल संचालक,किराना व्यापारियों समेत खाद्य पदार्थ से जुडे सभी दुकानदारों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिन्हे आनें वाले समय में एफएसएसआई के द्वारा सर्टिफिकेट भी दिया जायेगा। अधिकारियों के मुताबिक केंद्र सरकार की इस तरह के प्रशिक्षण के पीछे मंशा दुकानदारों को खाद्य सामाग्री के प्रति जागरुक करना है। ताकि वो अपनें ग्राहकों को अच्छा खाद्य पदार्थ उपलब्ध करा सकें। हम आपको बता दें कि पुरे जिले में लगभग 25 सौ लाइसेंसी खाद्य दुकान संचालक है। जिन्हे इस तरह की ट्रेनिंग दी जा रही है। Conclusion:वहीं इस तरह की ट्रेनिंग का महत्व तब और अधिक बढ़ जाता है जब प्रदेश में एनिमिया पीड़ित महिलाओं और कुपोषित बच्चों के आंकड़े चौंकानें वाली है। गौरतलब है कि प्रदेश में लगभग 41.50 प्रतिशत महिलाएं एनिमिया से जबकि लगभग 37 फिसदी बच्चे कुपोषण से ग्रसित हैं। बाइट-1-पुष्पा तिर्की (खाद्य अधिकारी)

रिपोर्ट-शशांक दुबे,ईटीवी भारत मुंगेली
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