मुंगेलीः छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में हरियाली को बचाए रखने के लिए कई प्रयास कर रही है. वह प्रदेशभर में वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित कर पर्यावरण के प्रति अपनी सजगता को दर्शा रही है, लेकिन राज्य में ऐसे भी कुछ कर्मचारी हैं जो सरकार के प्रयासों पर पानी फेरकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने का काम कर रहे हैं. लापरवाही का यह मामला मुंगेली जिले के लोरमी इलाके से सामने आया है. यहां वन विभाग के कर्मचारियों ने प्लांटेशन के लिए लाए गए सागौन के रूट-शूट को नदी में बहा दिया है.
बिजराकछार सर्किल में होना था प्लांटेशन
लोरमी के खुड़िया वन परिक्षेत्र के बिजराकछार क्षेत्र में सागौन के प्लांटेशन के लिए सागौन के रूट-शूट भेजे गए थे. रूट-शूट सागौन के पेड़ की जड़ के छोटे-छोटे कलम का हिस्सा होता है, जिससे सागौन के पेड़ तैयार होते हैं. सागौन का पेड़ सबसे कीमती इमारती लकड़ियों में शामिल होता है. जिससे मंहगे फर्नीचर बनाए जाते हैं. वहीं, लोरमी का जंगल सागौन के प्लांटेशन के लिए अनुकूल है, लेकिन वन विभाग के अधिकारियों की गैर जिम्मेदाराना हरकत से यहां प्लांटेशन नहीं हो पाया.
छत्तीसगढ़ में स्कूल खुलने के फैसले पर क्यों अभिभावक उठा रहे सवाल ?
मनियारी नदी में फेंके गए रूट-शूट
वनकर्मियों द्वारा रूट-शूट को खुड़िया डैम के वेस्ट वेयर से बहनें वाली मनियारी नदी में फेंक दिया गया है. मामले की जानकारी बीजेपी नेता विरेंद्र गुप्ता और वन समिति के माध्यम से ईटीवी भारत को मिली. जिसके बाद मामले की पड़ताल की गई. पड़ताल में मनियारी नदी से 4 बोरी रूट-शूट बरामद हुआ है. खबर है कि करीब 15 बोरी से अधिक रूट-शूट नदी में बहाया गया है. एक बोरी में तकरीबन 1 हजार से अधिक रूट-शूट के हिसाब से 15 हजार से अधिक रूट-शूट को पानी में फेंक दिया गया है.
आनन-फानन में पहुंचा अमला
इस मामले की जानकारी जैसे ही मीडिया के माध्यम से फैली और इसे लेकर वन विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर सवाल किए गए. जिसके बाद आनन-फानन में उड़नदस्ता की टीम को मौके पर भेजकर नदी में फेंके गए सागौन की रूट-शूट की बोरियों को विभाग ने जब्त किया.
एसडीओ ने मानी गंभीर लापरवाही
पूरे मामले पर वन विभाग के एसडीओ चूड़ामणि सिंह से बात की गई तो उन्होनें कहा कि इस तरह का काम गंभीर लापरवाही की श्रेणी में आता है. उन्होंने कहा कि जानकारी मिली है कि 2 से 3 बोरी में 2 से 3 हजार रूट-शूट नदी में पड़ा हुआ मिला है. अभी हमने अपने रेंजर से स्पष्टीकरण मांगा है. साथ ही प्रतिवेदन देने को कहा है. प्रतिवेदन आने पर जो दोषी अधिकारी और कर्मचारी हैं, उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी.
दूसरे प्रदेश से होती है खरीदी
एक्सपर्ट के मुताबिक, हर साल छत्तीसगढ़ सरकार सागौन के प्लांटेशन के लिए वन विभाग के जरिए करोड़ो रुपए के रूट-शूट दूसरे प्रदेशों से खरीदी करती है. जिसे पूरे प्रदेशभर के जंगलों में लगाया जाता है.