ETV Bharat / state

बाघों की घटती संख्या पर सियासत तेज, धरमजीत सिंह ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग - corruption in forest depatment

एक ओर जहां पूरे देश में बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है. वहीं छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या में भारी कमी आई है. 29 जुलाई को केंद्र सरकार की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ में बाघ 46 से घटकर 19 ही रह गए हैं.

लोरमी विधायक धरमजीत सिंह
author img

By

Published : Aug 2, 2019, 1:34 PM IST

Updated : Aug 2, 2019, 6:25 PM IST

मुंगेली: छत्तीसगढ़ में कम हुई बाघों की संख्या को लेकर सियासत गरमा गई है. लोरमी विधायक और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के नेता धरमजीत सिंह ने इस मामले में वन विभाग पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं और पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.

धरमजीत सिंह का आरोप

दरअसल, सरकार द्वारा जारी आकड़ें के मुताबिक छत्तीसगढ़ में मात्र 19 बाघ शेष रह गए हैं. इसे लेकर धरमजीत सिंह ने वन विभाग पर बाघों के संरक्षण के नाम पर सरकारी रकम के दुरुपयोग का आरोप लगाया है. उन्होंने इसकी उच्च स्तरीय जांच की भी मांग की है.

19 बाघों पर भी संशय
धरमजीत सिंह कहते हैं कि उन्हें प्रदेश में बचे 19 बाघों की संख्या पर भी संदेह है. वे कहते हैं कि ये सभी बाघ वन विभाग के ट्रैप कैमरों पर ही दिखाई पड़ते हैं, असलियत में नहीं. जब आप जंगल में जाएंगे तो कोई भी शेर नहीं दिखेगा. धरमजीत सिंह बताते हैं कि प्रदेश के कई हिस्सों से बाघों के खाल भी बरामद हुए हैं. वन विभाग जंगली जीवों की सुरक्षा के लिए सतर्क नहीं है.

टाइगर रिजर्व के फंड की जांच
धरमजीत सिंह ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. उन्होंने सरकार से बीते 5 सालों में प्रदेश में टाइगर रिजर्व में खर्च हुई रकम की जांच की मांग की है. उन्होंने केंद्र और राज्य दोनों सरकारों द्वारा हुए खर्च की जांच की मांग की है. उनका आरोप है कि बाघों के संरक्षण के नाम पर केन्द्र और राज्य सरकार करोड़ों रुपये के फंड रिलीज करती है. लेकिन ज्यादातर रकम वन विभाग द्वारा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है.

27 बाघों की मौत
29 जुलाई को केंद्र सरकार की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ में बाघ 46 से घटकर 19 ही रह गए हैं.

मुंगेली: छत्तीसगढ़ में कम हुई बाघों की संख्या को लेकर सियासत गरमा गई है. लोरमी विधायक और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के नेता धरमजीत सिंह ने इस मामले में वन विभाग पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं और पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.

धरमजीत सिंह का आरोप

दरअसल, सरकार द्वारा जारी आकड़ें के मुताबिक छत्तीसगढ़ में मात्र 19 बाघ शेष रह गए हैं. इसे लेकर धरमजीत सिंह ने वन विभाग पर बाघों के संरक्षण के नाम पर सरकारी रकम के दुरुपयोग का आरोप लगाया है. उन्होंने इसकी उच्च स्तरीय जांच की भी मांग की है.

19 बाघों पर भी संशय
धरमजीत सिंह कहते हैं कि उन्हें प्रदेश में बचे 19 बाघों की संख्या पर भी संदेह है. वे कहते हैं कि ये सभी बाघ वन विभाग के ट्रैप कैमरों पर ही दिखाई पड़ते हैं, असलियत में नहीं. जब आप जंगल में जाएंगे तो कोई भी शेर नहीं दिखेगा. धरमजीत सिंह बताते हैं कि प्रदेश के कई हिस्सों से बाघों के खाल भी बरामद हुए हैं. वन विभाग जंगली जीवों की सुरक्षा के लिए सतर्क नहीं है.

टाइगर रिजर्व के फंड की जांच
धरमजीत सिंह ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. उन्होंने सरकार से बीते 5 सालों में प्रदेश में टाइगर रिजर्व में खर्च हुई रकम की जांच की मांग की है. उन्होंने केंद्र और राज्य दोनों सरकारों द्वारा हुए खर्च की जांच की मांग की है. उनका आरोप है कि बाघों के संरक्षण के नाम पर केन्द्र और राज्य सरकार करोड़ों रुपये के फंड रिलीज करती है. लेकिन ज्यादातर रकम वन विभाग द्वारा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है.

27 बाघों की मौत
29 जुलाई को केंद्र सरकार की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ में बाघ 46 से घटकर 19 ही रह गए हैं.

Intro:मुंगेली- छत्तीसगढ़ में कम हुई बाघों की संख्या को लेकर सियासत गरमा गई है. प्रदेश में बाघों की घटती संख्या को लेकर लोरमी विधायक और जेसीसीजे बसपा विधायक गठबंधन दल के नेता धरमजीत सिंह ने बड़ा बयान दिया है.धरमजीत सिंह ने वन विभाग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि टाइगर रिजर्व प्रबंधन बाघों के संरक्षण के नाम पैसों का दुरुपयोग कर रही है। लोरमी विधायक ने पूरे मामले की व्यापक स्तर पर उच्चस्तरीय जांच की भी मांग की है।


Body: धर्मजीत सिंह ने प्रदेश में कम हुई बाघों की संख्या पर चिंता जाहिर करते हुए वन विभाग पर गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या में कमी हुई है. बाघ संरक्षण के नाम पर आने वाले पैसों का वन विभाग के अधिकारी दुरुपयोग कर रहे हैं और बड़े पैमाने पर इसमें भ्रष्टाचार हुआ है. धरमजीत सिंह ने कहा कि प्रदेश में अलग-अलग समय में शेरों के खाल भी जप्त हुए हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में 19 बाघ है. इस बात पर भी उन्हें शंका है. यह बाघ वन विभाग के ट्रैप कैमरे में ही दिखाई देते हैं जबकि जंगलों में उन्हें कभी दिखाई नहीं दिए. धरमजीत सिंह ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि पिछले 5 सालों में टाइगर रिज़र्व के नाम पर जिस-जिस टाइगर रिज़र्व में राशि आयी है चाहे वह केंद्र की राशि हो या प्रदेश की राशि उसकी व्यापक जांच के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी गठित करना चाहिए और संरक्षण को लेकर किए गए कामों की जांच होनी चाहिए।


Conclusion:गौरतलब है कि एक ओर जहां पूरे देश में बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है. वहीं छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या में भारी कमी आई है. 29 जुलाई को केंद्र सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में भाग 46 से घटकर 19 रह गए हैं. जिसके चलते पूरे मामले पर सियासत गरमाई नजर आ रही है।
बाइट-1-धरमजीत सिंह (विधायक,लोरमी)

रिपोर्ट शशांक दुबे,ईटीवी भारत मुंगेली
Last Updated : Aug 2, 2019, 6:25 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.