मुंगेली: छत्तीसगढ़ में कम हुई बाघों की संख्या को लेकर सियासत गरमा गई है. लोरमी विधायक और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के नेता धरमजीत सिंह ने इस मामले में वन विभाग पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं और पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.
दरअसल, सरकार द्वारा जारी आकड़ें के मुताबिक छत्तीसगढ़ में मात्र 19 बाघ शेष रह गए हैं. इसे लेकर धरमजीत सिंह ने वन विभाग पर बाघों के संरक्षण के नाम पर सरकारी रकम के दुरुपयोग का आरोप लगाया है. उन्होंने इसकी उच्च स्तरीय जांच की भी मांग की है.
19 बाघों पर भी संशय
धरमजीत सिंह कहते हैं कि उन्हें प्रदेश में बचे 19 बाघों की संख्या पर भी संदेह है. वे कहते हैं कि ये सभी बाघ वन विभाग के ट्रैप कैमरों पर ही दिखाई पड़ते हैं, असलियत में नहीं. जब आप जंगल में जाएंगे तो कोई भी शेर नहीं दिखेगा. धरमजीत सिंह बताते हैं कि प्रदेश के कई हिस्सों से बाघों के खाल भी बरामद हुए हैं. वन विभाग जंगली जीवों की सुरक्षा के लिए सतर्क नहीं है.
टाइगर रिजर्व के फंड की जांच
धरमजीत सिंह ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. उन्होंने सरकार से बीते 5 सालों में प्रदेश में टाइगर रिजर्व में खर्च हुई रकम की जांच की मांग की है. उन्होंने केंद्र और राज्य दोनों सरकारों द्वारा हुए खर्च की जांच की मांग की है. उनका आरोप है कि बाघों के संरक्षण के नाम पर केन्द्र और राज्य सरकार करोड़ों रुपये के फंड रिलीज करती है. लेकिन ज्यादातर रकम वन विभाग द्वारा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है.
27 बाघों की मौत
29 जुलाई को केंद्र सरकार की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ में बाघ 46 से घटकर 19 ही रह गए हैं.