मुंगेली: नगरपालिका में भ्रष्टाचार मामले पर गहराया विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब इस मामले पर कांग्रेसी पार्षद जेल में बंद मुंगेली नगरपालिका अध्यक्ष संतुलाल सोनकर की बर्खास्तगी की मांग (Demand for dismissal of Mungeli Municipality President) को लेकर धरने पर बैठ गये हैं. नगर पालिका कार्यालय के सामने धरने पर बैठे कांग्रेसी पार्षदों और एल्डरमैन के धरने का आज दूसरा दिन हैं.
यह भी पढ़ें: अचानकमार टाइगर रिजर्व का कुछ दिन और नहीं कर पाएंगे दीदार, इन वजहों से नहीं खुल पाया गेट
कांग्रेसी पार्षद जेल में बंद नगर पालिका अध्यक्ष संतुलाल सोनकर (Mungeli Municipality President santulal sonkar) को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं. इनका कहना है कि 13 लाख रुपये के घोटाले के आरोपी नगर पालिका अध्यक्ष के जेल जाने से मुंगेली नगर का विकास पूरी तरह से रुक गया है. प्रथम नागरिक के जेल जाने से जनता का जो विश्वास नगरीय प्रशासन के उपर था वो विकास काम नही होने से खोता जा रहा है. ऐसे में कांग्रेसी पार्षद लगातार नगर पालिका अध्यक्ष को पद से हटाकर नई व्यवस्था बनाने की मांग कर रहे हैं.
ये है पूरा मामला
गौरतलब है कि पूरा मामला मुंगेली के वार्ड क्रमांक 13 परमहंस वार्ड में स्वीकृत नाली निर्माण से जुड़ा है. इस वार्ड में नाली निर्माण के लिए 18 लाख रुपये स्वीकृत हुआ था. जिसमें से बगैर कार्य किये ही 13 लाख रुपये सोफिया कंस्ट्रक्शन के ठेकेदार के नाम से चेक जारी कर भुगतान कर दिया गया था. इस मामले की शिकायत कांग्रेसी नेताओं ने मुंगेली कलेक्टर से की थी. जिस पर मुंगेली कलेक्टर ने एसडीएम को जांच का जिम्मा सौंपा था. मुंगेली एसडीएम के जांच प्रतिवेदन के आधार पर कलेक्टर अजीत वसंत ने नगर पालिका के सीएमओ को 6 दोषी लोगों के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश दिये थे.
जिस पर नगर पालिका के सीएमओ ने सिटी कोतवाली पहुंचकर नगर पालिका के अध्य़क्ष संतुलाल सोनकर, तत्कालीन सीएमओ विकास पाटले, इंजीनियर जोएस तिग्गा, लिपिक सियाराम साहू, लेखापाल आनंद निषाद और सोफिया कंस्ट्रक्शन के संचालक ठेकेदार वसीम खान के खिलाफ धारा 420,467,468 सहित अन्य धाराओं के अंतर्गत अपराध दर्ज कर पतासाजी की थी. इसी बीच बीते 9 नवंबर को नगर पालिका अध्यक्ष संतुलाल सोनकर ने कोर्ट के सामने सरेंडर कर दिया था. जिसके बाद से वो जेल में बंद है. जबकि इस मामले में बाकी के आरोपी अभी फरार हैं.