मुंगेली : देवरी गांव में 21 मई की शाम खेत के बीच निकले नहर में एक शव मिला था, जिसकी सूचना सिटी कोतवाली थाना को दी गई. सूचना मिलने के बाद पुलिस पहुंची और शव को कब्जे में लेकर उसे मॉर्च्यूरी में रखवाया ताकि उसकी शिनाख्त कराई जा सके. शिनाख्ति के दौरान पता चला कि नहर में जिस युवक का शव मिला है, वो देवरी गांव का ही निवासी है. उसका नाम भुवेंद्र माथुर है. इसके बाद पुलिस ने तफ्तीश शुरू की.
शिनाख्त के बाद खुला हत्या का राज : शव मिलने के बाद जब पुलिस ने तफ्तीश शुरू की तो पता चला कि जिस युवक की हत्या हुई है, उसने अपने पिता के साथ मिलकर साल 2011 में अपने ही रिश्तेदार कोमल माथुर की हत्या की थी. ये भी पता चला कि हत्या से पहले भुवेंद्र गांव में दो अनजान लोगों के साथ घूम रहा था. पुलिस ने जब जांच आगे बढ़ाई तो पता चला कि जिन लोगों के साथ भुवेंद्र गांव में घूम रहा था, उन्हीं लोगों ने उसे दूसरे लोक में पहुंचा दिया है.
क्या था पूरा मामला : दोनों अनजान व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि भुवेंद्र की ही सुपारी लेने वाले आरोपी थे, जिनका नाम उमेंद्र घृतलहरे और सत्येंद्र कुमार है. दोनों ने पहले भुवेंद्र को गड़ा धन निकालकर आपस में बांटने के लालच में फंसाया. इसके बाद जब भुवेंद्र को यकीन हो गया कि दोनों उसे गड़ा धन दे सकते हैं तो उनके बताए मुताबिक चलने लगा. 20 मई की रात दोनों ने भुवेंद्र को गड़ा धन निकालने का लालच देकर अपने पास बुलाया. इसके बाद खेतों के बीच नहर के पास ले जाकर उसकी हत्या कर दी.
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किसने दी थी सुपारी : इस हत्या के तार कई साल पहले हुए कोमल माथुर की हत्या से जुड़े हैं. कोमल माथुर का पिता दुकाल माथुर और उसका बेटा भुवेंद्र से बदला लेना चाहते थे. कोमल की हत्या के बाद भुवेंद्र और उसका पिता जेल से छूटकर आ चुके थे. दुकाल माथुर और उसका पोता छात्रप्रकाश मौके की तलाश में थे. इन दोनों की मुलाकात देवरी निवासी ललित अनंत और उसके ससुर महेतरु सतनामी से हुई. दोनों दुकाल को किराए के लोगों से हत्या कराने की बुद्धि दी, जिसके बाद दुकाल राजी हो गया. इसके बाद ललित और महेतरु ने सुपारी किलर उमेंद्र घृतलहरे, सत्येंद्र कुमार, पवन पात्रे और राहुल भास्कर से संपर्क किया. उमेन्द्र घृतलहरे, पवन पात्रे, सत्येन्द्र कुमार पहले हत्या के आरोपी थे, जिन्होंने ललित की मदद से भुवेंद्र की सुपारी ली और अपने साथियों के साथ मिलकर हत्या कर दी.