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मुंगेली में दम तोड़ती स्वास्थ्य सेवाएं, बैगा महिला को खाट पर नदी कराया गया पार

Bad condition of health services in Mungeli मुंगेली के लोरमी में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है. यहां के अचानकमार टाइगर रिजर्व के एक गांव में महिला को विषैले जंतु ने काट लिया. जिससे उसकी तबीयत खराब होने लगी. महिला को इलाज के लिए खाट पर लादकर नदी पार कराया गया sick Baiga woman brought to hospital on cot. क्योंकि इस गांव की मनियारी नदी पर पुल नहीं है. अभी महिला का गनियारी जनसहयोग अस्पताल में इलाज चल रहा है. महिला की स्थिति स्थिर बताई जा रही है

Bad condition of health services in Mungeli
मुंगेली में दम तोड़ती स्वास्थ्य सेवाएं
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Published : Sep 18, 2022, 4:49 PM IST

Updated : Sep 18, 2022, 5:13 PM IST

मुंगेली: हम आजादी के 75 साल का जश्न मना रहे हैं (Bad condition of health services in Mungeli). लेकिन छत्तीसगढ़ के कई जिले आज भी स्वास्थ्य सेवाओं और बुनियादी सुविधाओं को तरस रहे हैं. मुंगेली के लोरमी विकास खंड से जो तस्वीर आई है. वह विकास की काली तस्वीर को बयां कर रही है. यहां एक बैगा महिला को इलाज के लिए परिजन खाट पर लिटाकर नदी पार करने को मजबूर हैं (sick Baiga woman brought to hospital on cot).

मुंगेली में दम तोड़ती स्वास्थ्य सेवाएं

महिला को समय पर नहीं मिल पाई एंबुलेंस सेवा: मुंगेली के लोरमी इलाके में एक महिला को जहरीले जीव ने काट लिया (Lormi latest news). उसे अस्पताल पहुंचाने की नौबत आई. लेकिन नदी पर पुल नहीं था. जिसकी वजह से महिला को खाट पर नदी पार करवाने के लिए लोगों को मजबूर होना पड़ा. लोरमी के अचानकमार टाइगर रिजर्व के अंदर महिला भानमति बैगा को जंगली जंतु ने काट लिया. जिससे उसकी तबीयत खराब होने लगी. महिला को अस्पताल पहुंचाने की बात आई तो बीच में नदी आ गई. नदी पर दो साल से पुल नहीं बन पाया है. जिस वजह से महिला को खाट पर लादकर नदी पार कराया गया. इस गांव में ऐसा हाल है कि न तो यहां एंबुलेंस पहुंच सकती है. अगर किसी व्यक्ति की जान पर बन आई तो उसे अस्पताल पहुंचाना सबसे मुश्किल बात होती है.

पुल बनाने की मांग अब तक नहीं हुई पूरी: मुंगेली के मनियारी नदी पर गांववाले कई वर्षों से पुल बनाने की मांग कर रहे हैं. लेकिन यहां अब तक पुल नहीं बन पाया है. सांसद , विधायक और अधिकारियों को कई बार पुल बनाने के लिए कहा जा चुका है. लेकिन अब तक गांववालों की मांग पर कोई ध्यान देने को तैयार नहीं है. अचानकमार टाइगर रिजर्व वर्ष 2009 में बनाया गया. यहां कोर एरिया में चिन्हांकित 25 गांव को कोर एरिया से विस्थापित किया जाना था. वर्ष 2010-11 में 6 गांव का विस्थापन तो कर दिया गया लेकिन 19 गांव का विस्थापन आज तक लंबित है. ऐसे में बगैर मूलभूत सुविधाओं के बैगा आदिवासियों को जीवन जीने को मजबूर होना पड़ रहा है.

राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र हैं बैगा आदिवासी: बैगा आदिवासी को राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र कहा जाता है. इनके संरक्षण को लेकर किसी भी दल की सरकारें हो सिर्फ बड़े-बड़े दावे करती है. लेकिन ऐसी तस्वीरें सरकारी दावों की पूरी हकीकत ही बयां कर देती हैं.वहीं पूरे मामले में जो बड़ी बात निकलकर आई है. वो यह है कि निवासखार गांव में ही उप स्वास्थ्य केंद्र स्थित है. लेकिन वहां भी डाक्टर नदी में बाढ़ के पानी की वजह से नही पहुंच पाते हैं. लिहाजा अस्पताल महज नाममात्र का ही अस्पताल बनकर रह गया है.

ये भी पढ़ें: मुंगेली में 3 साल की बच्ची को महिला ने नहर में फेंका, युवक ने बचाई जान

जिले में दम तोड़ रही स्वास्थ्य सेवाएं: निवासखार गांव के स्वास्थ्य केंद्र में बुनियादी सुविधाओं की कमी है. यहां लोगों को बम्हनी और गनियारी अस्पताल जाने को मजबूर होना पड़ता है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने अब तक इस इलाके में मजबूत स्वास्थ्य सेवाओं को बहाल नहीं किया है. जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है. यहां बैगा आदिवासी लोगों की जनसंख्या सबसे ज्यादा है. लेकिन उन्हें बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही है.


बीएमओ ने पूरे मामले पर क्या कहा: पूरे मामले पर जब लोरमी के बीएमओ जीएस दाऊ से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जो समस्या जंगल में बसे आम लोगों को आती है. वही समस्या मेडिकल स्टाफ को भी आती है. मेडिकल स्टाफ को आने जाने के लिए इसी नदी वाले मार्ग से होकर गुजरना पड़ता है. ऐसे में पानी अधिक होने पर जाने में परेशानी होती है. शनिवार को निवासखार उप स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ एएनएम मीटिंग में आई हुई थी. लिहाजा पानी अधिक होने की वजह से वह खुड़िया में रुक गई.वो वापस जा नहीं जा पाई. बीमार महिला को बम्हनी जन सहयोग अस्पताल ले जाने के बाद प्राथमिक उपचार किया गया. वहीं महिला को बेहतर इलाज के लिए बिलासपुर जिले के गनियारी में स्थित गनियारी जन सहयोग अस्पताल भेज दिया गया है. जहां पर महिला के इलाज जारी है. बताया जा रहा है कि महिला की हालत स्थिर है.

मुंगेली: हम आजादी के 75 साल का जश्न मना रहे हैं (Bad condition of health services in Mungeli). लेकिन छत्तीसगढ़ के कई जिले आज भी स्वास्थ्य सेवाओं और बुनियादी सुविधाओं को तरस रहे हैं. मुंगेली के लोरमी विकास खंड से जो तस्वीर आई है. वह विकास की काली तस्वीर को बयां कर रही है. यहां एक बैगा महिला को इलाज के लिए परिजन खाट पर लिटाकर नदी पार करने को मजबूर हैं (sick Baiga woman brought to hospital on cot).

मुंगेली में दम तोड़ती स्वास्थ्य सेवाएं

महिला को समय पर नहीं मिल पाई एंबुलेंस सेवा: मुंगेली के लोरमी इलाके में एक महिला को जहरीले जीव ने काट लिया (Lormi latest news). उसे अस्पताल पहुंचाने की नौबत आई. लेकिन नदी पर पुल नहीं था. जिसकी वजह से महिला को खाट पर नदी पार करवाने के लिए लोगों को मजबूर होना पड़ा. लोरमी के अचानकमार टाइगर रिजर्व के अंदर महिला भानमति बैगा को जंगली जंतु ने काट लिया. जिससे उसकी तबीयत खराब होने लगी. महिला को अस्पताल पहुंचाने की बात आई तो बीच में नदी आ गई. नदी पर दो साल से पुल नहीं बन पाया है. जिस वजह से महिला को खाट पर लादकर नदी पार कराया गया. इस गांव में ऐसा हाल है कि न तो यहां एंबुलेंस पहुंच सकती है. अगर किसी व्यक्ति की जान पर बन आई तो उसे अस्पताल पहुंचाना सबसे मुश्किल बात होती है.

पुल बनाने की मांग अब तक नहीं हुई पूरी: मुंगेली के मनियारी नदी पर गांववाले कई वर्षों से पुल बनाने की मांग कर रहे हैं. लेकिन यहां अब तक पुल नहीं बन पाया है. सांसद , विधायक और अधिकारियों को कई बार पुल बनाने के लिए कहा जा चुका है. लेकिन अब तक गांववालों की मांग पर कोई ध्यान देने को तैयार नहीं है. अचानकमार टाइगर रिजर्व वर्ष 2009 में बनाया गया. यहां कोर एरिया में चिन्हांकित 25 गांव को कोर एरिया से विस्थापित किया जाना था. वर्ष 2010-11 में 6 गांव का विस्थापन तो कर दिया गया लेकिन 19 गांव का विस्थापन आज तक लंबित है. ऐसे में बगैर मूलभूत सुविधाओं के बैगा आदिवासियों को जीवन जीने को मजबूर होना पड़ रहा है.

राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र हैं बैगा आदिवासी: बैगा आदिवासी को राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र कहा जाता है. इनके संरक्षण को लेकर किसी भी दल की सरकारें हो सिर्फ बड़े-बड़े दावे करती है. लेकिन ऐसी तस्वीरें सरकारी दावों की पूरी हकीकत ही बयां कर देती हैं.वहीं पूरे मामले में जो बड़ी बात निकलकर आई है. वो यह है कि निवासखार गांव में ही उप स्वास्थ्य केंद्र स्थित है. लेकिन वहां भी डाक्टर नदी में बाढ़ के पानी की वजह से नही पहुंच पाते हैं. लिहाजा अस्पताल महज नाममात्र का ही अस्पताल बनकर रह गया है.

ये भी पढ़ें: मुंगेली में 3 साल की बच्ची को महिला ने नहर में फेंका, युवक ने बचाई जान

जिले में दम तोड़ रही स्वास्थ्य सेवाएं: निवासखार गांव के स्वास्थ्य केंद्र में बुनियादी सुविधाओं की कमी है. यहां लोगों को बम्हनी और गनियारी अस्पताल जाने को मजबूर होना पड़ता है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने अब तक इस इलाके में मजबूत स्वास्थ्य सेवाओं को बहाल नहीं किया है. जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है. यहां बैगा आदिवासी लोगों की जनसंख्या सबसे ज्यादा है. लेकिन उन्हें बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही है.


बीएमओ ने पूरे मामले पर क्या कहा: पूरे मामले पर जब लोरमी के बीएमओ जीएस दाऊ से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जो समस्या जंगल में बसे आम लोगों को आती है. वही समस्या मेडिकल स्टाफ को भी आती है. मेडिकल स्टाफ को आने जाने के लिए इसी नदी वाले मार्ग से होकर गुजरना पड़ता है. ऐसे में पानी अधिक होने पर जाने में परेशानी होती है. शनिवार को निवासखार उप स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ एएनएम मीटिंग में आई हुई थी. लिहाजा पानी अधिक होने की वजह से वह खुड़िया में रुक गई.वो वापस जा नहीं जा पाई. बीमार महिला को बम्हनी जन सहयोग अस्पताल ले जाने के बाद प्राथमिक उपचार किया गया. वहीं महिला को बेहतर इलाज के लिए बिलासपुर जिले के गनियारी में स्थित गनियारी जन सहयोग अस्पताल भेज दिया गया है. जहां पर महिला के इलाज जारी है. बताया जा रहा है कि महिला की हालत स्थिर है.

Last Updated : Sep 18, 2022, 5:13 PM IST
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