मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : मनेंद्रगढ़ से 130 किलोमीटर दूर प्रकृति का एक अनोखा रुप देखने को मिलता है. भंवरखोह गांव के पास बनास नदी पर एक जलप्रपात का निर्माण हुआ है. जिसे लोग रमदहा जलप्रपात के नाम से जानते हैं.इस जगह पर जलप्रपात 200 फीट ऊंचे पहाड़ से नीचे गिरता है.जिसे देखने के लिए दूर-दूर से सैलानी आते हैं. 200 फीट की ऊंचाई से जब पानी नीचे गिरते हुए पत्थरों से टकराता है तो मानो ऐसा लगता है कि जैसे संगीत की कोई धुन बज रही हो.
प्रकृति प्रेमियों को रमदहा देता है सुकून : रमदहा जलप्रपात का पानी इतना साफ है कि लोग इसे देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं. इस जलप्रपात को देखने के लिए लोग बहुत दूर-दूर से आते हैं. यहां चट्टानों से टकरा कर गिरता पानी दूध की तरह सफेद दिखता है. जो किसी भी पर्यटक को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए काफी है. इसके आसपास के घने जंगल इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं. अगर आप प्रकृति प्रेमी है तो आपको एक बार जरुर रमदहा जलप्रपात आना चाहिए.
पर्यटकों को लुभाता है रमदहा जलप्रपात : कोरिया जिले से वाटरफॉल देखने आए पर्यटक सुजीत कुमार गुप्ता ने कहा कि यहां आकर अच्छा लग रहा है. बहुत ही सुंदर जगह है. यह बहुत ही अद्भुत जगह है.लेकिन रास्ते की हालत ठीक नहीं होने के कारण यहां तक लोगों को आने में दिक्कत होती है.वहीं सिंगरौली से आए एक पर्यटक ने इस जगह को काफी खूबसूरत बताया.पर्यटकों की माने तो रमदहा जलप्रपात सुकून जरुर देता है.लेकिन इस जगह पर कई सारी सुविधाओं की कमी है.जैसे मोबाइल नेटवर्क नहीं होने पर कभी भी हादसा होने पर वक्त पर मदद नहीं मिलती.
जंगल के बीच में झरना : अक्सर आपने किसी फिल्म में घने जंगल के बीच में बड़े झरने को गिरते देखा होगा.लेकिन रमदहा जलप्रपात आपको फिल्मी सीन से भी ज्यादा अच्छा लगेगा.जब घने जंगलों के बीच से होता हुआ पानी ऊंचे पहाड़ से नीचे गिरता है तो पूरा माहौल दूधिया हो जाता है.कई लोगों को यहां आकर शांति और सुकून मिलता है.
स्थानीय लोगों सुविधाएं बढ़ाने की कर रहे मांग : स्थानीय लोगों की माने तो रमदहा जलप्रपात हमारे चांगभखार की एक शान है. कांग्रेस सरकार में रमदहा को बहुत अच्छी तरह से विकसित किया. दूर-दूर से टूरिस्ट यहां पर आते हैं. लेकिन टूरिस्ट की सुरक्षा एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है.स्थानीय लोगों की माने तो पानी के अंदर जाने पर कई बार हादसा हो चुका है. लोग पिकनिक मनाने आते हैं,लेकिन खतरे को नहीं जानते.इसलिए यहां सुरक्षा को लेकर इंतजाम बढ़ाने चाहिए.ताकि लोगों की जान ना जाए.आपको बता दें कि रमदहा जलप्रपात के क्षेत्र को यहां के रहवाली अपनी कुलदेवी का स्थान मानते हैं.
कैसे पहुंचे रमदहा जलप्रपात ? : जलप्रपात के करीब काफी ज्यादा मात्रा में बड़े बड़े पत्थरों का समूह है. इसलिए बारिश के समय सतर्कता बरतने की जरूरत है, क्योंकि पत्थर काफी फिसलन भरे है. वैसे तो गर्मी के दिनों में पानी कम होने पर लोग झरने के नीचे जाकर नहाने लगते है लेकिन इन दिनों नहाना खतरा बन सकता है.रमदहा जलप्रपात आने के लिए आपको निजी वाहन का इस्तेमाल करना होगा.नजदीकी रेलवे स्टेशन बैकुंठपुर है.यहां जाने से पहले अपने साथ खाने पीने की चीजें भी साथ ले जाएं.