एमसीबी : मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिला बनने के बाद अक्सर भरतपुर के निवासी सुविधाओं को लेकर जिला प्रशासन को घेरते रहे हैं.इसी कड़ी में भरतपुर के निवासियों ने जिला पंचायत की मांग की है.स्थानीय निवासियों ने भरतपुर में जिला पंचायत बनाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया.इसके लिए सीएम भूपेश बघेल को ज्ञापन भी सौंपा गया है. ग्रामीणों ने मांग की है कि यदि भरतपुर में जिला पंचायत की घोषणा नहीं होती तो ग्रामवासी विरोध-प्रदर्शन करते हुए चक्काजाम करेंगे.
क्या हो रही है ग्रामीणों को समस्या ? : आपको बता दें कि भरतपुर के सीतामढ़ी में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कार्यक्रम होना है. इससे पहले ग्रामीणों ने अपनी मांग को लेकर ज्ञापन दिया है. जिसमें लिखा है कि भरतपुर तहसील और भरतपुर को जिले का दर्जा तो दे दिया गया.लेकिन जिले के नाम से कोई जिला कार्यालय विकासखंड भरतपुर में नहीं दिया गया.जबकि कलेक्ट्रेट मनेंद्रगढ़ और जिला चिकित्सालय चिरमिरी को मिला है. भरतपुर जिले से जिला अस्पताल की दूरी करीब 150 किमी है. इस वजह से जनकपुर हॉस्पिटल से ज्यादा से ज्यादा केस में मध्यप्रदेश के शहडोल रेफर होते हैं. जिसकी दूरी करीब 100 किमी है.
''यदि जिला पंचायत बनाने की घोषणा नहीं की जाती है तो ग्रामवासी और सभी सरपंच सांकेतिक चक्काजाम करेंगे.सीएम के कार्यक्रम में घोषणा नहीं होने पर आगे फिर चक्काजाम किया जाएगा.'' रामदेव सिंह परस्ते,सरपंच
''नवीन जिले का नाम मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर किया गया है. मनेंद्रगढ़ में कलेक्टर कार्यालय और चिरमिरी में जिला अस्पताल की घोषणा हुई है. लेकिन भरतपुर विकासखंड में अभी तक कोई कार्यालय की घोषणा नहीं हुई.'' केपी सिंह, ग्रामीण
क्या है ग्रामीणों की मांग ? : स्थानीय लोगों का कहना है कि नया जिला तो बना दिया गया.लेकिन जो सुविधाएं लोगों को मिलनी चाहिए उसके लिए अब भी 100 से 150 किलोमीटर का लंबा सफर तय करना होता है.क्योंकि सारे सरकारी दफ्तर जिला मुख्यालय में हैं.अब ग्रामीण मांग कर रहे हैं कि उन्हें जिला पंचायत कार्यालय , रोजगार कार्यालय , आरटीओ कार्यालय की सुविधा मिले.यदि ऐसा नहीं होता है तो भरतपुर का नाम जिले से हटा दिया जाए.
''मनेन्द्रगढ़ और चिरमिरी के लोग आए और देखे कि ये कितना दूर है और यह कार्यालय की कितनी आवश्यकता है. यहां जिला पंचायत , रोजगार कार्यालय और आरटीओ कार्यालय खोल जाए.'' बृजभूषण, सरपंच
वहीं मौके पर तहसीलदार और पुलिस प्रशासन ने ग्रामीणों को समझाकर आंदोलन खत्म करवाया.
'ग्रामीणों ने जिला पंचायत की मांग को लेकर चक्काजाम किया था. मांगों का ज्ञापन लिया गया है. आश्वासन के बाद आंदोलन खत्म किया गया है'-मनहरण सिंह राठिया,तहसीलदार
भरतपुर में जिला पंचायत कार्यालय और आरटीओ कार्यालय, रोजगार कार्यालय बनाने की मांग की जा रही है. क्योंकि जिला मुख्यालय से दूरी काफी ज्यादा है.वहीं यदि तीनों कार्यालय भरतपुर में खुले तो यही समस्या मनेंद्रगढ़ और चिरमिरी वासियों को भी होगी.इसलिए जिला प्रशासन को इस गंभीर मसले का कोई हल जल्द निकालना होगा.ताकि किसी भी क्षेत्र की जनता को सरकारी काम से जुड़ी परेशानी ना हो.