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Baratunga Sati Temple: मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर बरतुंगा सती मंदिर का होगा विस्थापन, प्रशासन ने ली बैठक - बरतुंगा क्षेत्र

Baratunga Sati Temple: मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर बरतुंगा सती मंदिर को लेकर बैठक की गई. बैठक में एसडीएम, तहसीलदार और एसईसीएल के अधिकारियों और बरतुंगा क्षेत्र के रहवासियों के बीच बातचीत हुई. इसमें 90 फीसद लोगों ने मंदिर के विस्थापित पर सहमति जताई है.

Sati temple will be displaced
सती मंदिर का होगा विस्थापन
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Published : Jul 22, 2023, 6:25 PM IST

बरतुंगा सती मंदिर की होगी दोबारा स्थापना !

मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर अंतर्गत पड़ने वाले काले हीरे की नगरी चिरिमिरी के बरतुंगा के सती मंदिर को फिर से स्थापित करने को लेकर प्रशासन ने नई पहल शुरू की है. इसे लेकर आम लोगों की राय और एक बैठक की गई. बैठक में 90 फीसद से अधिक लोग सती मंदिर को फिर से स्थापित करने के पक्ष में थे.

600 साल पुराना मंदिर: दरअसल, चिरमिरी में करीब 500 से लेकर 600 सौ साल पुराना सती मंदिर और वहां मौजूद प्राचीन शिला अवशेष को सुरक्षित रखने की पहल की जा रही है. चिरमिरी एसईसीएल प्रबंधन और जिला प्रशासन की टीम ने एक खास पहल की है. चिरमिरी कोयले की खदान ओपन कास्ट माइंस को विस्तार रूप देने के लिए, एसईसीएल प्रबंधन काम कर रही है. बरतुंगा सती मंदिर को संरक्षित करने के लिए बरतुंगा एसईसीएल सामुदायिक भवन में एसडीएम तहसीलदार और एसईसीएल के अधिकारियों और बरतुंगा क्षेत्र के रहवासियों के बीच एक बैठक हुई. बैठक में 90 फीसद लोग मंदिर के विस्थापन पर अपनी सहमति दिए.

एसईसीएल माइंस चलाने के लिए सती मंदिर का स्थानांतरण के लिए 90 फीसद लोग मान गए हैं. इस सती मंदिर का स्थानांतरण एसईसीएल के द्वारा जल्दी करा दिया जाएगा. -स्थानीय श्रमिक नेता

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यहां पर जो सदियों पुराना सती मंदिर है. उसे दूसरी जगह स्थापित करके यहां जो माइंस चलाने में हम लोगों को दिक्कतें आ रही थी, उसको लेकर आज बैठक की गई. बैठक में ये निर्णय लिया गया कि जल्द ही एक अच्छे स्थान में माता को दोबारा स्थापित किया जाएगा. -गोपाल ठाकरे, एसईसीएल के डिप्टी जीएम

लोगों की आस्था जुड़ी: हालांकि अब तक ये तय नहीं हुआ है कि माता सती के प्राचीन शिला को कहां स्थापित किया जाएगा. जिला प्रशासन, एसईसीएल टीम और स्थानीय लोगों की राय से अब स्थान का चयन किया जाएगा. इसके बाद माता के प्रचीन शिला को स्थापित किया जाएगा. दरअसल, बरतुंगा के सती मंदिर से लोगों की आस्था जुड़ी हुई है.

आज एक बैठक बुलाई गई थी. जो यहां पर स्थित सती मंदिर है, उसके संबंध में था. मंदिर को दूसरे जगह स्थापित करने को लेकर 90 फीसद लोगों ने सहमति जताई है. -शशि शेखर मिश्रा, नयाब तहसीलदार

मंदिर की जल्द होगी स्थापना: बता दें कि माता सती का मंदिर जहां स्थापित है, वहां जमीन के अंदर आग लगी हुई है. उस आग में कभी भी मंदिर ध्वस्त हो सकती है. यही कारण है कि मंदिर को दूसरे जगह भव्य रूप से स्थापित करने का निर्णय बैठक में लिया गया. अब जल्द ही स्थान निर्धारित कर मंदिर की स्थापना की जाएगा.

बरतुंगा सती मंदिर की होगी दोबारा स्थापना !

मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर अंतर्गत पड़ने वाले काले हीरे की नगरी चिरिमिरी के बरतुंगा के सती मंदिर को फिर से स्थापित करने को लेकर प्रशासन ने नई पहल शुरू की है. इसे लेकर आम लोगों की राय और एक बैठक की गई. बैठक में 90 फीसद से अधिक लोग सती मंदिर को फिर से स्थापित करने के पक्ष में थे.

600 साल पुराना मंदिर: दरअसल, चिरमिरी में करीब 500 से लेकर 600 सौ साल पुराना सती मंदिर और वहां मौजूद प्राचीन शिला अवशेष को सुरक्षित रखने की पहल की जा रही है. चिरमिरी एसईसीएल प्रबंधन और जिला प्रशासन की टीम ने एक खास पहल की है. चिरमिरी कोयले की खदान ओपन कास्ट माइंस को विस्तार रूप देने के लिए, एसईसीएल प्रबंधन काम कर रही है. बरतुंगा सती मंदिर को संरक्षित करने के लिए बरतुंगा एसईसीएल सामुदायिक भवन में एसडीएम तहसीलदार और एसईसीएल के अधिकारियों और बरतुंगा क्षेत्र के रहवासियों के बीच एक बैठक हुई. बैठक में 90 फीसद लोग मंदिर के विस्थापन पर अपनी सहमति दिए.

एसईसीएल माइंस चलाने के लिए सती मंदिर का स्थानांतरण के लिए 90 फीसद लोग मान गए हैं. इस सती मंदिर का स्थानांतरण एसईसीएल के द्वारा जल्दी करा दिया जाएगा. -स्थानीय श्रमिक नेता

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यहां पर जो सदियों पुराना सती मंदिर है. उसे दूसरी जगह स्थापित करके यहां जो माइंस चलाने में हम लोगों को दिक्कतें आ रही थी, उसको लेकर आज बैठक की गई. बैठक में ये निर्णय लिया गया कि जल्द ही एक अच्छे स्थान में माता को दोबारा स्थापित किया जाएगा. -गोपाल ठाकरे, एसईसीएल के डिप्टी जीएम

लोगों की आस्था जुड़ी: हालांकि अब तक ये तय नहीं हुआ है कि माता सती के प्राचीन शिला को कहां स्थापित किया जाएगा. जिला प्रशासन, एसईसीएल टीम और स्थानीय लोगों की राय से अब स्थान का चयन किया जाएगा. इसके बाद माता के प्रचीन शिला को स्थापित किया जाएगा. दरअसल, बरतुंगा के सती मंदिर से लोगों की आस्था जुड़ी हुई है.

आज एक बैठक बुलाई गई थी. जो यहां पर स्थित सती मंदिर है, उसके संबंध में था. मंदिर को दूसरे जगह स्थापित करने को लेकर 90 फीसद लोगों ने सहमति जताई है. -शशि शेखर मिश्रा, नयाब तहसीलदार

मंदिर की जल्द होगी स्थापना: बता दें कि माता सती का मंदिर जहां स्थापित है, वहां जमीन के अंदर आग लगी हुई है. उस आग में कभी भी मंदिर ध्वस्त हो सकती है. यही कारण है कि मंदिर को दूसरे जगह भव्य रूप से स्थापित करने का निर्णय बैठक में लिया गया. अब जल्द ही स्थान निर्धारित कर मंदिर की स्थापना की जाएगा.

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