मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: जिले के सोनहत विधानसभा क्षेत्र में इन दिनों विकास पर तकरार वाली सियासत दिख रही है. यहां पूर्व विधायक और वर्तमान विधायक क्षेत्र के विकास पर लड़ाई लड़ रहे हैं. क्षेत्र की पूर्व विधायक चम्पा देवी पावले ने कांग्रेस के वर्तमान विधायक गुलाब कमरो को झंडू बाम लगाने की सलाह दे डाली है. वहीं, विधायक गुलाब कमरो ने चम्पादेवी को डबल पावर का चश्मा लगाने की नसीहत दी है.
विधायक को दी झंडू बाम लगाने की नसीहत (Zandu Bam entry in Chhattisgarh politics): दरअसल, पूर्व विधायक चम्पा देवी पावले ने क्षेत्र के विकास को लेकर एक बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि जिस अस्पताल को विधायक कमरो अपने कार्यकाल की उपलब्धि बता रहे हैं. वह अस्पताल बीजेपी की देन है. धान खरीदी केंद्र को भाजपा की सरकार ने बनवाया था. भाजपा के द्वारा जो विकास कार्यों की सौगात क्षेत्रवासियों को दी गई थी. कांग्रेसी विधायक उसका श्रेय ले रहे हैं. उनको झंडू बाम लगाने की जरूरत है. उनको थोड़ा और पढ़ाई करने की आवश्यकता है. भाजपा द्वारा कराया गया विकास उनको दिखाई नहीं दे रहा था. अब चश्मा लगा के चल रहे हैं तो दिखाई दे रहा है. वर्तमान में जो सरकार है. वो पूरी तरह से भ्रष्ट सरकार है."
बार-बार भूमिपूजन करने से नहीं होता विकास: वहीं, कांग्रेस सरकार के खिलाफ लालपुर में सड़क के मामले में उन्होंने कहा कि अपने पड़ोस में जाकर देखें. क्या विकास कार्य किए हैं. यदि क्षेत्र का विकास हुआ होता तो यहां के लोगों को "पोल खोलो आंदोलन" नहीं करना पड़ता. दो साल से भूमिपूजन करके रखे हैं. आज तक वहां रोड नहीं बना है. एक काम का 10 बार भूमि पूजन कर देने से विकास नहीं हो जाता है. विधानसभा में एक बार ग्राम पंचायतों का दौरा करके देखिए और वहा की जनता से पूछिए कि आपने धरातल पर क्या विकास कार्य किया है? जनता पूछ रही है गुलाब कमरो ने क्या किया है? वो जनता को जबाब देने लायक नहीं हैं."
गुलाब कमरो ने किया पलटवार: चम्पा देवी पावले के बयान पर वर्तमान विधायक ने पलटवार किया है. विधायक गुलाब कमरो ने कहा कि, " वो कह रही हैं कि मैं कम पढ़ा लिखा हूं. लोगों से बात नहीं करता. जो पढ़ा-लिखा होता है, उसे दिखाई देता है. उधर जाती होंगी तो उन्हें कलेक्ट्रेट ऑफिस दिखता होगा. पुलिस अधीक्षक कार्यालय दिखता होगा. धान खरीदी केंद्र दिखता होगा. चौकी दिखता होगा. कॉलेज दिखता होगा. दिखाई ही नहीं देता उनको. कम पढ़े लिखे लोग हैं. मैं इनको कैसे समझा सकता हूं. इनको फिर से एडमिशन लेना चाहिए और संविधान के विषय में और सरकार और प्रशासन के विषय में फिर से जानकारी लेनी चाहिए. जिला उद्घाटन के समय हमारे मुख्यमंत्री आए थे. तीन-तीन करोड़ रुपये देने की बात किए थे. जो बजट में आया है, उसका हम भूमि पूजन कर रहे हैं. अचार संहिता अलग है, जो काम हमारे बजट में आया है. उसका हम भूमि पूजन कर रहे हैं. जब टेंडर होगा, तभी काम शुरू होगा. पीड़ा इनको है. 15 साल कुछ कर नहीं पाए."
बता दें कि चुनाव से पहले हर क्षेत्र में बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं में आपसी तकरार देखने को मिल रही है. इस बीच भरतपुर सोनहत विधानसभा क्षेत्र में विकास को लेकर पूर्व और मौजूदा विधायक के बीच जमकर वार पलटवार हो रहा है.