मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : पश्चिम बंगाल में आए चक्रवात के कारण छत्तीसगढ़ का मौसम तेजी से बदल गया है.मौसम विभाग ने प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश की चेतावनी दे दी थी. जिसके बाद प्रदेश के कई जिलों में बारिश हुई.मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर में भी बारिश हुई.जिसके कारण कड़ाके की ठंड और ठिठुरन बढ़ने लगी है.इसी के साथ किसानों के सिर पर भी मुसीबत के बाद मंडराने लगे हैं.क्योंकि कई किसानों ने अपने फसल की कटाई नहीं की थी.वहीं बारिश के कारण अब फसल भींग चुकी है.जिससे फसल को नुकसान हो सकता है.
किसानों के सिर पड़ी मुसीबत : आप को बता दें कि लगातार दो दिनों तक प्रदेश के कई जिलों में बादल छाए रहे और कई हिस्सों में बूंदाबादी के साथ बारिश हुई. इसका असर उन किसानों को भी करना पड़ रहा है जिनके खेतों में अब भी फसल लहलहा रही है.वहीं वो किसान जिन्होंने अपनी फसल काटकर खलिहान में रखी है,उन्हें भी बारिश के कारण नुकसान उठाना पड़ सकता है.क्योंकि फसल को सुरक्षित नहीं रखने वो बारिश के पानी में गीली हो जाएगी.इसलिए ज्यादातर किसानों ने अपनी फसल बचाने की कोशिश शुरु कर दी है.
'' बारिश शुरू हो गया है. खेत खलिहान में अभी भी फसल रखे हुए हैं. बारिश शुरू होने से हम लोगों को बहुत नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. सरकार से हम गुहार लगा रहे हैं कि हमारे लिए कुछ सोचे. जिससे कि पूरे साल भर की जो मेहनत है उससे बचाया जा सके.'' हनुमान सिंह, किसान
वहीं दूसरे किसानों की माने तो फसल जो खलिहाल में रखी हुई है.उसकी मिसाई नहीं हो पाई थी.पानी से भींगने के कारण अब फसल में कीड़े लगने की संभावना ज्यादा है.यदि बारिश इसी तरह जारी रही तो फसल को सड़ने से नहीं बचाया जा सकता.जिससे बड़ा नुकसान होगा.
क्यों हो रही है प्रदेश में बारिश : छत्तीसगढ़ में वेस्टर्न डिस्टरबेंस, ट्रफ लाइन और चक्रवाती हवाओं का दौर लगातार बढ़ता जा रहा है. जिससे तापमान में भी लगातार गिरावट हो रही है.एमसीबी में जहां मौसम ने करवट ली है.वहीं अब लगातार तापमान में भी गिरावट हो रही है. आज सुबह से ही आसमान में बादल छाए हुए हैं. बूंदा बांदी बारिश भी हो रही है. मौसम विभाग के जानकारी के अनुसार मौसम का 28 और 30 नवम्बर न्यूनतम तापमान घटकर 15 डिग्री, जबकि 1 से 3 दिसंबर को न्यूनतम 17 डिग्री और अधिकतम 27 डिग्री पर रहने के आसार हैं.