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महासमुंद में पानी की किल्लत: परसटठी के ग्रामीणों ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग का किया घेराव - परसटठी ग्रामीणों का लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग का घेराव

महासमुंद के परसटठी गांव के ग्रामीणों ने पानी की किल्लत (Water scarcity in Mahasamund ) से परेशान होकर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग का घेराव किया.

siege of public health engineering department
परसटठी के ग्रामीणों का हल्ला बोल
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Published : Apr 19, 2022, 6:29 PM IST

महासमुंद: महासमुंद जिले के ग्राम परसटठी के ग्रामीणों ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग का घेराव किया. ग्रामीणों का आरोप है कि, पिछले तीन सालों से गांव परसटठी में पानी की किल्लत है और कोई भी इनकी समस्या पर ध्यान नहीं दे रहा. ग्रामीणों ने इसकी शिकायत लगातार कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों से की. लेकिन आज तक इस गांव के ग्रामीणों को ना पर्याप्त पानी मिला (Water scarcity in Mahasamund ) और ना ही समस्या का निपटारा किया गया. आक्रोशित ग्रामीणों ने मंगलवार को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग का घेराव कर दिया.

महासमुंद में पानी की किल्लत

हैंड पंप और बोर की सबसे खराब स्थिति: ग्रामीणों का कहना है कि, उनके गांव की आबादी लगभग 700 है. उसके लिए 6 हैण्ड पंप और दो बोर लगाये गये हैं. 6 हैंडपंप में से 3 हैंड पंप खराब हो चुके हैं और तीन हैंडपंप से पानी कम आता है. गांव का तालाब सूख गया है और बोर से पानी कम आता है. जिससे लोगों को पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. ग्रामीण दो-दो किमी दूर से पानी लाने को मजबूर हैं.

पेयजल संकट से जूझ रहे लोग: नल जल योजना के तहत 3 साल से काम पूरा होने की बात कही जा रही है. पर आज तक कार्य पूर्ण नहीं हो‌ पाया है. ग्रामीणों के घेराव करने पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मुख्य कार्यपालन अभियंता तीन दिन में वैकल्पिक व्यवस्था किये जाने का आश्वासन दिए हैं. तब जाकर ग्रामीणों ने घेराव समाप्त किया. ग्रामीण पानी की किल्लत दूर नहीं होने पर आंदोलन की बात कह रहे हैं. आला अधिकारी आबादी के हिसाब से व्यवस्था ठीक होने का राग अलाप रहे हैं. लेकिन इस समस्या का समाधान कब होगा ये कोई नहीं बता रहा है.

महासमुंद: महासमुंद जिले के ग्राम परसटठी के ग्रामीणों ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग का घेराव किया. ग्रामीणों का आरोप है कि, पिछले तीन सालों से गांव परसटठी में पानी की किल्लत है और कोई भी इनकी समस्या पर ध्यान नहीं दे रहा. ग्रामीणों ने इसकी शिकायत लगातार कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों से की. लेकिन आज तक इस गांव के ग्रामीणों को ना पर्याप्त पानी मिला (Water scarcity in Mahasamund ) और ना ही समस्या का निपटारा किया गया. आक्रोशित ग्रामीणों ने मंगलवार को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग का घेराव कर दिया.

महासमुंद में पानी की किल्लत

हैंड पंप और बोर की सबसे खराब स्थिति: ग्रामीणों का कहना है कि, उनके गांव की आबादी लगभग 700 है. उसके लिए 6 हैण्ड पंप और दो बोर लगाये गये हैं. 6 हैंडपंप में से 3 हैंड पंप खराब हो चुके हैं और तीन हैंडपंप से पानी कम आता है. गांव का तालाब सूख गया है और बोर से पानी कम आता है. जिससे लोगों को पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. ग्रामीण दो-दो किमी दूर से पानी लाने को मजबूर हैं.

पेयजल संकट से जूझ रहे लोग: नल जल योजना के तहत 3 साल से काम पूरा होने की बात कही जा रही है. पर आज तक कार्य पूर्ण नहीं हो‌ पाया है. ग्रामीणों के घेराव करने पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मुख्य कार्यपालन अभियंता तीन दिन में वैकल्पिक व्यवस्था किये जाने का आश्वासन दिए हैं. तब जाकर ग्रामीणों ने घेराव समाप्त किया. ग्रामीण पानी की किल्लत दूर नहीं होने पर आंदोलन की बात कह रहे हैं. आला अधिकारी आबादी के हिसाब से व्यवस्था ठीक होने का राग अलाप रहे हैं. लेकिन इस समस्या का समाधान कब होगा ये कोई नहीं बता रहा है.

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